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आगरा: आगरा में महाशिवरात्रि पर लोहामंडी के मोहल्ला पुरानी गढ़इया में खाली जमीन पर मूर्ति स्थापना करने पर बवाल हो गया। दो पक्षों में मारपीट के बाद पथराव होने लगा। इससे सांप्रदायिक तनाव फैल गया। सूचना पर पहुंची पुलिस के सामने भी लोग मारपीट करते रहे। बाद में तीन थानों की पुलिस फोर्स पहुंची। तब बवाली भाग खड़े हुए। किदवई पार्क के पीछे मोहल्ला पुरानी गढ़इया में खाली जमीन है। इस पर वाल्मीकि बस्ती के लोग प्रतिमा स्थापना करना चाहते थे, जबकि बड़ा अखाड़ा मोहल्ले का एक परिवार विरोध कर रहा था।

एक पक्ष की ओर से वाल्मीकि बस्ती निवासी कुसुम साहू ने बताया कि जिस जमीन पर प्रतिमा लगाई जा रही थी, वो नजूल की है। वो कई दिन से प्रतिमा लगाने की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए सफाई भी कर दी थी। वहीं दूसरे पक्ष के चश्मुद्दीन उर्फ भइये ने कहा कि 300 वर्ग गज जमीन उनकी है। यह जमीन उनके पुरखों की है। इसके दस्तावेज भी उनके पास हैं। नगर निगम का असिसमेंट भी है। मगर, मोहल्ले के लोग जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। पुलिस के सामने होती रही मारपीट सोमवार दोपहर ढाई बजे वाल्मीकि बस्ती के लोग आ गए। उन्होंने प्रतिमा लगा दीं।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा और बीएसपी के बीच सीटों का जिस तरह से बंटवारा हुआ है उसको देखकर ऐसा लग रहा है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सीटों के बंटवारे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से बाजी मार ली है। शायद इस हालात को सपा के सबसे वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव भांप गए हैं। यही वजह है कि वह टिकटों की बांटने की बात कह रहे हैं। दरअसल सपा के खाते में कई सीटें ऐसी आ गई हैं जहां पर उसका प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा है।

सबसे पहले बात करते हैं उत्तर प्रदेश की कानपुर सीट की तो यहां पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी सांसद हैं। साल 2014 के लोकसभा में जोशी को 474712 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस को 251766 वोट, बीएसपी को 53218 और सपा को सबसे कम 25723 वोट मिले थे। अब अगर दोनों ही पार्टियों को वोटों को मिला दें तो भी वह भाजपा के मुकाबले नहीं ठहर रहे हैं। दोनों ही पार्टियां अभी तक इस सीट पर कभी चुनाव नहीं जीत पाई हैं। इसी तरह सपा के हिस्से में सबसे कठिन सीट वाराणसी आई है।

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव नजदीक देख सीमा पर तनाव का वह फायदा उठाना चाहती है। भाजपा सरकार की कार्यशैली काम कम और बातें अधिक के साथ केंद्र सरकार की केवल डुगडुगी बजाते रहने पर ही आधारित है। मायावती ने रविवार को पदाधिकारियों की बैठक में कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद सत्ताधारी भाजपा के लिए राजनीति करने का समय नहीं था, लेकिन देश की 130 करोड़ जनता ने देखा कि भाजपा उस समय में भी राजनीति करने से बाज नहीं आई।

उन्होंने पुलवामा आतंकी घटना में शहीद हुए सीआरपीएफ के 44 जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पार्टी के लोगों का आह्वान किया कि वे शहीदों के परिवारों का यथासंभव दुख-दर्द बांटते रहने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जहां तक उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार का सवाल है तो इनकी भी नीति व कामकाज केंद्र सरकार जैसा है। आम जनता काफी पीड़ित व त्रस्त है। इनकी समझ यही है कि केवल संगम में डुबकी लगा लेने से इनकी सरकार के सभी प्रकार के पाप धुल जाएंगे तथा जनता के दिन-प्रतिदिन के कष्ट व समस्याएं दूर हो जाएंगी, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री का कानून व्यवस्था को ठीक करने का दावा हवा-हवाई साबित हो गया है। जनता कानून के मुद्दे पर वादाखिलाफी का जवाब भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में सबक सिखाकर देगी। अखिलेश यादव ने रविवार को जारी बयान में कहा कि लखनऊ के आलमबाग में बीच बाजार घटी गोलीबारी-डकैती की घटना भाजपा की नाकाम सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश कर रही है। भाजपा ने एक तरफ व्यापार को खत्म कर दिया है, दूसरी तरफ अनियंत्रित अपराध से व्यापारी खत्म हो रहे हैं। अब इस चुनाव में व्यापारी खुद ही भाजपा को खत्म कर देंगे।

उन्होंने कहा कि जब प्रदेश की राजधानी में ही कानून व्यवस्था की यह स्थिति है तो पूरे राज्य में स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। दो दिन पूर्व बस्ती में एक अधिवक्ता की हत्या से पूरा प्रदेश थर्राया हुआ है। चारों तरफ अराजकता का बोलबाला है। प्रदेश की भाजपा सरकार के दो वर्ष बाद भी कानून व्यवस्था पर कोई पकड़ नहीं बन सकी। आपराधिक घटनाओं से उत्तर प्रदेश की छवि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हुई है। इसके कारण प्रदेश के विकास की संभावनाओं की गति रुक गई है।

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