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मुंबई (जनादेश ब्यूरो): महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सियासी माथापच्ची जारी है। इस बीच, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को समय देने से इंकार करने के बाद एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया है। राज्यपाल के बुलावे पर एनसीपी नेता अजीत पवार, धनंजय मुंडे और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे। राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए कल रात 8.30 बजे तक का वक्त दिया। जयंत पाटिल ने कहा कि राज्यपाल ने हमें सरकार बनाने के लिए पत्र दिया है। हम सहयोगी दल कांग्रेस से बातचीत कर रहे हैं।
दरअसल, सरकार बनाने को लेकर दावा पेश करने के लिए और समय देने से शिवसेना को इंकार करने के बाद राज्यपाल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को मिलने के लिए राजभवन बुलाया था। एनसीपी नेता अजीत पवार ने सोमवार को यह जानकारी दी। पवार ने कहा, "रात 8:30 बजे राज्यपाल कोश्यारी ने हमें फोन किया और मिलने के लिए बुलाया। छगन भुजबल, जयंत पाटिल और अन्य नेताओं के साथ मैं उनसे मिलने जा रहा हूं।" मुलाकात के पीछ क्या उद्देश्य है, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है कि उन्होंने हमें क्यों बुलाया। राज्यपाल एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और इसीलिए हम उनसे मिलने जा रहे हैं।"
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मुंबई: शिवसेना नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर सरकार बनाने की इच्छा प्रकट की लेकिन वे जरूरी समर्थन पत्र जमा नहीं कर सके। राजभवन ने एक बयान में यह बात कही। राजभवन की ओर से यहां जारी बयान में कहा गया कि शिवसेना ने समर्थन पत्र जमा करने के लिए तीन दिन का समय और मांगा था, लेकिन राज्यपाल ने इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया। इसमें कहा गया है कि शिवसेना नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने कोश्यारी से मुलाकात की और सरकार बनाने की इच्छा प्रकट की।
बयान के अनुसार, ''शिवसेना समर्थन का जरूरी पत्र नहीं जमा कर सकी। शिवसेना ने समर्थन पत्र जमा करने के लिए समयसीमा तीन दिन और बढ़ाने का अनुरोध करते हुए पत्र दिया था जो सोमवार शाम 7:30 बजे समाप्त हो गयी। इसमें कहा गया, ''राज्यपाल ने और समय देने में असमर्थता प्रकट की। राज्यपाल से मुलाकात के बाद शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी का सरकार बनाने का दावा अब भी कायम है क्योंकि दोनों दलों ने शिवसेना नीत सरकार को सैद्धांतिक रूप से समर्थन की सहमति जताई है।
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मुंबई: शिवसेना ने सोमवार को महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर दावा पेश करने के लिए और दो दिन का वक्त मांगा, जिसे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इनकार कर दिया। आदित्य ठाकरे व एकनाथ शिंदे के साथ सिवसेना के कई नेता राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे। वहीं दूसरी ओर, सोमवार शाम 4 बजे कांग्रेस कार्यसमिति की दूसरी बैठक के बाद भी पार्टी ने अब तक शिवसेना को समर्थन देने पर कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि उसने कहा कि एनसीपी से इस संबंध में उनकी बात जारी रहेगी।
कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन के मुद्दे पर की थी दूसरी बैठक
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने महाराष्ट्र में सरकार गठन के वास्ते शिवसेना को समर्थन देने पर फैसला करने के लिए सोमवार की शाम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। राज्य में सरकार गठन के लिए शिवसेना को समर्थन देना है या नहीं, इस संबंध में फैसला करने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण और सुशील कुमार शिंदे के साथ-साथ पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख बालासाहेब थरोट ने सोनिया गांधी से मुलाकात की।
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मुंबई: महाराष्ट्र में लंबे चले राजनीतिक बवाल के बाद भाजपा द्वारा सरकार बनाने से पीछे हटने पर आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के एकनाथ शिंदे सरकार बनाने के लिए अपनी पार्टी की इच्छा और क्षमता का संकेत देने के लिए कहा। ऐसे में अब राकांपा ने मौका देखते हुए शिवसेना को समर्थन देने पर अपनी शर्त रख दी है। राकांपा के नेता नवाब मलिक ने कहा है कि हमारे समर्थन के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को पहले केंद्रीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग होना होगा।
बताते चलें कि हाल ही में कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट करके कहा था कि कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को एनसीपी-कांग्रेस को आमंत्रित करना चाहिए क्योंकि वह दूसरा सबसे बड़ा गठबंधन है। इसके ठीक बाद कांग्रेस के ही नेता संजय निरूपम ने कहा था कि महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी सरकार केवल एक कल्पना है। अगर हम उस कल्पना को वास्तविकता में बदलना चाहते हैं, तो शिवसेना के समर्थन के बिना यह संभव नहीं होगा और यदि हम शिवसेना का समर्थन लेते हैं, तो यह कांग्रेस के लिए घातक होगा। भाजपा ने आज ही राज्यपाल से मिलने के बाद साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी सरकार नहीं बनाएगी।
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