नई दिल्ली: नौकरी के बदले जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार (09 जनवरी) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी समेत अमित कत्याल का नाम शामिल है।
ईडी ने चार्जशीट में दो फर्मों को भी आरोपी बनाया है। राउज़ ऐवन्यू कोर्ट 16 जनवरी को चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर सुनवाई करेगा। ईडी की इस मामले पहली चार्जशीट है, जबकि सीबीआई 3 चार्जशीट फाइल कर चुकी है। ईडी ने कोर्ट में बताया कि राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और ह्रदयानंद चौधरी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
मामले की जांच जारी, दाखिल होगी सप्लीमेंट्री चार्जशीट
इसके अलावा ईडी ने कोर्ट में ये भी बताया कि इस मामले में जांच अभी भी जारी है और आगे सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव से कथित तौर पर जुड़े अमित कात्याल को जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में हिरासत में लिया था।
फिलहाल जो चार्जशीट दाखिल की गई है, वो 4751 पेज की है।
क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला?
ईडी के मुताबिक, ये कथित घोटाला उस समय हुआ जब केंद्र में यूपीए-1 की सरकार थी और लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। आरोप लगने के बाद पता चला कि साल 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव के परिवार और उनके सहयोगियों को दी गई जमीन के बदले में इंडियन रेलवे के अलग-अलग क्षेत्रों में ग्रुप-डी के पदों पर कई लोगों को नियुक्ति दी गई।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दायर एक प्रारंभिक शिकायत के बाद ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत मामले की जांच करनी शुरू की।