ताज़ा खबरें
'शराब नीति के कारण दिल्ली सरकार को 2,000 करोड़ का हुआ घाटा'
लैंड फॉर जॉब केस: लालू-तेजस्वी और अन्य आरोपियों को कोर्ट से समन
गुजरात मॉडल सिर्फ छलावा, राज्य पर पांच लाख करोड़ का कर्ज: कांग्रेस
केरलः नफरती भाषण मामले में बीजेपी नेता पीसी जॉर्ज को जेल भेजा गया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चार भारतीय कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
बिहार का कटिहार धमाके से दहला! दो महिलाओं समेत चार लोग घायल
सर्वविदित है, चुनावी वर्ष में पीएम को बिहारियों की चिंता सताएगी: तेजस्वी
अब इधर-उधर नहीं... पीएम मोदी के नेतृत्व में काम आगे बढ़ेगा: नीतीश

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): केंद्र द्वारा अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक के मसौदे को संशोधित करने की बात कहने के बाद समाजवादी पार्टी (एसपी) के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को वकीलों को बधाई दी।

भाजपाई दिखाना चाहते थे कि वे अपनी मनमानी थोप सकते हैं: अखिलेश

यादव ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा,‘‘ प्रिय अधिवक्ताओ। निरंकुशता के खिलाफ एकता की जीत के लिए आपको बधाई हो। ‘एडवोकेट्स (अमेंडमेंट) बिल’ लाकर एक बार फिर से भाजपाई ये दिखाना चाहते थे कि वे अपनी मनमानी किसी पर भी थोप सकते हैं।’’

प्रभावित पक्ष को प्रक्रिया में शामिल करना लोकतांत्रिक परंपरा है: अखिलेश

उन्होंने कहा, "जोड़-तोड़ या किसी भी तरह से बने या मिले बहुमत का मतलब यह नहीं होता कि आप जिसके लिए बदलाव ला रहे हैं उसी की उपेक्षा और हानि कर दें। परिवर्तन से प्रभावित होने वाले पक्ष को उस प्रक्रिया में शामिल करना ही लोकतांत्रिक परंपरा है। ऐसे तो पुराने राजा भी अपने मन से शासन करते थे और फ़ैसले कर लेते थे।"

यादव ने कहा,‘‘बहुमत यदि ‘एकाकीमत’ जैसा बनते दिखता है तो वह लोकतांत्रिक नहीं हो सकता। बदलाव यदि सहमति से होगा तभी सबके लिए लाभकारी होता है, ऐसे बदलाव को ही ‘सुधार’ कहते हैं और संशोधन सुधार के लिए किए जाते हैं, अपनी सत्ता की हनक दिखाने के लिए नहीं।’’

उन्होंने कहा कि झूठे मुकदमे बीजेपी की सियासी साज़िश का बड़ा हिस्सा रहे हैं तथा उसके राज में न्यायिक प्रक्रिया भी राजनीति का शिकार हो गई है।

अखिलेश ने कहा कि बीजेपी सरकार संशोधन नहीं, ‘लगाम’ लेकर आती है लेकिन वह भूल जाती है कि संगठन की एकजुट शक्ति के आगे कोई भी टिक नहीं पाता है, एकता बड़े-बड़े महारथियों का रथ पलट देती है।

उन्होंने कहा,‘‘हम अधिवक्ताओं की न्यायोचित मांग के साथ मजबूती से खड़े थे, खड़े हैं और हमेशा खड़े रहेंगे।’’

बार निकायों द्वारा इसके विभिन्न प्रावधानों के विरोध के बीच, सरकार ने शनिवार को कहा था कि वह अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक के मसौदे को संशोधित करेगी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख