नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): दिल्ली में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी की कमान संभाल ली है। यह जानकारी पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने पत्रकार वार्ता में दी। जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हुए फैसले का राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग में अनुमोदन किया गया। इसके तहत मीटिंग में ललन कुमार के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया गया। ऐसे में अब जेडीयू के चीफ नीतीश कुमार होंगे।
त्यागी ने बताया कि बैठक में चार राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए हैं। उन्होंने कहा, ''जाति आधारित जनगणना को लेकर देशभर में प्रचार प्रसार किया जाएगा। इंडिया गठबंधन का भी ये एजेंडा होगा। नीतीश कुमार जनवरी महीने में जनजागरण के लिए निकलेंगे। इसकी शुरुआत झारखंड से होगी। इंडिया गठबंधन के घटक दलों के साथ सीटों के तालमेल पर और अन्य फैसलों पर नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा, संसद के शीतकालीन सत्र में सांसदों का निलंबन शर्मनाक है।''
केसी त्यागी ने बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर भी रुख साफ किया। उन्होंने कहा कि जनता दल यूनाइटेड है। एनडीए में जाने के कयास मत लगाइए। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई किसी का दुश्मन नहीं होता है।
नीतीश कुमार के चेहरे को लेकर केसी त्यागी ने कहा कि मुख्यमंत्री इंडिया गठबंधन के विचारों के संयोजक हैं और इंडिया गठबंधन के विचारों के प्रधानमंत्री हैं। उत्तर प्रदेश के फूलपुर से चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार चुनाव लड़ेंगे या नहीं यह अभी तय नहीं किया गया है।
आरजेडी और जेडीयू के बीच कोई विवाद नहीं
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केसी त्यागी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जेडीयू के बीच कोई विवाद नहीं है। बिहार इंडिया गठबंधन के सीट बंटवारे के मामले पर मॉडल बनेगा। वहीं ललन सिंह ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि जो एजेंडा चलाया जा रहा था, वह पूरी तरह गलत है, किसी तरह बीजेपी या एनडीए के साथ नहीं जा रहे हैं। इंडिया गठबंधन को मजबूत करेंगे।
ललन सिंह ने कार्यकारिणी बैठक में अध्यक्ष पद छोड़ते हुए नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा और कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी को उनके नेतृत्व की आवश्यकता होगी, जबकि वह खुद अपना चुनाव लड़ने में व्यस्त होंगे। ललन सिंह मुंगेर सीट से लोकसभा सांसद हैं।
सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू के कई नेताओं का मानना था कि नीतीश कुमार को 2024 में लोकसभा चुनावों से पहले इस महत्वपूर्ण समय में संगठन की कमान संभालनी चाहिए। इसके अलावा सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ हाल में हुई बातचीत में पार्टी के कई नेताओं ने ललन सिंह के नेतृत्व की आलोचना की थी।
अब इस बदलाव से कुछ नहीं होने वाला: कुशवाहा
इस बदलाव पर राष्ट्रीय लोक जनता दल के चीफ और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि नीतीश कुमार स्थिति को काबू करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब कुछ नहीं होने वाला। उन्होंने मीडिया से कहा, ''हमने तो पहले कहा था। जेडीयू के एनडीए से रिश्ता तोड़ने के बाद मैंने कहा था कि पार्टी बचने वाली नहीं है। धीरे-धीरे मेरी बोली हुई बात सच हो रही है। कुछ दिन पहले से ही चल रहा था कि ललन सिंह जेडीयू के नेता कम और आरजेडी के नेता के रूप में ज्यादा काम कर रहे हैं।''
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा, ''ललन सिंह का इस्तीफा दो महीने पहले की बात है। ललन सिंह और विजेंद्र यादव तेजस्वी यादव को सीएम बनाने का प्रस्ताव लेकर गए थे। इसके लेकर नीतीश कुमार ने नाराजगी जाहिर की थी। मुझे जब सीएम पद से हटाया गया तो मैंने कहा था कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना सबसे बड़ी गलती होगी। शायद ये ही बात नीतीश कुमार के मन में थी।''
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जेडीयू में बदलाव से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। नीतीश कुमार को ख्वाब दिखाया गया कि वो इंडिया गठबंधन के संयोजक या पीएम पद के चेहरा होंगे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। हम बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेंगे।
महागठबंधन सरकार से बीजेपी बौखला गई है: आरजेडी
बिहार के डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला किया। उन्होंने कहा, ''जिस तरीके से बिहार में महागठबंधन सरकार चला रही है उससे बीजेपी बौखला गई है। जब बिहार में महागठबंधन ने मिलकर चुनाव लड़ा था तो बीजेपी को बुरी तरह से हरा दिया था। ऐसे में हमारे गठबंधन से बीजेपी के हाथ पांव फूलने लगे हैं।''