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मुंबई: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद और सरकार को लेकर अब भी सस्पेंस जारी है। महाराष्ट्र में जारी सियासी खींचतान के बीच शिवसेना के लिए अच्छी खबर आई है। शिवसेना को चार निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन देने का फैसला किया है। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, शिवसेना ने कहा कि चार निर्दलीय विधायक मंजुला गावित, चंद्रकांत पाटिल, आशीष जायसवाल और नरेंद्र भोंडेकर ने शिवसेना को अपना समर्थऩ दिया है। इसके अलावा, प्रहार जनशक्ति पार्टी के बच्चू कडू और राजकुमार पटेल, क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी के शंकरराव गडक ने भी अपना समर्थन दिया है।

दरअसल, शिवसेना 50-50 के फार्मूले पर भाजपा को मनमाना चाहती है, वहीं भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि ऐसा कोई भी समझौता दोनों पार्टियों में नहीं हुआ है। शिवसेना का कहना है कि भाजपा के साथ ढाई-ढाई साल सरकार चलाने की बात हुई थी, जिसे वह लागू करवाना चाहते हैं। इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की कुंडली तो हम ही बनाएंगे। कुंडली में कौन सा ग्रह कहां रखना है और कौन से तारे जमीन पर उतारने हैं, किस तारे को चमक देना है, इतनी ताकत आज भी शिवसेना के पास है।

हालांकि, एक बयान में उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन भाजपा के साथ होगा, मगर उनकी शर्तों पर। भाजपा-शिवसेना की ओर से मंगलवार को दिनभर बयानबाजी होती रही। पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने बयान जारी कर शिवसेना के 50-50 के फार्मूले के दावे को खारिज कर दिया। इसके बाद शिवसेना ने सरकार के गठन को लेकर शाम को भाजपा के साथ होने वाली बैठक रद्द कर दी।

क्या है गणित

महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीट हैं। भाजपा को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54, जबकि कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 है।

भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती

महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं और राज्य की अगली सरकार में सत्ता में भागीदारी को लेकर दोनों के बीच तकरार चल रही है। पिछले सप्ताह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा को उनके, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 50-50 के फार्मूले पर बनी सहमति की याद दिलाई थी।

फडणवीस ने अपने आधिकारिक आवास ''वर्षा में संवाददाताओं से कहा ''लोकसभा चुनाव से पहले जब गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था तब शिवसेना से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत गठबंधन अगले पांच साल एक स्थिर एवं कुशल सरकार देगा।

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