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जादवपुर: महिलाओं को लेकर विवादित पोस्ट फेसबुक पर डालने वाले कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कनक सरकार को तत्काल प्रभाव से उनके कर्तव्यों से विरत कर दिया गया। बता दें कि प्रोफेसर ने सोमवार को महिलाओं को लेकर एक विवादित पोस्ट फेसबुक पर डाली थी। कनक ने "वर्जिन दुल्हन क्यों नहीं?" विषय पर लिखा। उसमें कनक ने लिखा कि "बहुत सारे लड़के बेकवूफ बने हुए हैं। वो बीवी के रूप में एक वर्जिन लड़की को लेकर जागरूक नहीं हैं। वर्जिन लड़की एक सील बंद बोतल या सील बंद पैकेट की तरह है। क्या तुम सील टूटी कोल्ड ड्रिंक की बोतल या सील खुले बिस्किट के पैकेट को खरीदना पसंद करोगे? इसी तरह तुम्हारी बीवी का केस है"।

छात्रों और अध्यापकों ने सरकार पर फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और इसी तरह के बयान कैंपस में देने का आरोप लगाया। जेयू हमेशा से ही छात्र राजनीति का मुख्य केंद्र रहा है। अपनी दूसरी पोस्ट में सरकार ने लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ए के तहत सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त करने का अधिकार दिया है।' जिसके बाद वह बंगाल के बुद्धिजीवियों के निशाने पर आ गए।

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पश्चिम बंगाल में उसकी रथ यात्रा की योजना को सुप्रीम कोर्ट में करारा झटका लगा है। मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करते सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार की तरफ से रथ यात्रा पर प्रतिबंध के फैसले पर किसी तरह की दखल देने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से हिंसा का शक बेबुनियाद नहीं है। कोर्ट ने भाजपा से कहा कि वह अपनी बंगाल रथ यात्रा के लिये प्राधिकारियों से नयी मंजूरी प्राप्त करे।

इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि बोलने और अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार को ध्यान में रखते हुये रथ यात्रा के लिये भाजपा के आवेदन पर निर्णय करे। सुप्रीम कोर्ट बीजेपी की तरफ से कलकत्ता होईकोर्ट की डिविजन बेंच के फैसले को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने सिंगल बेंच को उस फैसले पर रोक लगा दी थी जिसने भाजपा को कोलकाता में रथ यात्रा को मंजूरी दी थी। पिछली सुनवाई के दौरान, जस्टिस एलएन रावऔर संजय किशन कौल की बेंच ने ममता बनर्जी की नेतृत्ववाली सरकार से कहा था कि वे याचिका पर जवाब दें।

कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को एक महिला के 25 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति दे दी। महिला ने भ्रूण के विकास में कमी को देखते हुए गर्भपात के लिए याचिका दाखिल की थी। महिला के गर्भपात की वकालत करने वाले मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती ने निर्देश दिया कि महिला को मंगलवार की सुबह में सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया जाए।

अदालत ने शुक्रवार को महिला को निर्देश दिया था कि वह मेडिकल बोर्ड के समक्ष जांच के लिए शनिवार को पेश हो। महिला के 25 सप्ताह की गर्भवती होने के कारण मामले में तत्काल कार्रवाई की जरूरत को देखते हुए न्यायमूर्ति चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त महाधिवक्ता को सोमवार को बोर्ड की रिपोर्ट देने को कहा था। बोर्ड ने महिला के गर्भपात के पक्ष में अपनी रिपोर्ट दी थी।

बारासात (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आम चुनाव के मद्देनजर फिल्म ''द ऐक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर" की रिलीज के समय पर शुक्रवार को सवाल उठाया और व्यंग्य करते हुए कहा कि सभी प्रधानमंत्री संयोगवश बने। उन्होंने यह भी दावा किया कि ऐसी फिल्में तथ्यों को तोड़ मरोड़कर बनाई जाती हैं। बनर्जी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ''सभी संयोगवश प्रधानमंत्री बने। ''द ऐक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर फिल्म मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री के तौर पर 2004 से 2014 तक के कार्यकाल पर आधारित संजय बारु की इसी नाम की किताब पर आधारित है। बारु मनमोहन के मीडिया सलाहकार रह चुके हैं। यह फिल्म शुक्रवार को रिलीज हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा कि अगर लोग ऐसी फिल्में बना रहे हैं तो ''द डिजैस्ट्रस पीएम जैसी फिल्में भी बननी चाहिए। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यहां 23वें जात्रा उत्सव का उद्घाटन करने के बाद कहा, ''मुझे पता चला कि कुछ लोग राजनीतिक फिल्में बना रहे हैं। लोकसभा चुनाव से कुछ वक्त पहले उन्होंने 'द ऐक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर नाम की फिल्म रिलीज की है। वैसे सभी प्रधानमंत्री संयोगवश बने थे।

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