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ममित: पुलिस ने मिजोरम के ममित जिले में एक व्यक्ति को पकड़ा और 17 करोड़ रुपये मूल्य की बड़ी संख्या में प्रतिबंधित दवाएं जब्त कीं। इस बारे में अधिकारियों की तरफ से जानकारी मुहैया कराई गई। आरोपियों की पहचान 36 वर्षीय मोहम्मद इदरीश मिया और 28 वर्षीय खुगोन दास के रूप में हुई है। मिजोरम पुलिस के अनुसार, "गुप्त सूचना के आधार पर, 23 जून की रात को हाईवे जंक्शन पर ड्यूटी पर तैनात ममित पुलिस ने त्रिपुरा के एमडी इदरीश मिया द्वारा संचालित एक कार को रोका।"

तलाशी के दौरान, पुलिस टीम ने वाहन के नीचे एक गुप्त डिब्बे में छुपाए गए 3.47 किलोग्राम हेरोइन से भरे 270 साबुन के डिब्बे बरामद किए, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 17 करोड़ रुपये से अधिक है। मिजोरम पुलिस ने कहा, "इसमें शामिल दो आरोपियों- त्रिपुरा के एमडी इदरीश मिया (36 वर्ष) और खुगोन दास (28 वर्ष) को ममित पुलिस स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया।"

पुलिस की तरफ से धारा 1(सी), 25, 29 एनडी एवं पीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

आइजोलः हिंसा प्रभावित मणिपुर से 7,500 से अधिक लोग मिजोरम शरण लेने पहुंचे हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सोमवार शाम पांच बजे तक कुल 7,527 स्थानीय 'जो' लोग मिजोरम जा चुके हैं, जिन्हें मणिपुर में कुकी कहा जाता है। अधिकारी के अनुसार इन लोगों ने राज्य में आठ जिलों में शरण ली है। सर्वाधिक विस्थापित लोग कोलासिब पहुंचे हैं, जिनकी संख्या 2,685 है और उसके बाद आइजोल में 2,386 और सैतुआल में 2,153 लोग शरण लेने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि विस्थापित लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में रखा गया है, वहीं कुछ को उनके रिश्तेदारों ने आसरा दिया है।

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा कि भारत में सभी जो जनजातियों को एकजुट करके एक प्रशासनिक इकाई के अधीन लाना उनके मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के संस्थापकों का प्रमुख उद्देश्य रहा है।

इससे पहले मणिपुर में कुकी समुदाय के 10 विधायक भी अपने राज्य में पर्वतीय क्षेत्र के लिए अलग प्रशासन की मांग कर चुके हैं।

आइजोलः मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा की बेटी का वीडियो वायरल होने के बाद सीएम ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर कहा कि वह अपनी बेटी के इस व्यवहार को किसी भी तरह उचित नहीं ठहरा सकते। सीएम ने कहा, बेटी ने डॉक्टर के पास जाकर उनसे माफी मांगी है। मुख्यमंत्री की बेटी मिलारी छांगते का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था जिसमें वह एक डॉक्टर को थप्पड़ मार रही थीं।

बुधवार की इस घटना से डॉक्टरों में रोष हैं। शनिवार को 800 से ज्यादा डॉक्टरों ने कथित हमले की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में से एक डॉक्टर ने कहा कि छांगते ने आइजोल स्थित चर्म रोग विशेषज्ञ पर हमला किया था।

उन्होंने कहा, डॉक्टर ने छांगते से कहा कि उन्हें क्लीनिक पर अप्वाइंटमेंट लेकर आना चाहिए था, जिसपर वह भड़क गईं और उन्होंने हमला किया। आईएमए की मिजोरम इकाई ने बयान में कहा, हम चाहते हैं कि डॉक्टरों के साथ इस तरह का व्यवहार दोबारा न हो।

आइजल: असम के साथ विवादित सीमा पर मिजोरम ने निर्माण कार्य फिर से शुरू कर दिया है। मिजोरम ने दावा किया है कि हम उसी राह पर चल रहे हैं जो हमारे पड़ोसी राज्य असम ने हमें दिखाई है। दो दिन पहले ही संयुक्त कार्रवाई समिति (जेपीसी) ने केंद्र और मिजोरम सरकार से अनुरोध किया था कि वह आदेश वापस लिया जाए जिसके तहत सीमावर्ती जिलों में यथास्थिति बनाए रखी जाए। इसके साथ ही जेपीसी ने असम के साथ सीमा पर निर्माण कार्य बंद करने का निर्देश दिया था।

बुधवार को मिजोरम की राज्य सीमा समिति की बैठक हुई। इसमें राज्य के गृह मंत्री लालचमलियाना ने कहा कि असम की सीमा से लगने वाले कोलासिब और ममित जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया गया कि विकास परियोजनाएं फिर से शुरू की जाएं। इनमें सीमावर्ती इलाकों में निर्माण कार्य भी शामिल है। लालचमियाना ने कहा कि असम ने अंतरराज्यीय सीमा पर निर्माण कार्य बंद नहीं किया है इसलिए मिजोरम में भी सीमावर्ती इलाकों में काम बहाल करने का निर्देश दिया गया है। 

द्विपक्षीय राजनीतिक वार्ता की शुरुआत करें दोनों राज्य: लालचमलियाना

बैठक के दौरान गृह मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि दोनों पड़ोसी राज्यों को लंबे समय से चले आ रहे इस सीमा विवाद को सुलझाने के लिए द्विपक्षीय राजनीतिक बातचीत की शुरुआत करनी चाहिए। बीते दिनों दोनों राज्यों के बीच हुए एक सशस्त्र संघर्ष के बाद से ही मिजोरम सीमावर्ती इलाकों में निर्माण कार्य कर रहा है। इसके तहत पुलिस चौकियों और शिविरों को जोड़ने के लिए सड़कों और पुलों का निर्माण किया जा रहा है। इस हिंसक संघर्ष में सात लोगों की जान चली गई थी।

विवाद को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों में भेजे थे सलाहकार

इससे पहले पांच नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मिजोरम और असम में सलाहकार भेजे गए थे ताकि अंतरराज्यीय सीमा पर विवादित क्षेत्रों में यथास्थिति बरकरार रखी जा सके। केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह के आधार पर मिजोरम के गृह विभाग ने आठ नवंबर को कोलासिब और ममित के उपायुक्तों को निर्देश दिया था कि सीमा पर कोई निर्माण कार्य न किया जाए। इसके बाद दोनों जिला प्रशासनों द्वारा 11 नवंबर को निर्माण कार्य पर आंशिक रूप से रोक लगा दी गई थी।

 

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