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मुंबई: देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। फडणवीस और राज्य के अन्य मंत्रियों ने शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंपा। हालांकि वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री की भूमिका निभाते रहेंगे। फडवणीस ने यह भी कहा कि शिवसेना ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी की, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि विपक्ष अगर हमारी आलोचना करती है, तो यह समझ में आता है। मगर शिवसेना सरकार के बारे में कुछ कहती है, तो यह अस्वीकार्य है।
फडणवीस ने कहा कि अगर हम साथ रहते हैं और शिव सेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करना जारी रखना चाहता है, तो हम भी सवाल उठाएंगे। उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ जो टिप्पणियां कीं, उससे हमें दुख हुआ है। इस्तीफा देने के बाद भी फडणवीस कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर काम करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उन्हें नई सरकार बनने तक यह जिम्मेदारी संभालने को कहा है। इस्तीफा देने के बाद फडणवीस मीडिया से भी रूबरू हुए और अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। परिणाम आने के 15 दिन बाद तक भी सरकार बनाने पर फैसला नहीं होने पर फडणवीस ने कहा कि यह जनादेश का अपमान है।
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मुंबई: कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में पार्टी बदलने के लिए विधायकों को ‘‘25 करोड़ रुपये से लेकर 50 करोड़ रुपये’’ तक देने की पेशकश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस विधायकों को भी इस तरह के प्रस्तावों के साथ फोन पर संपर्क किया गया है। निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि शिवसेना ने दावा किया है कि उनके एक विधायक को पार्टी बदलने के लिए 50 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, “हमारे विधायकों से भी संपर्क किया जा रहा है। विधायकों को 25 से 50 करोड़ रुपये की पेशकश कर लुभाने की कोशिश की जा रही है।” वडेट्टीवार ने कहा, “हमने अपने विधायकों को ऐसी कॉल रिकॉर्ड करने के लिए कहा है ताकि जनता उनके बारे में जान सके।’’ कांग्रेस नेता ने भाजपा पर राजनीति का स्तर गिराने का आरोप लगाया। भाजपा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि वह दूसरी पार्टी के विधायकों को लुभाने के प्रयास कर रही है। वडेट्टीवार ने कांग्रेस विधायकों को जयपुर स्थानांतरित किए जाने संबंधी खबरों का खंडन किया है।
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मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में खींचतान जारी है। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर इंतजार और लंबा होता जा रहा है, जहां भाजपा ने अब तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है, वहीं शिवसेना बार-बार मुख्यमंत्री पद की साझेदारी पर अड़ी है। इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा पर एक बार फिर से बड़ा हमला बोला है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
संजय राउत ने भाजपा से दो टूक अंदाज में यह भी कहा कि अगर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है, तो यह राज्य के लोगों का अपमान होगा। साथ ही मुख्यमंत्री पद शिवसेना को देने पर सहमत होने पर ही भाजपा को हमारे पास आना चाहिए। इससे पहले उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को घंटे भर तक चली शिवसेना के नये विधायकों की बैठक की अध्यक्षता की जिस दौरान विधायकों ने दोहराया कि लोकसभा चुनाव से पहले पदों और जिम्मेदारियों के समान बंटवारे के जिस विचार पर सहमति बनी थी, उसे लागू किया जाना चाहिए।
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मुंबई: महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे आने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच गतिरोध जारी है। मुख्यमंत्री पद को लेकर देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच का गतिरोध गुरुवार को राज्यपाल के पास पहुंचा। गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिला और सरकार बनाने के लिए पार्टी के प्रयासों से अवगत कराया। बता दें कि दोनों पार्टियों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चुनावी नतीजों के बाद से ही गतिरोध जारी है।
महाराष्ट्र भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर 21 अक्टूबर के चुनाव के बाद सरकार बनाने में देरी के कानूनी पहलुओं पर चर्चा की। राज्यपाल से मिलने वाले भाजपा नेताओं में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, राज्य सरकार में मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और गिरीश महाजन शामिल रहे। चंद्रकांत पाटिल ने स्वीकार किया कि भाजपा और शिवसेना के गठबंधन ने सरकार बनाने में सामान्य से अधिक समय लिया। कोश्यारी से मुलाकात के बाद पाटिल ने पत्रकारों से कहा '' यह सच है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए सामान्य से अधिक समय लिया गया।
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