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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को यहां कहा कि भाजपा सरकार ने विश्वकर्मा समाज को बहुत धोखा दिया है। उन्हें जो सम्मान मिलना चाहिए था नहीं मिला। अब सभी लोग बदलाव चाहते हैं। विश्वकर्मा समाज का सहयोग मिला तो सन् 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बन जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि समाजवादी सरकार बनने पर गोमती तट पर भगवान विश्वकर्मा का मंदिर बनेगा और विश्वकर्मा जयंती पर छुट्टी, जो भाजपा सरकार ने समाप्त कर दी है, पुनः बहाल की जाएगी।

यादव ने कहा कि जातीय जनगणना हो तभी सबकी संख्या सामने आएगी और फिर उसके हिसाब से उसकी भागीदारी तय हो सकेगी। उससे सभी को हक और सम्मान मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार बनने पर योजनाओं का लाभ पहले छोटी 17 जातियों को मिलेगा। प्राथमिकता से लैपटाॅप विश्वकर्मा समाज को बांटे जाएंगे। यह घोषणाएं अखिलेश यादव ने अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा की ओर से समाजवादी पार्टी कार्यालय में आयोजित विश्वकर्मा पूजा समारोह में ​कही।

लखनऊ: अयोध्या प्रकरण के विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को बतौर आरोपी तलब किया है। अदालत ने कल्याण सिंह के सांविधानिक पद पर न रहने का स्वत: संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी। सीबीआई की ओर से गत 9 सितंबर को कल्याण सिंह को बतौर आरोपी कोर्ट में तलब करने की मांग वाली अर्जी देकर बताया गया कि 19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने 14 आरोपियों के खिलाफ ढांचा विध्वंस मामले में आपराधिक वाद चलाने का आदेश दिया था।

वहीं राजस्थान के तत्कालीन राज्यपाल कल्याण सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सांविधानिक पद पर नियुक्त कल्याण सिंह के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। सीबीआई ने अर्जी में कहा था कि कल्याण सिंह ने 4 सितंबर 2014 को राजस्थान के राज्यपाल पद की शपथ ली थी। उनका पांच वर्ष का कार्यकाल 3 सितंबर 2019 को समाप्त हो गया। अब वह किसी सांविधानिक पद पर नहीं हैं, लिहाजा उन्हें इस मामले में तलब करके मुकदमा चलाया जाए।

नई दिल्ली: भारतीय किसान संगठन के बैनर तले अपनी मांगों के लिए दिल्ली की ओर कूच करने वाले किसानों ने अपना धरना खत्म कर दिया है। उनका कहना है कि सरकार ने उनकी 15 मांगों में से 5 मांगें मान ली हैं। अफसरों से मिले आश्वासन के बाद किसानों ने अपना धरना खत्म कर दिया है लेकिन कहा है कि अगर उनकी सभी मांगें नहीं मानी गईं तो वह दो महीने बाद दोगुने बल से फिर वापस आएंगे। हालांकि किसानों की एक बड़ी मांग कर्ज माफी को लेकर जल्द फैसला लेने का आश्वासन दिया है।

गौरतलब है कि किसान शुक्रवार को दिनभर पुलिस के पहरे में रहे। सेक्टर-69 ट्रांसपोर्ट नगर में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था रही। शनिवार सुबह होते ही किसानों ने अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचे। किसान यहां से दिल्ली के किसान घाट पर महाडेरा डालने के लिए रवाना होने को थे। हालांकि इन्हें बॉर्डर पर ही रोकने के लिए सीमाएं सील कर दी गई थीं। हजारों संख्या में पुलिस बल दिल्ली बॉर्डर पर तैनात हैं। भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष पूरन सिंह ने बताया है कि हमारे 11 प्रतिनिधियों को कृषि मंत्रालय ले जाया गया है।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के नाराज किसान अपनी मांगों को लेकर आज शनिवार को दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं। किसान यहां से दिल्ली के किसान घाट पर महाडेरा डालने के लिए रवाना होंगे। हालांकि इन्हें बॉर्डर पर ही रोकने के लिए सीमाएं सील कर दी गई हैं। हजारों संख्या में पुलिस बल दिल्ली बॉर्डर पर तैनात हैं। पहले हुए किसानों के प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा को नजर में रखते हुए प्रशासन ने पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा है।

भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष पूरन सिंह ने बताया है कि हमारे 11 प्रतिनिधियों को कृषि मंत्रालय ले जाया गया है। वहां वो लोग अपनी मांग रखेंगे, अगर हमारी मांगें पूरी हो जाती हैं तो हम यहीं से वापस लौट जाएंगे, वरना हम दिल्ली के लिए कूच करेंगे। दिल्ली जाकर प्रदर्शनकारी वहां कृषि मंत्रालय में अधिकारियों से मुलाकात कर मांग रखेंगे। दिल्ली जाने के लिए सैंकड़ों किसान ट्रांसपोर्ट नगर में इकट्ठा हैं।

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