ताज़ा खबरें
बिहार विधानसभा चुनाव: तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ेगा महागठबंधन
बंगाल में दिसंबर तक काम कर सकेंगे शिक्षक, सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत
ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी, जहां जज कानून बनाएंगे: धनखड़
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर सरकार को दिया सात दिन का वक्त

नई दिल्‍ली: नौकरी के बदले जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार (09 जनवरी) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी समेत अमित कत्याल का नाम शामिल है।

ईडी ने चार्जशीट में दो फर्मों को भी आरोपी बनाया है। राउज़ ऐवन्यू कोर्ट 16 जनवरी को चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर सुनवाई करेगा। ईडी की इस मामले पहली चार्जशीट है, जबकि सीबीआई 3 चार्जशीट फाइल कर चुकी है। ईडी ने कोर्ट में बताया कि राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और ह्रदयानंद चौधरी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

मामले की जांच जारी, दाखिल होगी सप्लीमेंट्री चार्जशीट

इसके अलावा ईडी ने कोर्ट में ये भी बताया कि इस मामले में जांच अभी भी जारी है और आगे सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव से कथित तौर पर जुड़े अमित कात्याल को जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में हिरासत में लिया था।

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य सरकार बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और एथलीटों को सहायता प्रदान करने के लिए जल्द ही एक 'खेल विभाग' बनाएगी। उन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में पदक जीतने वाले प्रदेश के 71 खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये।

उन्होंने कहा, 'हमने बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और पदक जीतने के प्रयासों में एथलीटों का समर्थन करने के लिए बिहार में एक अलग खेल विभाग बनाने का फैसला किया है।' फिलहाल खेल, राज्य के कला, संस्कृति और युवा मामलों के विभाग का हिस्सा है।

कुमार ने कहा, 'अब, प्रतिभाओं की सुविधा के लिए एक अलग खेल विभाग बनाया जाएगा और राज्य में एथलीटों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।' उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सीधी नौकरी देने का फैसला किया है।

पटना: जेडीयू कोटे से मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता मदन सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग कर दी है। 'इंडिया' गठबंधन में अभी सीट शेयरिंग पर भी बात नहीं हुई, उससे पहले ही जेडीयू नेता ने यह बयान देकर सियासी माहौल को गर्म कर दिया है। मदन सहनी गुरुवार (04 जनवरी) को प्रदेश कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।

सीट शेयरिंग को लेकर जेडीयू नेता मदन सहनी ने कहा कि समय पर सब कुछ हो जाएगा। शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के तमाम नेता कहते हैं कि नीतीश कुमार सबसे अनुभवी और योग्य हैं। उनको संयोजक बनाया जाए, जबकि मुख्यमंत्री खुद कई बार कह चुके हैं कि उनको किसी पद की लालसा नहीं है। उसके बाद भी इस तरह का प्रश्न उठाने का कोई औचित्य नहीं है।

मंत्री मदन सहनी ने पत्रकारों से बातचीत में आगे कहा कि बिहार के नाते और मंत्रिमंडल के सदस्य होने के नाते हमलोग मानते हैं कि नीतीश कुमार ने प्रदेश में काफी काम किया है। बिहार ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेशों में भी इसका असर देखने को मिला है।

नई दिल्ली: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने कुछ महीने पहले जाति आधारित सर्वेक्षण कराया है। इसका विवरण सार्वजनिक करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर हुई है। याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से कहा कि जाति सर्वेक्षण का 'डेटा ब्रेकअप' सार्वजनिक किया जाए। अदालत ने कहा, मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को होगी। शीर्ष अदालत ने कहा, बिहार में कराए गए जाति सर्वेक्षण का डेटा जनता को उपलब्ध नहीं कराए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट चिंतित है। अगर कोई व्यक्ति सर्वेक्षण के किसी विशेष निष्कर्ष को चुनौती देना चाहता है तो उसके पास सर्वेक्षण का डेटा होना चाहिए।

अंतरिम राहत देने से इंकार, डेटा सार्वजनिक

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख