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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने हरियाणा सरकार को पंजाब के मार्गों पर बसें नहीं चलाने का अपना निर्णय वापस लेने को कहा है, क्योंकि इससे लोगों में 'अनावश्यक' परेशानी पैदा हो सकती है। गुरुवार को सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका को देखते हुए हरियाणा परिवहन विभाग ने 'ऐहतिहाती उपायों' के तहत पंजाब में कई स्थानों के लिए बस सेवाएं शुक्रवार को निलंबित कर दीं। बादल ने एक बयान में कहा, 'इस तरह के निर्णय का कोई तुक नहीं है, क्योंकि पंजाब और हरियाणा के लोग पूरी तरह से भाईचारा, सम्मान और पारस्परिक भरोसे के माहौल में भाइयों की तरह रह रहे हैं। कहीं भी कोई तनाव नहीं है, जिससे कि इस तरह का निर्णय लेने की जरूरत पड़े।'

 

चंडीगढ़: पंजाब ने राज्य से पानी बाहर जाने की इजाजत नहीं देने की प्रतिबद्धता जताते हुए गुरुवार को राष्ट्रपति से अपील करने का निर्णय किया कि वह सतलुज..यमुना लिंक नहर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की सलाह नहीं मानें। कैबिनेट ने साथ ही एसवाईएल मुद्दे पर चर्चा करने के लिए 16 नवम्बर को पंजाब विधानसभा का एक आपात सत्र आहूत करने के साथ ही अगले महीने मोगा में एक ‘महा सम्मेलन’ आयोजित करने का भी निर्णय किया। एसवाईएल मुद्दे पर चर्चा करने के लिए पंजाब कैबिनेट की गुरुवार शाम मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। पंजाब में अकाली दल सरकार को आज तब बड़ा झटका लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने सतलुज-यमुना संपर्क नहर जल बंटवारा समझौते से बचने के उसके प्रयासों को विफल करते हुए कहा कि वह एकपक्षीय तरीके से इसे निरस्त नहीं कर सकता और शीर्ष अदालत के फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए कानून नहीं लागू कर सकता। बादल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हम पंजाब से पानी बाहर जाने की इजाजत नहीं देंगे।’ उन्होंने साथ ही कहा कि राज्य के पास पड़ोसी राज्य से पानी साझा करने के लिए एक भी बूंद पानी नहीं है। इस मौके पर पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘पंजाब के पास छोड़ने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं है।

चंडीगढ़: एसवाईएल के पानी की हिस्सेदारी के समझौते पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य की जनता के साथ अन्याय होने का आरोप लगाते हुए पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को इसके खिलाफ अपनी लोकसभा सीट से वहीं उनकी पार्टी के विधायकों ने सामूहिक रूप से राज्य विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर ने लोकसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेजा, जिसकी प्रति यहां मीडिया को जारी की गयी। उन्होंने अगले सप्ताह लोकसभा अध्यक्ष से व्यक्तिगत मुलाकात का अनुरोध किया है। पार्टी विधायकों ने भी पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेजे और वे कल सुबह उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर त्यागपत्र सौपेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के पानी की हिस्सेदारी के पड़ोसी राज्यों के साथ समझौते के लिए पंजाब द्वारा 2004 में पारित कानून को असंवैधानिक करार दिया था। कैप्टन अमरिंदर ने अपने इस्तीफे में कहा कि उन्होंने अपने राज्य की जनता को सतलज नदी के अति-आवश्यक पानी से वंचित किये जाने के खिलाफ विरोध के तौर पर तत्काल प्रभाव से पंजाब में अमृतसर से 16वीं लोकसभा के सदस्य के तौर पर इस्तीफा देने का फैसला किया। शीर्ष अदालत द्वारा एसवाईएल पर फैसले को पंजाब की जनता के लिए बड़ा झटका बताते हुए अमरिंदर ने यहां कहा कि उन्होंने हमेशा इस मुद्दे पर लोगों के वैध अधिकारों की लड़ाई लड़ी है और इस महत्वपूर्ण मोड़ पर वे राज्य के साथ खड़े हैं।

चंडीगढ़: पड़ोसी राज्यों के साथ जल बंटवारे संबंधी सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर समझौता को रद्द करने वाले, वर्ष 2004 में पारित कानून को सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दिए जाने से लगे जोरदार झटके के बाद आज (गुरूवार) सत्तारूढ़ शिअद ने आपात बैठक बुलाई। पंजाब में शिअद की गठबंधन साझेदार भाजपा ने भी शीर्ष न्यायालय के फैसले पर सहयोगी दल का साथ दिया है। भाजपा ने कहा, ‘‘पंजाब के पास दूसरे राज्य से साझा करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है।’’ मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा, ‘‘एसवाईएल नहर जल बंटवारा पर फैसले से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए आज शाम यहां एक आपात बैठक बुलाई गई।’’ उन्होंने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘हर चीज पर या तो शिअद की कोर कमेटी में या कैबिनेट बैठक में फैसला किया जाएगा।’’ बादल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सांसद पद से पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह के इस्तीफे और उनकी पार्टी के विधायकों द्वारा उनका अनुपालन किए जाने को महज एक नाटक करार दिया। उन्होंने कहा कि उनका और अन्य का इस्तीफा नाटक है। विधानसभा चुनाव दो महीने में होने हैं। क्या वे अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह महज एक नाटक है। पंजाब भाजपा नेता विनीत जोशी ने कहा, ‘‘हम हरियाणा या भारत के किसी अन्य राज्य को पानी देने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन पंजाब के पास बंटवारा के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है।

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