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पटना (जनादेश ब्यूरो): बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्ष की कई राजनीतिक दलों की महाबैठक होने वाली है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने के लिए देश के कई राजनीतिक दिग्गजों का वहां जमावड़ा लगेगा। ये बैठक पहले 19 मई और फिर 12 जून को होने वाली थी। लेकिन सभी दलों के शीर्ष नेता के मौजूद नहीं होने के कारण इसे टाल दिया गया था। लेकिन 23 जून को लेकर सभी प्रमुख दलों के प्रमुख नेताओं ने अपनी सहमति दे दी है।

जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लल्लन सिंह ने कहा है, "कांग्रेस पार्टी से अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने इस बैठक में शामिल होने को लेकर सहमति जताई है। इसके साथ ही टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के प्रमुख और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, शिवसेना (उद्धव गुट) अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार, डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने सहमति दे दी है।"

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों की एकता को लेकर प्रस्तावित बैठक में सभी संबंधित दलों के प्रमुखों के शामिल होने पर जोर देते हुए सोमवार को कहा कि 12 जून को होने वाली बैठक को स्थगित कर दिया गया है और इसकी अगली तिथि बाद में तय की जाएगी।

नीतीश का दलों के प्रमुखों को शामिल करने पर जोर

जदयू के शीर्ष नेता नीतीश ने यहां एक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा कि इस बहुचर्चित बैठक की नयी तारीख की घोषणा सभी दलों से विचार-विमर्श के बाद की जाएगी। उन्होंने कहा, "हमें 12 जून की बैठक स्थगित करनी पड़ी, क्योंकि कांग्रेस और एक अन्य पार्टी ने मुझे बताया कि उन्हें तारीख असुविधाजनक लगी। इसलिए मैंने बैठक को स्थगित करने का फैसला किया है। मैंने कांग्रेस से अन्य पार्टियों के साथ परामर्श के बाद एक नयी तारीख सुझाने के लिए कहा है।"

नीतीश ने कहा, "मैंने एक बात बहुत स्पष्ट कर दी है। सभी दल जो बैठक में भाग लेने के लिए सहमत हैं, उनके संबंधित प्रमुखों द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाना चाहिए।"

खगडिय़ाः बिहार के खगडिय़ा के अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा पर बन रहा पुल रविवार को गिर गया। पुल के चार पिलर भी नदी में समा गए। पुल का करीब 192 मीटर हिस्सा नदी में गिरा है। हादसा शाम के समय हुआ, इसलिए कोई मजदूर वहां काम पर नहीं था। हालांकि इतना बड़ा स्ट्रक्चर गिरने से गंगा नदी में कई फीट ऊंची लहरें उठीं। इससे नदी में नाव पर बैठे लोग सहम गए।

पुल का कुछ हिस्सा पिछले साल भी गिर चुका है। इसे एसपी सिंगला कंपनी बना रही है। पुल का शिलान्यास 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। पुल का निर्माण 2015 से चल रहा है। इसकी लागत 1710.77 करोड़ रुपए है। पुल की लंबाई 3.16 किलोमीटर है।

इस निर्माणाधीन पुल का स्ट्रक्चर पिछले साल भी नदी में गिर गया था। तीन पिलरों के 36 स्लैब यानी करीब 100 फीट लंबा हिस्सा भरभराकर ढह गया था। रात में काम बंद था, इसलिए जनहानि नहीं हुई थी। उस समय पुल निगम के एमडी के साथ एक टीम ने वहां जाकर जांच भी की थी।

कटिहारः बिहार के कटिहार में एनआईए की टीम छापेमारी की। कटिहार के हसनगंज थाना क्षेत्र में युसूफ टोला के प्रतिबंधित संगठन पीएफआई नेता मोहम्मद नदवी के करीबी के यहां केंद्रीय जांच एजेंसी छापेमारी करने पहुंची। इससे पहले भी हाल के दिनों में एनआईए की टीम छापेमारी कर चुकी है।

कटिहार में एनआईए के टीम ने हसनगंज थाना क्षेत्र के मुजफ्फर टोला में लगभग 3 घंटे तक छापेमारी की। एनआईए की टीम ने नासिर हुसैन के घर दस्तावेज को खंगाला। वहीं, स्थानीय लोगों की मानें तो एनआईए ने पूछताछ के लिए महबूब आलम नदवी के भाई मोहम्मद जावेद को अपने साथ ले गई। स्थानीय स्तर पर लोगों ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि, आधिकारिक रूप से अब तक इसकी कोई पुष्टि नहीं है।

कर्नाटक में पीएफआई से संबंधित 16 परिसरों पर एनआईए ने मारे छापे

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में बुधवार सुबह राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों से संबंधित 16 परिसरों पर छापेमारी की।

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