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मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना विधायक दल की बैठक में पार्टी ने अहम फैसला लेते हुए एकनाथ शिंदे को पार्टी विधायक दल का नेता चुना है। आदित्य ठाकरे की अगुवाई में सभी चुने गए विधायक के साथ ही एकनाथ शिंदे, दिवाकर राउते, सुभाष देसाई और शिवसेना को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से साढ़े तीन बजे मुलाकात करेंगे। खबरों के मुताबिक, शिवसेना विधायक दल के नेता के तौर पर एकनाथ शिंदे का नाम आदित्य ठाकरे ने रखा था। जबकि, सुनील प्रभु शिवसेना के व्हीप चुने गए।

महाराष्ट्र में शिवसेना विधायक दल की बैठक पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई। भाजपा-शिवसेना में सरकार को लेकर बने गतिरोध के बीच ऐसा माना जा रहा है कि कुछ अहम फैसला इस विधायक दल की बैठक में लिया गया है। उधर, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना में खींचतान जारी है। चुनाव परिणाम के एक हफ्ते गुजर जाने के बावजूद भी सरकार को लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है। ऐसे में शिवसेना के इस फैसले के बाद भाजपा के साथ उसका रिश्ता और बिगड़ सकता है।

मुंबई: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद और सरकार को लेकर अब भी सस्पेंस जारी है। महाराष्ट्र में जारी सियासी खींचतान के बीच शिवसेना के लिए अच्छी खबर आई है। शिवसेना को चार निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन देने का फैसला किया है। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, शिवसेना ने कहा कि चार निर्दलीय विधायक मंजुला गावित, चंद्रकांत पाटिल, आशीष जायसवाल और नरेंद्र भोंडेकर ने शिवसेना को अपना समर्थऩ दिया है। इसके अलावा, प्रहार जनशक्ति पार्टी के बच्चू कडू और राजकुमार पटेल, क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी के शंकरराव गडक ने भी अपना समर्थन दिया है।

दरअसल, शिवसेना 50-50 के फार्मूले पर भाजपा को मनमाना चाहती है, वहीं भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि ऐसा कोई भी समझौता दोनों पार्टियों में नहीं हुआ है। शिवसेना का कहना है कि भाजपा के साथ ढाई-ढाई साल सरकार चलाने की बात हुई थी, जिसे वह लागू करवाना चाहते हैं। इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की कुंडली तो हम ही बनाएंगे। कुंडली में कौन सा ग्रह कहां रखना है और कौन से तारे जमीन पर उतारने हैं, किस तारे को चमक देना है, इतनी ताकत आज भी शिवसेना के पास है।

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर चल रही तकरार के बीत शिवसेना के प्रवक्ता एवं सांसद संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र की कुंडली तो हम ही बनाएंगे। कुंडली में कौनसा गृह कहां रखा है और कौन से तारे जमीन पर उतारने हैं, किस तरह की चमक देनी है। इतनी ताकत आज भी शिवसेना के पास है उन्होंने कहा कि किसी भी राजनेता या विधायक जिसके पास 145 की मेजरिटी है वह मुख्यमंत्री बन सकता है। जिसके पास भी 145 का आंकड़ा है राज्यपाल ने उन्हें निमंत्रण दिया है। लेकिन उन्हें फ्लोर पर मेजोरिटी साबित करनी होगी।

बता दें कि संजय राउत ने गुरुवार को कहा था कि भाजपा और शिवसेना के बीच आज चार बजे की बैठक सूचीबद्ध थी। लेकिन, अगर खुद मुख्यमंत्री कहते हैं कि 50-50 के फॉर्मूले पर कोई चर्चा नहीं हुई तो फिर क्या बात होगी? किस आधार पर उनसे हम बात करेंगे? इसलिए, उद्धव जी ने आज की बैठक रद्द कर दी है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना के उस दावे को नकार दिया है जिसमें उसका कहना है कि सरकार बनाने को लेकर 50:50 का फॉमूला तय हुआ था।

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद से सरकार बनने को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। भाजपा विधायक दल की बैठक में आज देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। वहीं गुरुवार को शिवसेना ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। जहां एक तरफ शिवसेना 50-50 के फॉर्मूले पर अड़ी है तो दूसरी तरफ भाजपा अपना रुख साफ नहीं कर रही। इस बीच दोनों दलों में जुबानी जंग भी जारी है। भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि अगर शिवसेना, कांग्रेस या एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाती है तो ये विनाश काल, विपरित बुद्धि जैसा होगा।

भाजपा नेता ने कहा- शेर कभी घास नहीं खाता

उन्होंने कहा कि इस तरह का मनमुटाव पहले भी देखा जा चुका है। हम पहले भी साथ रहे हैं, वापस साथ में आए हैं। जो जनादेश मिला है, वह भाजपा-शिवसेना युक्ति को मिला है। उन्होंने कहा, अगर शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी के साथ जाती है तो वो विनाश काल, विपरीत बुद्धि होगी। लेकिन ऐसा नहीं होगा। सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि शेर कभी घास नहीं खाता। इससे पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि जब लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन को आखिरी रूप दिया गया था तब शिवसेना से 50-50 फॉर्मूले जैसा कोई वादा नहीं किया गया था।

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