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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माना है कि प्रदेश की राजधानी पटना की गंदगी देखकर उन्हें शर्म महसूस होती है। मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग के अधिकारियों के सामने पटना के मेयर अफजल इमाम की जमकर क्लास लगाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर का कचरा देखकर उन्हें परेशानी होती है। मेयर को दोटूक शब्दों में नीतीश ने कहा कि अधिकारियों के साथ लड़ने में वे बेवजह अपना समय बर्बाद नहीं करें। चेतावनी भरे लहजे में उन्होंने कहा कि सरकार के धैर्य की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि सरकार आखिर ऐसी हालत में कब तक मूक दर्शक बनी रह सकती है। किसी सार्वजनिक मंच से नीतीश ने पहली बार नगर विकास विभाग और खासकर पटना शहर के मेयर पर गुस्सा उतारते हुए कहा कि कृपा कर वे नगर की साफ़ सफाई और विकास पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि अगर काम कीजियेगा तो कोई नहीं हिलाएगा। नीतीश ने कहा कि अगर मेयर विवादों से बचे तो सरकार की जग हंसाई कम होगी। फ़िलहाल कोई भी व्यक्ति जो यहां रहता है या बाहर से आता है, शहर की हालत देखने के बाद या आलोचना कर जाता है या दुखी हो जाता है लेकिन सरकार मजबूर है।

पटना: शायद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पॉकेट में पैसे लेकर नहीं चलते। उनकी यह स्थिति तब देखने को मिला जब बुधवार को वे राजधानी पटना में नई बस सेवा के उद्घाटन के बाद बस का जायजा लेने के लिए बस में सवार हुए । नीतीश कुमार खुद सीट पर बैठकर एक यात्री के रूप में सुविधा का जायजा ले रहे थे, तभी बस कंडक्टर ने पटना के गांधी मैदान से रेलवे स्टेशन के बीच चलने वाली इस बस सेवा का 5 रुपए का टिकट उन्हें थमा दिया। नीतीश कुमार ने जब अपने कुर्ते की जेब में हाथ डाला, तब उन्हें आभास हुआ कि उनकी जेब में तो टिकट के लिए पैसे ही नहीं हैं। इतने में नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने पैसे दे दिए। बाद में नीतीश कुमार ने भाषण देते हुए कहा कि नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव ने पैसे देकर उन्हें बचा लिया।

पटना: बिहार कैबिनेट ने 24 अप्रैल से तीन स्तरीय पंचायत चुनावों को दस चरणों में कराने की मंगलवार को अनुमति दे दी। कैबिनेट सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा, ‘‘राज्य कैबिनेट ने पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी कि राज्य में दस चरणों में चुनाव आयोजित कराए जाएं। इसने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने के कार्यक्रम को मंजूरी दी है।’’ उन्होंने कहा कि चुनाव आयोजित कराने के लिए 28 फरवरी को साझा अधिसूचना जारी किए जाने को भी मंजूरी दी गई। मेहरोत्रा ने कहा कि पंचायत चुनाव 24 अप्रैल, 28 अप्रैल, दो, छह, 10, 14, 18, 22, 26 और 30 मई को आयोजित कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दो, चार, आठ, 10, 11, 26, 28, 30 मार्च और चार तथा सात अप्रैल को अलग से अधिसूचना जारी होगी। अधिकारियों ने कहा कि बिहार में करीब 8500 ग्राम पंचायत हैं जिनमें इतनी ही संख्या में मुखिया और सरपंच का चुनाव होना है।

पटना: आरक्षण पर गैर-राजनीतिक समिति बनाने के आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को 'संविधानेतर' बताते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि आरएसएस और भाजपा दलितों व ओबीसी का आरक्षण खत्म करना चाहते हैं। कैबिनेट की बैठक के बाद कुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'आरएसएस प्रमुख ने पहले भी बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान बयान दिया था कि आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए समिति बनाई जानी चाहिए। लेकिन संविधान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आरक्षण सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ों को दिया जाएगा और इस आधार पर दलितों और पिछड़े तबके को आरक्षण मिला है। अब आरएसएस प्रमुख 'संविधानेतर' बातें कर रहे हैं।' नीतीश कुमार ने कहा, 'केंद्र सरकार की विचारधारा भी आरएसएस वाली है। वे (आरएसएस और बीजेपी) दलितों व पिछड़ों को आरक्षण दिए जाने से नाखुश हैं, वे आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं।'

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