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मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी खींचतान का दौर जारी है। भाजपा जहां शिवसेना की मांग मानने को तैयार नहीं है वहीं शिवसेना भी अपने दावों को छोड़ने के मूड में नहीं हैं। दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी बातों पर अड़ी हैं। ऐसे में गठबंधन सरकार बनने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं। इसी बीच रविवार को दोपहर 12 बजे एक होटल में शिवसेना विधायकों की बैठक होने वाली है। जिसमें आदित्य ठाकरे विधायकों से चर्चा करेंगे। बैठक में उद्धव ठाकरे भी मौजूद रहेंगे।

महाराष्ट्र में हो महाराष्ट्र की राजनीति

सामना के लेख में शिवसेना ने भाजपा की तुलना हिटलर से की। उन्होंने कहा कि पांच साल दूसरों को डर दिखाकर शासन करने वाली टोली आज खुद खौफजदा है। यह उल्टा हमला है। डराकर मार्ग या समर्थन नहीं मिलता है। महाराष्ट्र की राजनीति महाराष्ट्र में ही होनी चाहिए। महाराष्ट्र दिल्ली का गुलाम नहीं है। इस बार ऐसी स्थिति है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा ये उद्धव ठाकरे तय करेंगे। राज्य के बड़े नेता शरद पवार की भूमिका महत्वपूर्ण साबित होगी। कुछ भी हो लेकिन इस बार भाजपा का मुख्यमंत्री न हो, यह महाराष्ट्र का एक स्वर है।

मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में खींचतान के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के रूप में भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता दिया है। ऐसे में अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता नवाब मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भाजपा को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। राज्यपाल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भाजपा के पास बहुमत है या नहीं, अन्यथा विधायकों की खरीद फरोख्त होगी।

राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा कि इसके बावजूद, अगर भाजपा राज्य में सरकार बनाती है, तो हम सदन के पटल पर भाजपा के खिलाफ मतदान करने जा रहे हैं। यदि भाजपा सरकार गिरती है, तो राज्य के हित में हम वैकल्पिक सरकार बनाने का प्रयास करेंगे। नवाब मलिक ने कहा कि हम देखेंगे कि भाजपा सरकार को नीचे लाने के लिए शिवसेना सदन में भाजपा के खिलाफ वोट करती है या नहीं। हम एक वैकल्पिक सरकार का समर्थन करने पर विचार करेंगे। हमने 12 नवंबर को अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। शरद पवार भी उस बैठक में शामिल होंगे।

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में जारी भाजपा और शिवसेना में जारी सियासी गतिरोध के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बड़ा बयान आया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने भाजपा-शिवसेना और उनके सहयोगियों को स्पष्ट जनादेश दिया है और उन्हें सरकार बनानी चाहिए। रामदास अठावले और मेरे बीच इसी बात पर चर्चा हुई थी और हम दोनों इस पर सहमत थे। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार बनाने में देरी की जा रही है, यह राज्य को आर्थिक और सामान्य तौर पर प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों महाराष्ट्र के राज्यपाल सबसे बड़े दल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं कर रहे। राष्ट्रपति, राज्यपाल कब तक इंतजार कर सकते हैं, उन्हें कोई फैसला लेना ही पड़ेगा।

क्या है भाजपा-शिवसेना में झगड़े की वजह

महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच सत्ता की साझेदारी को लेकर झगड़ा फंसा है। शिवसेना जहां मुख्यमंत्री पद पर 50-50 फार्मूले की बाद कर रही है, वहं बीजेपी इससे इनकार कर रही है।

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में अब भी उथल-पुथल जारी है। महाराष्ट्र में सरकार गठन पर जारी गतिरोध के बीच देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफा दिया और उसके तुरंत बाद शिवसेना पर हमला बोला और उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनसे फोन पर बातचीत नहीं की। देवेंद्र फडणवीस के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी मीडिया को संबोधित किया और देवेंद्र फडणवीस के आरोपों पर जवाब दिया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पांच साल तक राजनीति की।

उन्होंने कहा कि शिवसेना झूठों की पार्टी नहीं है, हम जुबान देते हैं तो निभाते भी हैं। हम जनता के लिए लड़ते हैं। हम किसी भी कीमत पर डिप्टी सीएम पद के लिए तैयार नहीं हैं।

देवेंद्र फडणवीस के आरोपों पर पलटवार करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे फडणवीसजी से ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वे झूठ बोलेंगे। मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि शिवसैनिक अपने बचन के पक्के होते हैं। शिवसेना के लोग कभी झूठ नहीं बोलते। हमारी पार्टी झूठ बोलने वालों की पार्टी नहीं है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहली बार किसी ने मुझे और ठाकरे परिवार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।

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