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हैदराबाद: विपक्ष के विधायकों के दल बदल कर सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में शामिल होने के मुद्दे पर बहस कराने की मांग करने पर आज (शनिवार) कांग्रेस और तेदेपा के करीब एक दर्जन सदस्यों को तेलंगाना विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। विपक्ष के सदस्यों के विधानसभा अध्यक्ष के आसन के पास पहुंचने के साथ कांग्रेस के नौ और तेदेपा के दो विधायकों को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबन के बाद कांग्रेस के विधायक एम बी विक्रमरका ने आरोप लगाया कि उनका निलंबन और विपक्ष के सदस्यों का कथित रूप से दल बदल कर टीआरएस में शामिल होना लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। सत्तारूढ़ टीआरएस की विधायक जी सुनीता ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस सदस्यों ने सदन को बाधित करने की कोशिश की क्योंकि वे नहीं चाहते कि सरकार द्वारा किए जा रहे अच्छे काम पर सदन में चर्चा हो। उन्होंने कहा कि फैसला हुआ था कि प्रश्नकाल के बाद कोई भी स्थगन प्रस्ताव उठाया जाएगा लेकिन कांग्रेस के विधायकों ने कार्यवाही बाधित करने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने दोहरा मापदंड अपनाया है क्योंकि पड़ोस के आंध्र प्रदेश में विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य सत्तारूढ़ तेदेपा में शामिल हुए और अविभाजित आंध्र प्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के कार्यकाल में कांग्रेस में विपक्ष के सदस्यों को शामिल किया गया था।

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