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मुंबई: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा के बाद यहां सियासी हलचल तेज हो गई और प्रेस कांफ्रेंस का दौर शुरू हो गया। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस की। उद्धव ठाकरे ने कहा, भाजपा को 48 घंटे का समय दिया गया। लेकिन शिवसेना को 24 घंटे का वक्त दिया। हमें पूरा वक्त नहीं दिया गया। हमने राज्यपाल से सरकार बनाने की इच्छा जताई थी। कांग्रेस और एनसीपी से कल पहली बार संपर्क हुआ था। कांग्रेस, एनसीपी से हमारी बात चल रही है। महाराष्ट्र जैसे राज्य में सरकार बनाना कोई बच्चों का खेल नहीं है। हम राज्यपाल के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंंने हमें 6 महीने का वक्त दे दिया है।

विकल्प हमने नहीं भाजपा ने खत्म किया

एक सवाल के जबाव में ठाकरे ने कहा, भाजपा ने विकल्प खत्म किया है, हमने नहीं। मुख्यमंत्री पद के बंटवारे पर चुनावों से पहले ही फैसला हो गया था, लेकिन भाजपा ने झूठ बोला और मुझे एक झूठा व्यक्ति बना दिया। उद्धव ठाकरे ने कहा, लोकसभा चुनाव से पहले कोई नही मान रहा था कि भाजपा को बहुमत मिलेगा। हम उस अंधेरे में भाजपा के साथ गए थे। यह भाजपा थी जिसने शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़ा।

ठाकरे ने कहा, शिवसेना ने पहली बार कांग्रेस-राकांपा से सोमवार को संपर्क किया था, जिससे भाजपा का यह आरोप खारिज हो जाता है कि शिवसेना चुनाव परिणाम आने के बाद से ही इन दो दलों के संपर्क में थी।

एक अन्य सवाल के जबाव में उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस-राकांपा के साथ संभावित गठबंधन पर कहा, मैं यह पता लगा रहा हूं कि विभिन्न विचाराधाराओं वाले दलों ने भाजपा के साथ कैसे गठबंधन किया। जम्मू कश्मीर में पीडीपी से या फिर नीतीश कुमार और रामबिलास पासवान के साथ वैचारिक मतभेद के बावजूद कैसे गठबंधन हुआ है। उन्होंने कहा, कांग्रेस और राकांपा की तरह शिवसेना को भी न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) पर स्पष्टता की जरूरत है।

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने पर कहा, हमने 48 घंटे का समय मांगा था लेकिन राज्यपाल ने हमें छह महीने का समय दिया।

एनसीपी-कांग्रेस की प्रेस कांफ्रेंस

वहीं, मुंबई में कांग्रेस-एनसीपी की प्रेस कांफ्रेंस में शरद पवार ने कहा- हम महाराष्ट्र में दोबारा चुनाव नहीं चाहते। कांग्रेस से चर्चा पूरी होने के बाद शिवसेना से बात होगी। हमें किसी तरह की जल्दबाजी नहीं है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने मौजूदा हालात पर चर्चा की। शिवसेना ने पहली बार कांग्रेस और एनसीपी के साथ आधिकारिक रूप से संपर्क किया था। इतने महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर सभी बिंदुओं पर स्पष्टता होनी चाहिए। आज इसी संदर्भ में बैठक हुई। इसी मुद्दे पर आगे की नीति तय की जाएगी।

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