ताज़ा खबरें
एलजी ने सीएम आतिशी को केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ बताया
कैशकांड पर विनोद तावड़े ने राहुल-खड़गे-श्रीनेत को भेजा कानूनी नोटिस

नई दिल्ली: तमिलनाडु में तीसरी ताकत के तौर पर उभरने के भाजपा के दावे पर राज्य के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने करारा प्रहार किया है। उन्होंने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा कि ये दावा ऐसे ही है कि क्लास में एक बच्चा 90 फीसदी नंबर लाता है, दूसरा 50 फीसदी अंक और तीसरा 10%। दस फीसदी अंक लाने के साथ वो तीसरी ताकत बनने का दावा करता है। भाजपा द्वारा हालिया विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल करने के दावे को भी स्टालिन ने गलत बताया।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की संख्या कम हुईं और पंजाब में उसे दो सीटें मिलीं और कई बड़े नेता चुनाव हार गए। उनका एक डिप्टी सीएम समेत 10 मंत्री चुनाव हार गए। गोवा में भाजपा के कई दिग्गज नेता और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी चुनाव में पराजित हुए। लिहाजा पूरे तौर पर देखा जाए तो पांच विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के लिए नकारात्मक रहे हैं। फरवरी में हुए स्थानीय निकाय चुनाव के बाद भाजपा ने तमिलनाडु में डीएमके-एआईएडीएमके के बाद सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने का दावा किया है।

नई दिल्ली: द्रमुक ने तमिलनाडु विधानसभा से पारित कई विधेयकों को राज्यपाल द्वारा मंजूरी देने में कथित तौर पर विलंब होने का विषय मंगलवार को लोकसभा में उठाया और कहा कि कानून का पालन होना चाहिए। सदन में शून्यकाल के दौरान द्रमुक के नेता टीआर बालू ने यह विषय उठाया और आरोप लगाया कि एम के स्टालिन सरकार द्वारा लाए गए सात विधेयकों को राज्यपाल मंजूरी नहीं दे रहे हैं। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह राज्य से जुड़ा विषय है।

द्रमुक नेता ने कहा, ‘‘क्या हम जंगलराज चला रहे हैं?...कानून का राज चलना चाहिए।’’ संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सदन में राज्यपाल के बारे में चर्चा के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। द्रमुक के नेता अनुमति के बिना इस विषय पर चर्चा नहीं कर सकते।

शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के एक स्थानीय नेता की कथित हत्या का विषय उठाते हुए कहा कि इसकी अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच होनी चाहिए।

नई दिल्ली: सीबीआई ने एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रह्मण्यम को चेन्नई से शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने सुब्रह्मण्यम से पिछले सप्ताह ही पूछताछ की थी। एक स्टॉक ब्रोकर ने अनियमितता के आरोप लगाए थे, जिसके संदर्भ में सीबीआई ने आनंद सुब्रह्मण्यम से पूछताछ की थी। मीडिया रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया था, कि सुब्रह्मण्यम से सीबीआई के अधिकारियों ने चेन्नई में तीन दिनों तक पूछताछ की है। इस दौरान उनसे यह जानने की कोशिश की गई कि उन्हें एनएसई के समूह परिचालन अधिकारी पर नियुक्ति किस तरह मिली। इसके अलावा तत्कालीन प्रबंध निदेशक एवं सीईओ चित्रा रामकृष्ण के साथ उनके जुड़ाव के बारे में भी पूछताछ की गई।

सेबी की हाल ही में आई एक रिपोर्ट में एनएसई के भीतर संचालन से जुड़ी खामियों का जिक्र किए जाने के बाद सुब्रमण्यम मामले की जांच का दायरा बढ़ा दिया गया। सेबी की गत 11 फरवरी को जारी रिपोर्ट से सामने आए कुछ 'नए तथ्यों' के संदर्भ में सीबीआई ने एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा और रवि नारायण से भी पूछताछ की थी।

नई दिल्ली: तमिलनाडु में 17 साल की छात्रा लावण्या की मौत के मामले की सीबीआई जांच जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सीबीआई जांच में दखल देने से इंकार किया है हालांकि तमिलनाडु डीजीपी की याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता और सीबीआई को नोटिस देकर जवाब मांगा है। तमिलनाडु की ओर से डीजीपी की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा कि ये जहर खाकर खुदकुशी का मामला है, लेकिन हाईकोर्ट इसमें लगातार आदेश दे रहा है। ये कोई धर्म परिवर्तन का मामला नहीं है। सीबीआई को सौंपे जाने के खिलाफ तमिलनाडु पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से कहा कि हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश को “प्रतिष्ठा का मुद्दा" ना बनाएं। राज्य पुलिस द्वारा एकत्र किए गए सबूतों को सीबीआई को सौंपा जाए। राज्य के डीजीपी ने मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच के फैसले को चुनौती दी है। डीजीपी ने कहा है कि हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगाई जाए।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख