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मुंबई: मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान बारिश होने पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने गृह राज्य महाराष्ट्र में हालिया चुनाव परिणामों की पृष्ठभूमि में भाजपा के राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधा। उपनगरीय विले पार्ले में शुक्रवार शाम को एक कार्यक्रम में मंत्री का खुले मंच पर साक्षात्कार हो रहा था। उसी दौरान बारिश शुरू हो गयी। गडकरी और साक्षात्कार लेने वाले के लिए दो व्यक्ति छाते पकड़े खड़े रहे। इसी दौरान गडकरी ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘जब आप बारिश में भीग जाते हैं, तो आपका भविष्य अच्छा होता है... पत्रकार ऐसा कहते हैं।’’

उनके इस बयान पर दर्शकों में हंसी की एक एक लहर दौड़ गयी। मंत्री भी अपनी टिप्पणी पर हंसते दिखे। गडकरी की टिप्पणी राकांपा प्रमुख शरद पवार की सातारा में 21 अक्टूबर को हुयी चुनावी रैली के संदर्भ में थी जो लोकसभा उपचुनाव के लिए आयोजित की गयी थी। उस रैली के दौरान बारिश होने लगी थी। बारिश में भीगते हुए 79 वर्षीय पवार का एक वीडियो और तस्वीरें वायरल हो गई थीं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है कि पवार इस हावभाव से एक राजनीतिक संदेश भेजने में सफल रहे और उपचुनाव में राकांपा के उम्मीदवार ने अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी उदयनराजे भोसले को हराया था।

मुंबई: महाराष्ट्र में सत्ता में साझेदारी को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच कोई सहमति नहीं बनती दिख रही और ऐसे में कांग्रेस के एक नेता ने शनिवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि अगर शिवसेना अगली सरकार बनाने के लिये प्रस्ताव लेकर आती है तो उसका समर्थन किया जाए। शिवसेना ने यह पत्र लिखने वाले महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य एवं कांग्रेस नेता हुसैन दलवई के रुख का स्वागत करने में कोई वक्त नहीं लगाया।

दलवई ने याद दिलाया कि शिवसेना ने राष्ट्रपति पद के लिये कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल और बाद में प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। दलवई ने अपने पत्र को उद्धृत करते हुए संवाददाताओं को बताया, “शिवसेना और भाजपा अलग हैं। शिवसेना ने राष्ट्रपति पद के लिये प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। शिवसेना की राजनीति भाजपा की अतिवादी रुख के विपरीत सर्व समावेशी बन गई है। भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिये हमें अवश्य ही शिवसेना का समर्थन करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि राज्य में मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा वर्ग भाजपा के बजाय शिवसेना को तरजीह देगा।

मुंबई: महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में जारी सियासी गतिरोध के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बड़ा बयान आया है। एनसीपी यानी राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि जनता ने उनकी पार्टी से विपक्ष में बैठने के लिए कहा है और पार्टी ऐसा ही करेगी। शिवसेना की राकांपा और कांग्रेस के समर्थन से महाराष्ट्र में सरकार बनाने की संभावना की खबरों के बीच पवार ने यह टिप्पणी की। उन्होंने नासिक में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर भाजपा और उसके सहयोगी दल शिवसेना के बीच चल रहे गतिरोध को 'बचकाना' बताया। 

बीते 21 अक्टूबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में संयुक्त रूप से चुनाव लड़ने वाली भाजपा और शिवसेना ने क्रमशः 105 और 56 सीटें जीतीं। राकांपा और कांग्रेस ने क्रमशः 54 और 44 सीटें हासिल की हैं।

राकांपा और कांग्रेस के समर्थन से शिवसेना की सरकार बनने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि इस संबंध में उनकी पार्टी में कोई चर्चा नहीं हुई है।

मुंबई: शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए आज फिर भाजपा पर निशाना साधा है और पूछा कि क्या राष्ट्रपति आपकी जेब में हैं? दरअसल शुक्रवार को भाजपा नेता और महाराष्ट्र सरकार में वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि अगर राज्य में सात नवंबर तक नई सरकार नहीं बनती है तो यहां राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गठन में मुख्य बाधा शिवसेना की ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग है। इस पर सामना में लिखा है कि वर्तमान में महाराष्ट्र की राजनीति फिलहाल एक मजेदार 'शोभायात्रा' बन गई है और इसका जिम्मेदार कौन है?

इसके आगे शिवसेना ने सुधीर मुनगंटीवार पर तंज कसते हुए कहा कि विदा होती सरकार के बुझे हुए जुगनू रोज नए-नए मजाक करके महाराष्ट्र को कठिनाई में डाल रहे हैं। आपको बता दें कि शिवसेना अब भाजपा के साथ सरकार बनाने की संभावनाओं छोड़कर अन्य विकल्प तलाशने लगी है। खबर है कि उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात की है और सोमवार को पवार कांग्रेस अध्यक्ष गांधी से मुलाकात करेंगे। इससे पहले शिवसेना के संजय राउत भी शरद पवार से मिल चुके हैं।

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