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मुजफ्फरनगर: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर नया कानून लाकर मंडी व्यवस्था को खत्म करने की तैयारी करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि बिहार में वर्ष 2006 से बाजार समितियां बंद हैं और अब उत्तर प्रदेश में भी यही व्यवस्था लागू करने की तैयारी है।

टिकैत ने भारतीय किसान यूनियन द्वारा यहां आयोजित किसान महापंचायत में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार एक नया कानून लाकर मंडी व्यवस्था को समाप्त करने की योजना बना रही है।

उन्होंने कहा, ''अब नयी व्यवस्था के तहत किसानों को मंडी के बाहर अनाज बेचने की छूट दी गई है। इससे मंडियों में अनाज की आवक और राजस्व कम होगा। बिहार में 2006 से बाजार समितियां बंद हैं। अब उत्तर प्रदेश में भी यही व्यवस्था लागू करने की तैयारी है।''

टिकैत ने आरोप लगाया कि 2013 के बाद से सरकार ने जमीन के सर्किल रेट नहीं बढ़ाए हैं। इसके पीछे सरकार की मंशा यह है कि किसान भूमिहीन होकर मजदूर बन जाएं।

किसान नेता ने कहा, ''वर्ष 2047 तक जो किसान अपनी जमीन बचा लेगा वही जिंदा रहेगा। इसके लिए एक पीढ़ी को जमीन बचाने का आंदोलन करना है।''

उन्होंने कुंभ मेला स्नान पर भी निशाना साधते हुए कहा, ''अगर किसी ने कुंभ में स्नान नहीं किया तो उसे जीने नहीं दिया जाएगा, उसे ताने मारे जाएंगे। सरकार देश में भय का माहौल बना रही है। लोगों के दिमाग में आ चुका है। अब विचारों का आंदोलन शुरू होगा।''

गन्ना किसानों की समस्याओं पर टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकारी चीनी मिलें समय पर गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं करती हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य के नाम पर किसानों के साथ धोखा हो रहा है। कुछ उद्योगपति किसानों से कम दाम पर फसल खरीदते हैं और खुद को किसान बताकर उसे सरकार को बेच रहे हैं।

टिकैत ने पीलीभीत पुलिस पर सिख समुदाय के किसानों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि अगर किसानों को आंदोलन करने से रोका गया तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ 72 घंटे का धरना होगा।

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