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मुंबई: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भी राजनीतिक उठापटक खत्म नहीं हुई है। कांग्रेस और एनसीपी दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने मौजूदा हालात पर चर्चा की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने मुंबई में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बातचीत की। बैठक के बाद हुई साझा प्रेस कांफ्रेंस में पवार ने कहा कि हमें सरकार बनाने की जल्दबाजी नहीं है। हम कांग्रेस के साथ बैठकर बात करेंगे और फिर फैसला लेंगे।
इस दौरान कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि जिस तरह से राष्ट्रपति शासन लगाया गया, वह निंदनीय है। सरकार ने पिछले पांच साल में कई बार सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है। भाजपा, शिवसेना और एनसीपी को राज्यपाल ने बहुमत साबित करने का मौका दिया। कांग्रेस को बहुमत साबित करने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया, हम इसकी निंदा करते है। वहीं, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने मौजूदा हालात पर चर्चा की। शिवसेना ने पहली बार कांग्रेस और एनसीपी के साथ आधिकारिक रूप से संपर्क किया है। इतने महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर सभी बिंदुओं पर स्पष्टता होनी चाहिए। आज इसी संदर्भ में बैठक हुई।
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मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने को मंगलवार (12 नवंबर) को दुभार्ग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जनता ने महायुति(महागठबंधन) के पक्ष में स्पष्ट जनादेश दिया था, मगर सरकार न बनने के कारण राष्ट्रपति शासन लगा, जो दुभार्ग्यपूर्ण है। हालांकि, फडणवीस ने राज्य को जल्द स्थिर सरकार मिलने की आशा जताई। देवेंद्र फड़णवीस ने राज्य में राजनीतिक अस्थिरता से होने वाले खतरों की तरफ आगाह किया।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता से निवेश पर बुरा असर पड़ सकता है। सरकार के दैनिक कामकाज पर असर पड़ने से जनता को परेशानी हो सकती है। बेमौसम बारिश से परेशान किसानों के सामने संकट और गहरा सकता है। फड़णवीस ने यह भी कहा कि उम्मीद है कि राज्य के हालात पर सभी दल विचार करते हुए स्थिर देने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
वहीं दूसरी ओर, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार (12 नवंबर) को कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा मिलकर सरकार बनाने का फार्मूला खोज लेंगे।
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मुंबई: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा के बाद यहां सियासी हलचल तेज हो गई और प्रेस कांफ्रेंस का दौर शुरू हो गया। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस की। उद्धव ठाकरे ने कहा, भाजपा को 48 घंटे का समय दिया गया। लेकिन शिवसेना को 24 घंटे का वक्त दिया। हमें पूरा वक्त नहीं दिया गया। हमने राज्यपाल से सरकार बनाने की इच्छा जताई थी। कांग्रेस और एनसीपी से कल पहली बार संपर्क हुआ था। कांग्रेस, एनसीपी से हमारी बात चल रही है। महाराष्ट्र जैसे राज्य में सरकार बनाना कोई बच्चों का खेल नहीं है। हम राज्यपाल के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंंने हमें 6 महीने का वक्त दे दिया है।
विकल्प हमने नहीं भाजपा ने खत्म किया
एक सवाल के जबाव में ठाकरे ने कहा, भाजपा ने विकल्प खत्म किया है, हमने नहीं। मुख्यमंत्री पद के बंटवारे पर चुनावों से पहले ही फैसला हो गया था, लेकिन भाजपा ने झूठ बोला और मुझे एक झूठा व्यक्ति बना दिया। उद्धव ठाकरे ने कहा, लोकसभा चुनाव से पहले कोई नही मान रहा था कि भाजपा को बहुमत मिलेगा। हम उस अंधेरे में भाजपा के साथ गए थे। यह भाजपा थी जिसने शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़ा।
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी इस पर सस्पेंस बरकरार है। वहीं शिवसेना नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने कहा है कि महाराष्ट्र में शिवसेना की ही सरकार बनेगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या शिवसेना अलग-थलग पड़ गई है। इस पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे वातावरण ठीक हो जाएगा। जनता के मन में भी यही बात है शिवसेना की सरकार आएगी। कांग्रेस के समर्थन देने पर शिवसेना नेता मनोहर जोशी ने कहा कि कांग्रेस क्या करेगी इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता हूं।
मंगलवार को जब एनसीपी चीफ शरद पवार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। वहीं अजित पवार ने कहा है कि उन्हें कांग्रेस की चिट्ठी नहीं मिली है जो सरकार बनाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। जब शरद पवार से यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस के साथ कोई बैठक होनी है तो उन्होंने कहा कि कौन कहता है कि कोई बैठक है? मुझे नहीं पता। वहीं जब पवार से यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस की ओर से देरी हो रही है तो उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस से बात करूंगा।
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