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हैदराबाद: यहां के एक बैंक में बगैर पहचानपत्र के छह लाख रुपये के पुराने नोट बदले जाने का मामला सामने आया है । पुलिस ने दो बैंककर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया. बैंक प्रबंधक की शिकायत पर पुलिस ने सरूरनगर में सिंडिकेट बैंक की कमलानगर शाखा के दो कर्मियों के खिलाफ रविवार की शाम मुकदमा दर्ज किया । बैंक के लिपिक वी. मल्लेश ने छह लाख रुपये के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट रोकड़िया राधिका को दिए और उसके बदले 2000 रुपये के तीन सौ नोट प्राप्त किए । यह घटना शनिवार को हुई और बैंक प्रबंधक को भी जांच के दौरान इसी तरह की घटना का पता चला । सरूरनगर पुलिस ने दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वास हनन का आपराधिक मामला दर्ज किया। बैंक प्रबंधक द्वारा निलंबित किए जाने के बाद मल्लेश 5.6 लाख रुपये वापस ले आए और बताया कि शेष राशि उसने खर्च कर दी । हालांकि बैंक अधिकारियों और पुलिस को विश्वास नहीं हो रहा है कि रुपये उसके थे । विमुद्रीकृत नोटों के स्रोत के बारे में पुलिस उससे पूछताछ कर रही है ।

हैदराबाद: उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले चुनावों से पहले ‘महागठबंधन’ के गठन की अटकलों के बीच एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ने वाले दलों को सत्ता विरोधी लहर और अन्य चीजों का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि ओवैसी की पार्टी ने पहले ही इस बात के संकेत दे दिये थे कि वह उत्तर प्रदेश चुनावों में अपना प्रभाव छोड़कर राज्य की राजनीति में अपना दबदबा मजबूत करना चाहती है। मुलायम सिंह यादव परिवार की आंतरिक कलह की ओर इशारा करते हुए ओवैसी ने कहा, ‘चाचा (सपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख शिवपाल यादव) और उनके भतीजे (मुख्यमंत्री अखिलेश यादव) दिल और दिमाग से एक-दूसरे के साथ नहीं हैं।’ हैदराबाद से लोकसभा के सदस्य ने कहा कि दूसरी बात यह है कि सांप्रदायिक दंगों को नहीं रोक पाने, अपने वादों को पूरा नहीं कर पाने और केवल यादव परिवार के लिए काम करने जैसे विभिन्न कारणों से राज्य में समाजवादी पार्टी को लेकर सत्ता विरोधी लहर है। ओवैसी ने पीटीआई को बताया, ‘इसलिए जो भी महागठबंधन (जो पार्टियां समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ती हैं) बनता है, उसे समाजवादी पार्टी के खिलाफ जो सत्ता विरोधी लहर है, उसका सामना करना पड़ेगा।

हैदराबाद: हैदराबाद के एक मध्यम वर्गीय इलाके के एक घर से पुलिस ने दो नाबालिग लड़कियों को बचाया जिसमें से एक की उम्र 8 और एक दस साल की है। पुलिस के मुताबिक दोनों बच्चियां पिछले एक साल से यौन शोषण का शिकार हो रही थीं और उनके अभिभावक समझे जाने वाले दंपत्ति को इसकी जानकारी भी थी। बताया जा रहा है कि बाल शोषण का यह विचलित कर देने वाली वारदात परिवार की जानकारी में थी और पुलिस को इसकी जानकारी तब मिली जब उनमें से एक बच्ची ने अपनी टीचर से पेट में दर्द होने की शिकायत की। बच्ची की टीचर को गड़बड़ी की आशंका लगी और उन्होंने बाल अधिकार संस्थान को इस बात की जानकारी दी। पुलिस ने अभिभावकों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। उत्तरप्रदेश से ताल्लुक रखने वाला यह परिवार पिछले 16 सालों से हैदराबाद में रह रहा है। इनका एक 14 साल का बेटा भी है और पुलिस को उसके भी अपनी उम्र से ज्यादा की शारीरिक गतिविधि में लिप्त होने की आशंका है। इस मामले में जफ्फार नाम के एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसके तीन बच्चे हैं. जानकारी के मुताबिक जफ्फार ने बच्चियों की मां के साथ दोस्ती बढ़ाई और बाद में वह महिला के बच्चों को प्रताड़ित करने लगा। जफ्फार के नाबालिग बेटे का नाम भी केस में शामिल किया गया है।

हैदराबाद: भोपाल की एक जेल से सिमी आतंकियों के भाग जाने और बाद में पुलिस के साथ मुठभेड़ में उनके मारे जाने के सरकारी बयान में विसंगति का आरोप लगाते हुए एमआईएमआईएम के प्रमुख असादुद्दीन ओवैसी ने सभी तथ्यों को सामने लाने के लिए सोमवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा जांच की मांग की। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘गृहमंत्री और पुलिस अधिकारी जो कुछ कह रहे हैं, उनमें बड़ी विसंगति है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री कहते हैं कि ये विचाराधीन कैदियों के पास चम्मच थे। यदि उनके पास महज चम्मच थे तो एटीएस आसानी ने उन्हें पकड़ सकती थी क्योंकि एटीएस के पास सारे अत्याधुनिक हथियार होते हैं। वह आसानी से उन्हें गिरफ्तार कर सकती थी।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन, जो लोग गार्ड की हत्या करने के बाद जेल से भागे हों और उनके पास महज चम्मच हों-- यह बात किसी भी सामान्य व्यक्ति के लिये अविश्वसनीय है।’

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