ताज़ा खबरें

मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी उठापटक के बीच मुंबई में बीएमसी से जुड़े ठेकेदारों के 30 ठिकानों पर इनकम टैक्स का छापा पड़ा और 7 का सर्वे किया गया। छापों के दौरान कई तरह की गड़बड़ियां मिली हैं। इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों ने मीेडिया में यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि कुल मिलाकर 30 परिसरों पर छापे मारे गए और 6 नवंबर को सात ठिकानों का सर्वे किया गया। इनकम टैक्स को इन ठिकानों पर छापों के दौरान 735 करोड़ रुपये की बोगस एंट्री और फर्जी खर्च के सबूत भी मिले हैं। वर्तमान समय में यह छापेमारी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि बीएमसी पर इस वक्त शिवसेना का कब्ज़ा है।

227 सदस्यों के सदन में शिवसेना के 94 पार्षद हैं, वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 82 कॉरपोरेटर्स हैं। बता दें कि यह रेड ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर शिवसेना ने भाजपा से रिश्ता तोड़ लिया है। दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और उन्हें बहुमत मिला था, लेकिन मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर दोनों दल सरकार नहीं बना सके।

मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनेगी और यह पूरे पांच साल चलेगी। बताया जा रहा है कि 17 नवंबर को राज्य में सरकार बनाने का एलान किया जा सकता है क्योंकि इसी दिन बाला ठाकरे की पुण्यतिथि है। इसी बीच एनसीपी ने साफ कर दिया है कि राज्य में अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। वहीं शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने किसानों की समस्याओं पर चर्चा के लिए राज्यपाल से शनिवार को मुलाकात के लिए समय मांगा है।

अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा: एनसीपी

एनसीपी के मुंबई अध्यक्ष नवाब मलिक ने कहा, 'अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उसके आत्मसम्मान को बनाए रखे क्योंकि उसने अपने पुराने गठबंधन को छोड़ा है। कांग्रेस सरकार का हिस्सा होगी या वह बाहर से हमारा समर्थन करेगी इसका जल्द फैसला होगा।' मलिक ने कहा कि शिवसेना के साथ आने में कांग्रेस कुछ हिचकिचा रही है। ड्राफ्ट की कॉपी सोनिया गांधी को भेजी है, अगर कांग्रेस साथ नहीं आई तो सरकार नहीं बनाएंगे।

नई दिल्ली (आशु सक्सेना): राष्ट्रपति शासन का सामना कर रहे महाराष्ट्र में जल्द ही कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना गठबंधन की नई सरकार अस्तित्व में आ जाएगी। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में तीनों दल के नेताओं की बैठकों में विभिन्न मुद्दों पर बिंदुवार मंथन के बाद सरकार बनाने के लिए सहमति बन गई है। सरकार गठन के लिए तीनों दलों के नेताओं की आज एक संयुक्त बैठक में साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर सहमत बन गई हैं। तीनों दल एक दो दिन में राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो जल्द ही तीनों दल सरकार बनाने के फार्मूले पर सार्वजतिक तौर सहमति की मोहर लगा देंगे। संभव है कि 17 नवंबर को सरकार बनाने की घोषणा की जाए। क्योंकि यह दिन बाला साहेब ठाकरे की पुण्यतिथि है।

गठबंधन के फार्मूले पर पहले बनी सहमति

सूत्रों के मुताबिक, विपरीत विचारधारा वाले शिवसेना से गठबंधन से पूर्व कांग्रेस सभी अहम मुद्दों पर आम सहमति बनाना चाहती थी। मसलन गठबंधन के बाद राज्यसभा चुनाव, विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवारी कैसे तय होगी? शिवसेना-भाजपा की अगुवाई वाले बीएमसी में क्या होगा?

मुंबई: महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है। कोई भी पार्टी राज्य में अब तक सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। शिवसेना जहां अपने नेता के हाथों में राज्य की कमान देना चाहती है। वहीं कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच सरकार गठन को लेकर रुख साफ नहीं है। ऐसे में राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की जिसे कि मंजूर कर लिया गया है। इसी बीच शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा है कि हारना और डरना मना है।

बालासाहेब की कसम भाजपा ने किया था 50-50 का वादा

शिवसेना के वरिष्ठ नेता राउत ने कहा कि मैं कसम खाकर कहता हूं कि बाला साहेब ठाकरे के कमरे में भाजपा ने 50-50 का वादा किया था लेकिन वह अब झूठ बोल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा और शिवसेना के बीच बालासाहेब के कमरे में बात हुई थी। इस दौरान अमित शाह भी मौजूद थे। हम बाला साहेब की कसम खाते हैं, झूठ नहीं बोलेंगे। हम झूठ का सहारा लेकर कोई बात नहीं करेंगे। भाजपा ने 50-50 का वादा किया था और अब झूठ बोल रही है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख