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मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी शिवसेना की तरफ से मुख्यमंत्री पद की मांग के बीच मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शनिवार को यह साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र चुनाव में गठबंधन बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल तक भाजपा के नेतृत्व में एक स्थिर सरकार चलेगी। फडणवीस ने आगे कहा कि राज्य वह एक स्थिर सरकार देंगे। इससे पहले, शिवेसना की तरफ से लगातार मुख्यमंत्री पद को लेकर दबाव बनाया जा रहा है।

शिवसेना के विधायकों ने इस बात की मांग की कि पार्टी भाजपा से लिखित में आश्वासन ले कि ढाई साल के लिए वह सीएम का पद देगी। शिवसेना के लिखित में आश्वासन मांगने को उसकी दबाव बनाने की तरकीब के तौर पर देखा जा रहा है।

दरअसल, भाजपा को 2014 की तुलना में इस चुनाव में 17 सीटों का नुकसान हुआ है और उसकी सीटों की संख्या 122 (2014 के) से घट कर 105 पर आ गई है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक भाजपा के खराब प्रदर्शन ने शिवसेना की सौदेबाजी करने की ताकत बढ़ा दी है।

मुंबई: महाराष्ट्र में शनिवार को शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। पार्टी नेता प्रताप सरनाइक ने कहा, 'हमारी बैठक में यह फैसला हुआ है कि जैसा अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के दौरान 50-50 का फॉर्मूला दिया था। उसी तरह दोनों पार्टियों को ढाई-ढाई साल राज्य में सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए। ऐसे में शिवसेना का भी मुख्यमंत्री होगा। उद्धव जी को भाजपा से लिखित में आश्वासन लेना चाहिए।'

इसी बीच ठाकरे आवास मातोश्री के बाहर आदित्य ठाकरे को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं। जब से आदित्य ने चुनाव लड़ने का फैसला किया था तभी से शिवसैनिकों ने उन्हें अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देखना शुरू कर दिया था। यहां तक कि चुनाव के समय खुद उद्धव ठाकरे ने कहा था कि उन्होंने अपने पिता बालासाहेब ठाकरे से वादा किया था कि एक दिन महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनेगा। महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना ने यह विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। जिसमें भाजपा को 105 और शिवसेना के खाते में 56 सीटें गई हैं।

मुंबई: हरियाणा में सरकार की तस्वीर साफ होने के बाद ये तय है कि महाराष्ट्र में भी एक बार फिर भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनेगी। पर नतीजों के बाद शिवसेना के तेवर से भाजपा के खेमे में थोड़ी बेचैनी है। महाराष्ट्र में गठबंधन की सहयोगी शिवसेना ने नई सरकार में 50-50 की हिस्सेदारी मांगी है जिससे भाजपा के लिए सत्ता में संतुलन साधना बड़ी चुनौती बनता दिख रहा है। सूत्रों ने कहा कि भगवा गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश करने से पहले चीजों को अंतिम रूप देने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ बातचीत कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि शिवसेना के साथ दिवाली के बाद शीर्ष स्तर पर वार्ता हो सकती है।

राज्य में 288 में से 161 सीटें जीतने के साथ एनडीए ने बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा पार कर लिया है। पर इस बार भाजपा की अपने सहयोगी शिवसेना पर निर्भरता कुछ ज्यादा है, क्योंकि पिछली बार भाजपा की 122 सीटें थी वहीं इस बार 105 सीटें आई हैं। भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में शुक्रवार को कहा कि नतीजों की घोषणा से पहले जैसा भाजपा ने दावा किया था, वैसा कोई ‘महाजनादेश’ नहीं मिला है और ये नतीजे वास्तव में सत्ता के अहंकार में डूबे लोगों पर एक चोट हैं। 

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राकांपा के अच्छा प्रदर्शन करने के बाद पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उनकी पार्टी अच्छे नेता तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। राकांपा ने इस चुनाव में 54 सीटों पर जीत दर्ज की और इस मामले में वह कांग्रेस (44) से आगे रही। चुनाव से पहले राकांपा के कुछ प्रमुख नेताओं के पार्टी छोड़ कर जाने के बावजूद पवार नीत पार्टी इतनी संख्या में सीटें हासिल करने में कामयाब रही। पवार ने कहा, ‘‘मततदाताओं ने चुनाव से पहले भाजपा द्वारा विपक्षी दलों के नेताओं को शामिल किये जाने को पसंद नहीं किया।’’

सरकार गठन के लिये शिवसेना को राकांपा द्वारा समर्थन दिये जाने की संभावना और इस तरह भाजपा को सत्ता से दूर रखने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘हम अच्छे नेता तैयार करना चाहते हैं। मैं कृषि, उद्योग और बेरोजगारी को लेकर चिंतित हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों की चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। इसलिए अन्य चीजों में हमारी रूचि नहीं है।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह परली विधानसभा सीट पर राकांपा की जीत की उम्मीद कर रहे थे, जहां पार्टी ने देवेंद्र फड़णवीस सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे (परली सीट) को हरा दिया।

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