लखनऊ: भाजपा सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में पहली बार सपा नेताओं ने अपनी मांगों को लेकर राजभवन के बजाए मुख्यमंत्री आवास का रुख किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उनकी बातें ध्यान से सुनीं और कहा कि कुछ भी गलत नहीं होने दिया जाएगा। सपा नेताओं ने मुख्यमंत्री के सामने अपने सांसद आजम खां का मुद्दा उठाया। उन्होंने रामपुर में जिला प्रशासन की आजम खां के खिलाफ की जा रही कार्यवाहियां तत्काल बंद करने की मांग की। यह भी कहा कि उनके खिलाफ साजिश में लगे अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
सपा अध्यक्ष अखिलेश के निर्देश पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, नेता विरोधी दल विधानसभा राम गोविन्द चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद अहमद हसन, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, व पूर्व मंत्री बलराम यादव सुबह साढ़े नौ बजे मुख्यमंत्री मिलने उनके आवास गए। मुख्यमंत्री ने शिष्टाचार निभाते हुए उनका जलपान के साथ स्वागत किया। ज्ञापन में कहा गया है कि मोहम्मद आजम खां के खिलाफ सत्ता दल द्वारा बदले की भावना से, उन्हें अपमानित और परेशान करने के लिए, रोज नए-नए फर्जी मामले दर्ज कराए जा रहे हैं।
इस बात पर कैसे विश्वास किया जा सकता है कि जो व्यक्ति 9 बार विधायक 4 बार मंत्री, एक बार राज्यसभा सदस्य और वर्तमान में लोकसभा का निर्वाचित सांसद है। वह बकरी-भैंस चोरी जैसे काम करेगा?