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मदुरै (तमिलनाडु): प्रथम वर्ष के छात्रों को पारंपरिक हिप्पोक्रेटिक शपथ के बजाय संस्कृत में विवादास्पद शपथ लेने की अनुमति देने के लिए तमिलनाडु के मदुरै में सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन का तबादला कर दिया गया है और उन्हें प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि मेडिकल छात्रों ने शनिवार को अपने प्रेरण समारोह के दौरान संस्कृत शपथ "चरक शपथ" अंग्रेजी में अनुवाद कर ली थी। वहीं डीन ने दावा किया कि छात्रों ने खुद ही शपथ ली थी।

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नारायणन थिरुपति ने दावा किया कि डीन को हटाने का निर्णय एक राजनीतिक कदम है। उन्होंने मीडिया को बताया, "हिप्पोक्रेटिक शपथ लेने का एक तरीका है। एनएमसी ने पुराने भारतीय चिकित्सा पद्धति (महर्षि चरक शपथ) की सिफारिश की। अनावश्यक राजनीति से बचा जाना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "केंद्र ने कहा कि यह वैकल्पिक है। आपने डीन को निलंबित क्यों किया? द्रमुक को हमेशा पश्चिमी मॉडल पसंद आया है।"

तंजावुर: तमिलनाडु के तंजावुर जिले में दर्दनाक हादसा हुआ है। कालीमेडु में अप्पर मंदिर की रथ यात्रा के दौरान कई लोग हाई वोल्टेज तार की चपेट में आ गए। करंट लगने से 11 लोगों की मौत हो गई है। हादसे में कई लोग घायल भी हुए हैं। घायलों को तंजावुर मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। पीएम मोदी और राज्य के सीएम ने घटना पर दुख जताया है।

मृतकों में कुछ बच्चे भी शामिल

पुलिस ने बताया कि मृतकों में कुछ बच्चे भी शामिल हैं। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और राहत व बचाव कार्य शुरू किया।

ये हादसा उस वक्त हुआ जब बुधवार तड़के रथ यात्रा निकाली जा रही थी। रथ यात्रा के दौरान आसपास के गांवों से कई श्रद्धालु आए हुए थे। पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रथ एक मोड़ से गुजर रहा था। इसी दौरान रथ पर खड़े लोग एक हाई वोल्टेज तार की चपेट में आ गए। करंट की चपेट में आने से रथ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। राहत और बचाव कार्य जारी है।

चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा में सोमवार, 25 अप्रैल, 2022 को एक बिल पास करते हुए राज्यपाल से विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त करने का अधिकार छीन लिया है। बिल के अनुसार, राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति का अधिकार अब सरकार के पास होगा न कि राज्यपाल के पास।

तमिलनाडु में जब से सीएम स्टालिन के नेतृत्व में द्रुमक यानी डीएमके की सरकार बनी है, राज्य विधानसभा में प्रस्तावों के जरिये लगातार केंद्र सरकार की व्यवस्थाओं और प्रशासनिक प्रणालियों को चुनौती दी जा रही है।

तमिलनाडु सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने प्रारंभिक चरण में विधेयक का विरोध किया। वहीं, मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक यानी एआईडीएमके के विधायक ने कांग्रेस विधायक दल के नेता के सेल्वापेरुन्थगई की ओर से एआईडीएमके की नेता एवं दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता से संबंधित टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए विधेयक के पारित होने से पहले सदन से वॉक आउट किया।

चेन्‍नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का हिंदी पर जोर भारत की ‘अखंडता और बहुलवाद' के खिलाफ है और यह अभियान सफल नहीं होगा। अमित शाह द्वारा सात अप्रैल को दिये गये उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तमिलनाडु के सीएम ने कहा कि हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए, न कि स्थानीय भाषाओं के लिए, स्टालिन ने कहा कि यह विचार देश की अखंडता को बर्बाद कर देगा। तृणमूल कांग्रेस ने भी कहा है कि गैर हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने के किसी भी प्रयास का विरोध किया जाएगा। गौरतलब है कि शाह ने गुरुवार कोकहा था कि हिंदी को स्थानीय भाषाओं के नहीं, बल्कि अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णय किया है कि सरकार चलाने का माध्यम राजभाषा है और यह निश्चित तौर पर हिंदी के महत्व को बढ़ाएगा।

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