चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस प्रमुख कैप्टन अमरिन्दर सिंह और पूर्व सेना प्रमुख जेजे सिंह (शिअद) सहित 573 उम्मीदवारों ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को अपना नामांकन भरा। पंजाब में एक चरण में चुनाव होने हैं और मतदान 4 फरवरी को होगा। आज के नामांकन के बाद अभी तक कुल 884 लोगों ने पर्चे दाखिल किए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने पटियाला विधानसभा सीट से अपना पर्चा भरा। उनकी पत्नी और पटियाला से विधायक परनीत कौर तथा परिवार के अन्य सदस्य साथ थे। इससे पहले 74 वर्षीय कांग्रेस नेता ने अपने पैतृक आवास किला मुबारक में बने गुरूद्वारा बुर्ज बाबा अला सिंह पर मत्था टेका और काली माता मंदिर में पूजा की। वह गुरूद्वारा दुख निवारण साहिब भी गए। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने अपने पैतृक शहर से रोड शो शुरू किया। अमरिन्दर सिंह बुधवार को लाम्बी सीट से भी पर्चा भरेंगे। लाम्बी में वह मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से सीधी टक्कर ले रहे हैं। कैप्टन ने खुद इस चुनावी जंग को ‘सभी लड़ाइयों का बाप’ बताया है। पर्चा भरने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान अमरिन्दर ने कहा कि वह लाम्बी से बादल को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि भविष्य के सभी मुख्यमंत्रियों को पारिवारिक लाभ के लिए शक्ति के दुरूपयोग को लेकर सबक मिल सके। उन्होंने शिअद प्रत्याशी जनरल सिंह से कोई चुनावी खतरा होने से इनकार किया। कैप्टन ने उन्हें ‘जनरल’ बुलाने से इनकार करते हुए कहा कि उनकी वरिष्ठता किसी मेरिट के आधार पर नहीं थी। जनरल जेजे सिंह ने भी शिअद की ओर से अमरिन्दर के खिलाफ नामांकन दाखिल किया है। पर्चा भरने के बाद उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को ‘फर्जी सैनिक’ बताते हुए उनकी आलोचना की।
जेजे सिंह ने कहा, ‘उनके पास मुझे जज करने का अधिकार नहीं है। मुझे प्रत्येक रैंक पर सम्मानित किया गया है। मुझे लगता है कि उनके पास जानकारी नहीं है, उन्हें मेरी आत्मकथा पढ़नी चाहिए। फिर उन्हें पता चलेगा कि मैं क्या बात कर रहा हूं।’ उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुझे ‘शैतान सिंह’ नाम दिया था क्योंकि कश्मीर में मैंने उनकी लगाम खींच रखी थी।’’ जनरल सिंह ने कैप्टन को ‘गुमशुदा’ नेता करार देते हुए कहा कि उनका राजनीतिक करियर जल्दी ही खत्म होने वाला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को पटियाला और लाम्बी दोनों सीटों से हार मिलेगी। जनरल ने कहा, ‘वह थक जाएंगे। मैं दिन में 18 घंटे काम कर रहा हूं, वह दिन में छह घंटे काम नहीं कर सकते। उन्हें आराम की जरूरत है। मेरी जड़ें यहां हैं और उनका कहना है कि मेरा पटियाला से कोई लेना-देना नहीं है। मुझे लगता है कि उन्हें कुछ नहीं पता।’