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जलालाबाद: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरवाल ने रविवार को घोषणा की कि पार्टी के संगरूर से सांसद भगवंत मान उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ जलालाबाद निर्वाचन क्षेत्र से पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। पंजाब में अपने 11 दिवसीय दौरे के पहले दिन बादलों के राजनीतिक घरेलू मैदान जलालाबाद में एक रैली में उन्होंने कहा कि अगर बादल अपना मन बदलते हैं और किसी दूसरी सीट से चुनाव लड़ने की सोचते हैं तो भगवंत मान भी उनका पीछा करेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘कल मैं पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के स्विस बैंक खातों के विवरण को भी सार्वजनिक करूंगा। उन्होंने पंजाब को लूटकर खूब धन जमा किया है, जब वह 2002 से 2007 के दौरान मुख्यमंत्री थे।’ केजरीवाल के साथ मौजूद मान ने कहा कि वह बादल से सामना करने को तैयार हैं। सांसद ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया था। ‘मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि पंजाब में मुझे यह अवसर मिला है।’ उन्होंने अमरिंदर को अमृतसर की उनकी पारंपरिक सीट की जगह जलालाबाद से चुनाव लड़ने की भी चुनौती दी। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि केजरीवाल दूसरों के पीछे छिप रहे हैं और आप प्रमुख को विधानसभा चुनाव में अपने खिलाफ लड़ने की चुनौती दी।

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे पर अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में हुई 34 सदस्यीय पंजाब कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव है, ‘पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन का अंतिम फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया है और समिति आगे की कार्रवाई के लिए पार्टी नेतृत्व को अपनी सिफारिश भेजेगी।’ अमरिन्दर सिंह ने कहा, समिति के सभी सदस्यों को राज्य के कुल 117 विधानसभा सीटों के लिए प्रभावित प्रत्याशियों के नाम की सूची सहित एक फाइल दी गयी है। उन्होंने कहा, ‘समिति के सदस्यों से कहा गया है कि वे टिकट पाने के इच्छुक लोगों की फाइल में मौजूद रिपोर्ट कार्ड देखें तथा कल तक अपना विचार बताएं। उसके बाद यह सूची कांग्रेस छंटनी समिति को भेजी जाएगी।’

चंडीगढ़: नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि नोटबंदी के कारण सपा, बसपा, ममता, कांग्रेस और केजरीवाल आदि का पर्दाफाश हो गया है और जिस तरह से बाढ़ के समय चूहे, बिल्ली, सांप बचने के लिए एक ही पेड़ पर आश्रय लेते हैं, उसी प्रकार से ये दल नोटबंदी के खिलाफ गोलबंद गए है। शाह ने देश में पंचायत से संसद तक बदलाव लाने के लिए प्रधानमंत्री को 15 वर्ष देने की अपील की। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी घूम-घूमकर कहते हैं कि इन ढ़ाई वर्षो में क्या फर्क पड़ा है। हम उन्हें बताना चाहते हैं कि हमने तो सबसे पहला काम यह किया है कि देश को बोलने वाला प्रधानमंत्री दिया है। हमने केंद्र में एक ऐसी पारदर्शी सरकार दी है जिसपर इन ढ़ाई वर्षों में विरोधी भी भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा सके हैं। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सोनिया-मनमोहन की सरकार ने 10 वर्षो में एक के बाद एक घोटाले किये, अन्तरिक्ष से लेकर पाताल तक 12 लाख करोड़ रुपये के घपले-घोटाले किये और राहुलजी पूछते हैं कि फर्क क्या आया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार, जाली करेंसी और जाली नोटों पर मोदी सरकार के कड़े प्रहार का विरोध करके सपा, बसपा, ममता, कांग्रेस और केजरीवाल ने अपने-आपको देश की जनता के सामने एक्सपोज कर दिया है।

चंडीगढ़: शिअद के पूर्व नेता परगट सिंह, भाजपा के पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू और दो अन्य विधायकों ने नदी जल पर राज्य के हितों की रक्षा में बादल सरकार की नाकमी पर विरोध दर्ज कराने के लिए आज (बुधवार) पंजाब विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। हॉकी खिलाड़ी से नेता बने परगट सिंह ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दिया क्योंकि बादल पिता पुत्र नदी जल बंटवारे पर पंजाब के हितों की रक्षा करने में नाकाम रहे हैं। उन्होंने कहा कि कौर ने अपना इस्तीफा सीधे विधानसभा स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल को भेजा है। परगट सिंह (जलंधर छावनी) और नवजोत कौर सिद्धू (अमृतसर पूर्व) के अलावा सिमरजीत सिंह बैंस (आत्म नगर) और उनके भाई बलविंदर सिंह बैंस (लुधियाना दक्षिण) ने भी इस्तीफा दे दिया। परगट ने शिरोमणि अकाली दल से बीते मॉनसून सत्र में इस्तीफा दिया जबकि कौर ने अक्तूबर में भाजपा छोड़ी थी। सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में चर्चा के दौरान बैंस भाई स्पीकर के आसन के समक्ष पहुंच गए और अपना इस्तीफा पत्र उछाल दिया। परगट और बैंस बंधु ‘आवाज ए पंजाब’ के सदस्य हैं, यह एक गैर राजनीतिक मोर्चा है जिसे सिद्धू ने बनाया है। इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का फैसला हरियाणा के पक्ष में जाने पर कांग्रेस के 42 विधायक पहले ही अपना इस्तीफा दे चुके हैं।

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