नई दिल्ली: मुंबई ड्रग्स ऑन क्रूज मामले की शुरुआत में तफ्तीश करने वाले पूर्व एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े को घटिया जांच और फर्जी जाति प्रमाणपत्र दाखिल करने के मामले में कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। मामले से जुड़े लोगों ने शु्क्रवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, "सरकार ने घटिया जांच के लिए सक्षम अधिकारी से वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है। उनके खिलाफ फर्जी जाति प्रमाणपत्र के लिए कार्रवाई की जाएगी।"
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए वानखेड़े ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया। मलिक के आरोपों के बाद वानखेड़े ने यह साबित करने के लिये कि वह (वानखेड़े) दलित हैं, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष पिछले साल नवंबर में अपने जाति प्रमाण पत्र से जुड़े मूल कागजात पेश किए थे। वानखेड़े एनसीबी के मुंबई जोन के प्रमुख थे और मुंबई के तट पर क्रूज पर छापेमारी से संबंधित मामले की शुरुआती जांच वे ही कर रहे थे।
इस मामले में बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन को गिरफ्तार किया गया था। बाद में हाईकोर्ट में आर्यन को जमानत पर रिहा किया गया था।
इस बहुचर्चित क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन को आज क्लीन चिट मिल गई है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी ने इस मामले में चार्जशीट फाइल की है जिसमें आर्यन तथा पांच अन्य को क्लीन चिट दी गई है, इनके नाम चार्जशीट में नहीं हैं। दिल्ली एनसीबी हेडक्वार्टर के सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार आर्यन खान समेत 6 लोग चार्जशीट का हिस्सा नही हैं। आर्यन के खिलाफ एसआईटी को ठोस सबूत नहीं मिले। एंटी ड्रग एजेंसी ने इस मामले में 6 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें 14 आरोपियों के नाम हैं। 23 वर्षीय आर्यन जो कि गिरफ्तार किए गए 20 लोगों में से एक थे, का नाम आरोपियों में शामिल नहीं है। मामले में आर्यन को क्लीन चिट मिलने के बाद नवाब मलिक ने ट्वीट कर कहा था कि, "अब जबकि आर्यन खान और 5 अन्य को क्लीन चिट मिल गई है। क्या एनसीबी समीर वानखेड़े, उनकी टीम और प्राइवेट आर्मी के खिलाफ कार्रवाई करेगा? या इन अपराधियों का बचाव करेगी?
सूत्रों ने ड्रग्स मामले में छापामारी के बाद वानखेड़े की जांच में पांच अनियमितताएं के बारे में बताया. इसके मुताबिक, सर्च ऑपरेशन के दौरान वीडियोग्राफी नहीं की गई, इसके अलावा आर्यन के फोन के मामले में विश्लेषण में भी खामियां थीं क्योंकि चैट उन्हें इस मामले से नहीं जोड़ती है। ड्रग्स के कंजेमशन को साबित करने के लिए कोई मेडिकल टेस्ट भी नहीं किया गया और एक गवाह भी मुकर गया। इस गवाह ने विशेष जांच टीम को बताया कि उससे खाली पेपर पर दस्तखत कराए गए। सूत्रों ने यह भी कहा कि दो अन्य गवाहां ने भी जांच टीम को बताया कि एनसीबी की टीम की छापेमारी के समय वे वहां मौजूद नहीं थे।