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देवास (मप्र): स्थानीय अदालत ने आरएसएस के पूर्व प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड मामले में बुधवार को साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी आठ आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। जोशी की 29 दिसंबर 2007 को देवास के औद्योगिक पुलिस थाना इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव मधुसूदन आपटे ने इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सहित सभी आठ आरोपियों को यह कहकर बरी कर दिया है कि इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। प्रज्ञा के अलावा जिन आरोपियों को इस मामले में बरी किया गया है, उनमें हर्षद सोलंकी, लोकेश शर्मा, राजेन्द्र चौधरी, जितेन्द्र शर्मा, रामचरण पटेल, वासुदेव परमार और आनंदराज कटारिया शामिल हैं। फैसला आने के बाद आनंदराज कटारिया और वासुदेव परमार अदालत में रो पड़े। शुरुआत में जिला पुलिस ने इस हत्या के मामले में कोई सुराग न मिलने के कारण जांच बंद कर दी थी। लेकिन राजस्थान में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी बाद प्रज्ञा सहित इन आठ लोगों को इस हत्या का आरोपी बनाया था। पिछली संप्रग सरकार के दौरान आरोपपत्र पेश होने के बाद यह प्रकरण राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत भोपाल ट्रांसफर किया गया था। हालांकि, बाद में भोपाल की अदालत ने इस मामले को यह कहकर वापस देवास ट्रांसफर कर दिया था कि यह मुकदमा एक साधारण हत्या का है और एनआईए के दायरे में नहीं आता है।

इंदौर: अंतरंग रिश्तों के विवाहेतर त्रिकोण की पृष्ठभूमि में उत्पन्न ‘सौतिया डाह’ के चलते वर्ष 2011 में अंजाम दिये गये बहुचर्चित शहला मसूद हत्याकांड की मास्टरमाइंड जाहिदा परवेज समेत चार लोगों को शनिवार को यहां विशेष सीबीआई अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी, जबकि सरकारी गवाह बने आरोपी को क्षमादान दे दिया। विशेष सीबीआई न्यायाधीश बीके पालोदा ने भोपाल की आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के करीब साढ़े पांच साल पुराने मामले में जाहिदा (40) के साथ उसकी अंतरंग सहेली सबा फारकी (36), सुपारी लेकर भाड़े के हत्यारों का इंतजाम करने वाले शाकिब अली उर्फ ‘डेंजर’ (42) और भाड़े के शूटर ताबिश (31) को दोषी करार दिया। अदालत ने अपने 92 पन्नों के फैसले में कहा, ‘अभियोजन ने प्रमाणित किया है कि जाहिदा ने आपराधिक षड़यंत्र के तहत शहला मसूद की हत्या की योजना बनायी जिसमें सबा ने उसका सहयोग किया। इस वारदात के लिये शाकिब को सुपारी दी गयी। उसने शहला की हत्या की योजना को पूर्ण करने के लिये अपने साथ आरोपी इरफान और ताबिश को शामिल किया और इस अपराध के लिये देशी कट्टा और कारतूस के साथ मोटरसाइकिल भी उपलब्ध करायी।’ विशेष सीबीआई न्यायाधीश ने निर्णय में कहा, ‘ताबिश ने आग्नेय हथियारों को बिना लायसेंस के अपने कब्जे में रखते हुए शहला मसूद की गोली मारकर हत्या की। अपराध में प्रयुक्त मोटरसाइकिल की पहचान को भ्रमित करने और सबूत नष्ट करने के लिये सबा ने इस वाहन का रंग बदलवा कर उसे लावारिस स्थान पर छोड़ दिया।

भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में पॉलीथीन की थलियों पर एक मई से पूर्ण प्रतिबंध लगाने की गुरूवार को घोषणा की है, ताकि पर्यावरण का संरक्षण करने के साथ-साथ गायों को इनसे बचाया जा सके और स्वच्छता को बढ़ावा दिया जा सके। मुख्यमंत्री ने यहां लाल परेड ग्राउंड पर 68वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराने एवं परेड का निरीक्षण करने के बाद भव्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘मध्यप्रदेश में एक मई से पॉलीथीन की थैलियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।’ लाल परेड ग्राउंड पर अमूमन प्रदेश के राज्यपाल गणतंत्र दिवस पर झंडारोहण कर संबोधन करते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली, गुजरात के राज्यपाल भी हैं, इसलिए उनके प्रतिनिधि के रूप में मुख्यमंत्री चौहान ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया। चौहान ने कहा, ‘पॉलीथीन की थलियों का उपयोग एवं उनसे पैदा हुआ कचरा पर्यावरण एवं स्वच्छता अभियान पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। इसके अलावा, इन थलियों को खाकर गायें भी मर रही हैं।’ कपड़े के बने थैलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘प्रतिबंध लगाने से पहले पॉलीथीन मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को तीन महीने का समय दिया जा रहा है। इन तीन महीनों में निर्माता तथा जनता अपना इंतजाम कर लें।’ सिमी सदस्यों को ढेर करने का जिक्र करते हुए चौहान ने कहा, ‘भोपाल केन्द्रीय जेल से भागे दुर्दांत सिमी आतंकियों पर जिस तत्परता से मध्यप्रदेश पुलिस के जवानों ने कार्रवाई की, वह सराहनीय है।

इंदौर: नोटबंदी के बाद मध्यप्रदेश के कटनी में फर्जी बैंक खाते खोलकर 500 और 1,000 रपये के अमान्य नोट बदलने के करीब 500 करोड़ रपये के कथित घोटाले का संज्ञान लेते हुए प्रवर्तन निदेशालय :ईडी: ने जिला पुलिस से इस मामले में दर्ज प्राथमिकी और अन्य दस्तावेज तलब किये हैं। ईडी के इंदौर स्थित उप क्षेत्रीय (सब जोनल) कार्यालय के एक आला अधिकारी ने पत्रकारों को बताया, ‘हमने कटनी जिला पुलिस को पत्र लिखकर उनसे 500 करोड़ रपये के कथित घोटाले में दर्ज प्राथमिकी और मामले से जुड़े अन्य दस्तावेज मांगे हैं। हम इन दस्तावेजों का अध्ययन कर देखेंगे कि यह मामला काले धन को सफेद करने का है या कर चोरी का।’ उन्होंने बताया कि अगर इन दस्तावेजों की रोशनी में पता चलता है कि यह मामला काले धन को सफेद करने का है, तो ईडी सम्बद्ध व्यक्तियों के खिलाफ धन शोधन निरोधक अधिनियम :पीएमएलए: के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच में जुट जायेगा। प्रदेश सरकार ने हाल ही में ईडी से आग्रह किया है कि वह कटनी के कथित घोटाले की जांच करे।

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