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चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा है कि अलग रह रही पत्नी द्वारा ‘थाली' (मंगलसूत्र) को हटाया जाना पति के लिए मानसिक क्रूरता समझा जाएगा। यह टिप्पणी करते हुए न्यायालय ने पति की तलाक की अर्जी को स्वीकृति दे दी। न्यायमूर्ति वी. एम. वेलुमणि और न्यायमूर्ति एस. सौंथर की एक खंडपीठ ने इरोड के एक मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत सी. शिवकुमार की अपील को स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की।

उन्होंने स्थानीय परिवार न्यायालय के 15 जून, 2016 के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था, जिसमें तलाक देने से इंकार कर दिया गया था। जब महिला से पूछताछ की गई, तो उन्होंने स्वीकार किया कि अलगाव के समय, उसने अपनी थाली की चेन (महिला द्वारा शादी के प्रतीक के रूप में पहनी जाने वाली पवित्र चेन) को हटा दिया था। हालांकि, महिला ने स्पष्ट किया कि उसने सिर्फ चेन हटाई थी और थाली रखी थी।

महिला के वकील ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा सात का हवाला देते हुए कहा कि थाली पहनना आवश्यक नहीं है और इसलिए पत्नी द्वारा इसे हटाने से वैवाहिक संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

चेन्‍नई: तमिलनाडु की प्रमुख सियासी पार्टी अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) की अंदरूनी लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। दोहरे नेतृत्‍व मॉडल को खत्‍म करते हुए ईपीएस के नाम से लोकप्रिय ईके पलानीस्‍वामी को आज पार्टी का अंतरिम महासचिव नियुक्‍त किया गया है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में विरोधी नेता ओ पन्‍नीरसेल्‍वम (ओपीएम) को निष्‍कासित कर दिया गया है।

अन्नाद्रमुक की जनरल काउंसिल ने निर्णय में कठिनाई और असंतोष का हवाला देत हुए कोआर्डिनेटर और ज्‍वाइंट कोआर्डिनेटर के पदों को खत्‍म कर दिया है। इन पदों को क्रमश: ओ पन्‍नीरसेल्‍वम और पलानीस्‍वामी संभाल रहे थे।

ढाई हजार से अधिक सदस्‍यों वाली जनरल काउंसिल ने ईके पलानीस्‍वामी को सर्वोच्‍च नेता के रूप में पार्टी को चलाने का अधिकार दिया है।

ईपीएस और अन्‍य वरिष्‍ठ पार्टी नेताओं ने ओपीएस पर सत्ताधारी डीएमके शासन का पक्ष लेने और एआईडीएम को कमजोर करने का आरोप लगाया है।

चेन्नई: तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) पर वर्चस्व की जंग में पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद एडप्पादी के. पलानीस्वामी को पार्टी की जनरल काउंसिल की बैठक में अन्नाद्रमुक का अंतरिम महासचिव चुना गया। बैठक में अन्नाद्रमुक जनरल काउंसिल ने महासचिव पद को फिर से स्थापित करने और पार्टी के प्राथमिक सदस्यों द्वारा पद के लिए एक व्यक्ति का चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रस्ताव पारित किया है। चुनाव 4 महीने बाद होगा। इसके अलावा बैठक में पार्टी के दोहरे नेतृत्व को खत्म करने और पार्टी के लिए उप महासचिव पद सृजित करने का प्रस्ताव पारित किया। बता दें कि आज सुबह पनीरसेल्वम को उस समय झटका लगा जब मद्रास हाईकोर्ट ने बैठक की मंजूरी दे दी। इस फैसला के बाद ही उनकी हार तय मानी जा रही थी।

अन्नाद्रमुक की आम परिषद की बैठक में पेरियार, एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) और जे जयललिता को भारत रत्न देने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया।

चेन्नई: अन्नाद्रमुक के समन्वयक ओ. पनीरसेल्वम बृहस्पतिवार को यहां पार्टी की आम परिषद में सदस्यों के एकल नेतृत्व की मांग पर अड़े रहने और उनके प्रतिद्वंद्वी व संयुक्त संयोजक ई.के. पलानीस्वामी का पक्ष लिए जाने के बाद बैठक छोड़कर चले गए। पलानीस्वामी के समर्थकों ने जैसे ही उन्हें एक सजा हुआ ताज, एक तलवार और राजदंड भेंट किया, पन्नीरसेल्वम और अन्नाद्रमुक उप सचिव वैथीलिंगम समेत उनके समर्थक बैठक से चले गए। शोर-गुल के बीच परिषद की बैठक 40 मिनट तक चली।

सर्वोच्च नेता बनाने की मांग पर अड़े रहे

वरिष्ठ पदाधिकारी व पूर्व मंत्री बी. वलरमथी ने पलानीस्वामी के समर्थन में पार्टी के संस्थापक एमजी रामचंद्रन की फिल्म का एक गाना गाया और कहा, 'एक नेता उभरेगा'। बैठक में पलानीस्वामी के समर्थक उन्हें पार्टी का सर्वोच्च नेता बनाने की मांग पर अड़े रहे। यह घटनाक्रम पन्नीरसेल्वम के समर्थकों के सामने पलानीस्वामी खेमे की ताकत को दर्शाता है।

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