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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कश्मीर घाटी में ''हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर हत्या की घटनाओं'' पर शनिवार को चिंता व्यक्त की। शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने यहां एक बयान में कहा कि कश्मीरी पंडित घाटी से भाग रहे हैं। उन्होंने कहा, ''कश्मीरी पंडितों को 'घर वापसी' (घाटी में पुनर्वास) का सपना दिखाया गया था, लेकिन उनको निशाना बनाकर हत्याएं की जा रही हैं। पंडितों का पलायन स्तब्ध करने वाली घटना है।''

मुख्यमंत्री ने कश्मीरी पंडित समुदाय को आश्वासन दिया कि ''महाराष्ट्र उनके साथ मजबूती से खड़ा है।'' उन्होंने कहा कि 1995 में, जब शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन महाराष्ट्र में सत्ता में आया, तो शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने कश्मीरी पंडितों के बच्चों के लिए राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण सुनिश्चित किया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कश्मीरी पंडित नेताओं के संपर्क में है और उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव कोशिश करेगी।

बता दें कि सैकड़ों कश्मीरी पंडितों ने हाल ही में श्रीनगर में टारगेट किलिंग के विरोध में प्रदर्शन किया था।

नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। कुछ हिन्दू संगठनों का जिक्र करते हुए कहा कि हर दूसरे दिन मस्जिद-मंदिर विवादों को उठाना और विवाद पैदा करना अनुचित है। इन मुद्दों के सौहार्दपूर्ण समाधान की जरूरत है। दोनों पक्षों को एक साथ बैठकर शांति से एक-दूसरे से बात करनी चाहिए। यदि आवश्यक हो तो अदालत के फैसले को स्वीकार करें। भागवत ने बड़ा एलान किया कि संघ कोई और मंदिर आंदोलन नहीं करेगा।

नागपुर में आरएसएस कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कुछ हिंदू संगठनों की निंदा की। कहा कि हर दूसरे दिन मस्जिद-मंदिर विवादों पर विद्वेष फैलाना और विवाद पैदा करना अनुचित है। इससे बेहतर है, मुस्लिम भाइयों के साथ बैठकर विवादों को सुलझाया जाए।

काशी-ज्ञानवापी मस्जिद का जिक्र किए बगैर उन्होंने मस्जिद में हाल में हुए सर्वेक्षण की ओर इशारा करते हुए कहा कि हिंदू हो या मुसलमान इस मुद्दे पर ऐतिहासिक हकीकत और तथ्यों को स्वीकार करें।

मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गरीब कल्याण सम्मेलन में देश में गरीबों के और सशक्त होने का दावा किया है। लेकिन महाराष्ट्र की अन्न अधिकार अभियान की एक सर्वे रिपोर्ट कुछ और ही कहानी कह रही है। महाराष्ट्र के 17 जिलों में हंगर वॉच-2 नाम से हुए सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना काल में बेरोजगारी बढ़ी और वेतन कम हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, 75 फीसदी परिवारों की आय कम हुई है, इनमें से 64 फीसदी लोगों की आय तो घटकर आधी रह गई है। 20 फीसदी को तो वापस नौकरी ही नही मिली है। महाराष्ट्र की अन्न अधिकार अभियान संस्था की मुक्ता श्रीवास्तव के अनुसार, महाराष्ट्र के 17 जिलों में गांव, शहर की बस्ती और आदिवासी इलाकों में 1225 लोगों को सवाल बनाकर दिए गए थे जिनके जवाब के आधार पर ये निष्कर्ष निकाला गया है।

गौरतलब है कि शिमला में आयोजित 'गरीब कल्याण सम्मेलन' कार्यक्रम के दौरान पीएम ने कहा था कि 2014 से पहले अखबारोंऔर टीवी में हेडलाइन बनी रहती थी लूट खसोट की। बात होती थी भ्रष्टाचार की, घोटालों की, योजनाओं के अटके रहने की। लेकिन अब वक्त बदल गया है।

मुंबई: मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में सरकारी गवाह बनने की बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की अर्जी स्वीकार कर ली है। वाजे ने विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल अर्जी में दावा किया था कि उन्होंने अपनी गिरफ्तारी से पहले और बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के साथ सहयोग किया है, जिसके बाद अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत एक मजिस्ट्रेट के समक्ष उनके इकबालिया बयान को दर्ज किया गया।

सीबीआई ने अपने जवाब में कुछ शर्तों के साथ वाजे का अनुरोध स्वीकार कर लिया था। विशेष न्यायाधीश डी पी शिंगडे ने बुधवार को वाजे की अर्जी मंजूर कर ली। अदालत के आदेश के बाद वाजे अब मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर बयान दे सकते हैं। वाजे को दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर पास एक गाड़ी में विस्फोटक पदार्थ पाये जाने के मामले में और ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या में कथित भूमिका के लिए पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था। वाजे इस समय न्यायिक हिरासत में हैं।

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