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मुंबई/नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बात तय हो चुकी है। शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) राज्य में सरकार बनाने को लेकर आज एलान कर सकती है। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मामला फंसा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि अगर मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे नहीं मानते हैं तो पार्टी के सांसद संजय राउत सीएम बन सकते हैं। इसी बीच राउत का कहना है कि यदि भाजपा उन्हें इंद्र का सिंहासन भी दे देगी तो भी वह उसके साथ नहीं जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में कोई शिवसैनिक ही पांच सालों तक सत्ता संभालेगा।

पांच साल के लिए शिवसेना का ही बनेगा सीएम: राउत

संजय राउत ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि महाराष्ट्र में पांच साल तक शिवसेना का सीएम होगा। अगले दो दिनों में तय होगा कि कौन सीएम बनेगा। हालांकि शिवसैनिकों और महाराष्ट्र के जनता की प्रबल इच्छा है कि उद्धव ठाकरे सीएम बनें।

नई दिल्ली/मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन और न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं की बुधवार शाम को बैठक होगी। यह बैठक मंगलवार को होनी तय थी, पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्मदिन की वजह से स्थगित हो गई। हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की। कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठक में पार्टी नेता एके एंटनी, अहमद पटेल और मल्लिकार्जुन खडगे संग मौजूद थे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि शिवसेना के साथ गठबंधन एक बड़ा निर्णय है। इसलिए, गठबंधन से पहले सभी मुद्दों पर सहमति बनाना जरूरी है।

कांग्रेस और शिवसेना के बीच कई मुद्दों पर अलग राय है। इनमें सावरकर को भारत रत्न की मांग, नागरिकता संशोधन कानून शामिल हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि सभी विषय न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल हों। इस बीच, शिवसेना नेता संजय राउत ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मिलकर चर्चा की है।

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार संकट के बीच शिवसेना ने 'सामना' के जरिए भाजपा पर तीखा हमला बोला है। शिवसेना ने संपादकीय में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का जिक्र किया है। शिवसेना ने सामना में लिखा है कि जब आपने जन्म भी नहीं लिया था, तो हमने हिंदुत्व का समर्थन किया था। आगे लिखा गया है कि जो लोग एनडीए से हमें निष्कासित बता रहे हैं, उन्हें इतिहास से सबक लेना चाहिए। संघ परिवार को चलाने वाले हम ही हैं ... जब बाला साहेब ठाकरे, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, प्रकाश सिंह बादल और जॉर्ज फर्नांडीस ने एनडीए की नींव रखी, तो कई मौजूदा नेता कहीं नहीं थे।

इससे पहले रविवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने घोषणा की थी कि लोकसभा में शिवसेना को विपक्षी खेमे में सीटें आवंटित की जा रही हैं क्योंकि वह कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन कर रही है। जोशी ने पत्रकारों से कहा था कि शिवसेना के मंत्री ने एनडीए सरकार से इस्तीफा दे दिया है। वे आज एनडीए की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं और कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर रहे हैं।

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस रविवार को जब शिवाजी पार्क में बाल ठाकरे को उनकी नौवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के बाद लौट रहे थे तब शिवसेना के कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारेबाजी की। शिवसेना के कुछ कार्यकर्ता पूर्व मुख्यमंत्री के काफिले के नजदीक आकर विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उनके (फडणवीस के) नारे -- 'मैं वापस लौटूंगा (मुख्यमंत्री के रूप में), को मराठी में लगाने लगे। साथ ही उन्होंने शिवसेना के परंपरागत नारे 'छत्रपति शिवाजी महाराज की जय का नारा भी लगाया।

फडणवीस और उनके काफिले में शामिल कई वरिष्ठ नेता इस पर कोई प्रतिक्रिया दिए बगैर आगे बढ़ गये। शिवसेना के संस्थापक को शिवाजी पार्क में श्रद्धांजलि देने के लिए जब फडणवीस पहुंचे, उस वक्त उद्धव ठाकरे के निजी सहायक मिलिंद नारवेकर को छोड़कर शिवसेना का कोई भी नेता वहां मौजूद नहीं था। इससे पहले फडणवीस ने शिवसेना के दिवंगत संरक्षक के कुछ ओजस्वी भाषणों का वीडियो ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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