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तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने गुरुवार को अपने नए आधिकारिक आवास में प्रवेश किया। इसे पूरे देश में सबसे बड़ा मुख्यमंत्री आवास कहा जा रहा है। विपक्ष ने इसे लेकर मुख्यमंत्री की आलोचना की है। मुख्यमंत्री ने अपनी पत्नी शोभा राव, पुत्र के.टी.रामाराव और दूसरे परिवार के सदस्यों के साथ सुबह 5.22 बजे पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच घर में प्रवेश किया। नया परिसर दस एकड़ भूमि में फैला हुआ है और इसमें एक लाख वर्गफीट निर्माण क्षेत्र है। यह बेगमपेट में मुख्यमंत्री के मौजूदा कार्यालय के करीब है। लोगों के बीच केसीआर के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने ‘सुदर्शन यज्ञ’ में हिस्सा लिया। इसे पुजारी चिन्ना जीयर स्वामी की देखरेख में किया गया। मुख्यमंत्री हैं। गृह प्रवेश के भाग के तौर पर दंपति ने ‘देवा प्रवेशम’, ‘यति प्रवेशम’, ‘गो-प्रवेशम’ और ‘प्रवेशम’ समारोह का आयोजन हुआ। इस मौके पर राज्यपाल ई.एस.एल नरसिम्हन, उनकी पत्नी विमला नरसिम्हन, केसीआर की पुत्री और सांसद के. कविता, भतीजे और राज्य मंत्री हरीश राव और राज्य के मंत्री और शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहे। इस नए परिसर ‘प्रगति भवन’ के निर्माण में 40 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत का अनुमान है। इसमें मुख्यमंत्री आवास, कार्यालय, सम्मेलन कक्ष और दो इमारतें शामिल हैं। साल 2०14 में नए राज्य तेलंगाना में अपनी पहली सरकार बनाने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने अपने नए आवास के लिए कार्य शुरू कराया था। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के उनके वास्तु सलाहकारों ने उन्हें 2004 में बनवाए गए तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे वाई.एस. राजशेखर रड्डी के कैंप कार्यालय को नहीं लेने की सलाह दी थी। इसकी लागत 8.10 करोड़ रुपये आई थी।

केसीआर इस इमारत को ‘अशुभ’ मानते हैं, क्योंकि राजशेखर रेड्डी ने इसमें बिना अनुष्ठान आदि के प्रवेश किया था। रेड्डी की 2००9 में सत्ता में आने के बाद एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। उनके उत्तराधिकारी के. रोसैया भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके, जबकि अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी को काफी मुश्किल समय से गुजरना पड़ा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने परिसर के सिर्फ आवासीय भाग कार्यालय और आवास के लिए इस्तेमाल किया, लेकिन उन्होंने कैंप कार्यालय का कभी इस्तेमाल नहीं किया। नई इमारत को लेकर विपक्ष ने आलोचना की है। विपक्ष ने कहा कि मौजूदा इमारत के बेहतर हाल में होने के बाद भी नई इमारत बनवाना जनता के पैसे की बर्बादी है। कांग्रेस के नेता मोहम्मद अली शब्बीर ने कहा कि केसीआर नीरो की तरह व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब लोग नोटबंदी के कारण परेशान हैं, मुख्यमंत्री एक बुलेट प्रुफ शौचालय और शयनकक्ष वाले पांच सितारा बंगले में प्रवेश कर रहे हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता शब्बीर ने कहा कि केसीआर एक आलीशान घर में चले गए जबकि उन्होंने चुनावों के दौरान लोगों से 2.6 लाख घर गरीबों को बनवाकर देने का वायदा कहा था, जो अधूरा ही रह गया।

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