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चंडीगढ़:  हरियाणा में रविवार से जाट आंदोलन एक बार फिर शुरू करने के जाट नेताओं की तैयारी को देखते हुए राज्य सरकार सतर्क हो गई है। पिछले जाट आंदोलन में हुई हिंसा से सबक लेते हुए प्रशासन इस बार मुस्तैदी में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता। सरकार ने एहतियातन राज्य के 9 जिलों झज्जर, रोहतक, सोनीपत, जींद, कैदल, फतेहाबाद, पानीपत, भिवानी और हिसार में धारा 144 लागू कर दिया है। सोनीपत में मोबाइल-इंटरनेट सेवा पर रोक लगाई गई है। आंदोलन से निपटने के लिए अर्धसैनिक बलों की 55 कंपनियां तैनात की गई हैं। हरियाणा में पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर द आज जींद में 12 बजे जाट समुदाय की रैली होने वाली है। इसके मद्देनजर हरियाणा सरकार और राज्य पुलिस खुद को स्थिति से निपटने के लिए तैयार कर रही है। रविवार से आंदोलनकर्ता 15 गांवों में धरना प्रदर्शन करेंगे। आंदोलन को देखते हुए जगह-जगह फोर्स तैनात कर दी गई है। मय्यड़ ट्रैक को बाधित होने से रोकने के लिए शनिवार से पैरामिलिट्री फोर्स को भी तैनात कर दिया गया है। रेलवे की जीआरपी पुलिस भी अलर्ट है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों एवं अर्धसैनिक बलों को सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जींद, पानीपत और कैथल जैसे संवेदनशील जिलों में तैनात कर दिया गया है। सोनीपत जिले में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगा दी गई है। इसमें पांच या उससे अधिक लोगों के किसी जगह जमा होने पर रोक है।

चंडीगढ़: पांच जून से प्रस्तावित जाट आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर हरियाणा पुलिस विभाग ने अगले आदेश तक सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी है। हालांकि, आपातकालीन मामलों को इस दायरे से बाहर रखा गया है। पुलिस महानिरीक्षक (प्रशासन) एएस चावला ने इस बाबत पुलिस आयुक्तों, जिला पुलिस अधीक्षकों, अतिरिक्त महानिरीक्षकों सहित सभी संबंधित अधिकारियों को पत्र भेज दिया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मोहम्मद अकील ने कहा कि असामाजिक तत्वों पर पैनी नजर रखी जाएगी और अफवाह फैलाने वालों या शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। अकील ने भिवानी में बताया, 'पुलिस और जिला प्रशासन कानून-व्यवस्था बनाए रखेगा और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।' उन्होंने कहा कि ड्यूटी मजिस्ट्रेटों को तैनात किया गया है। शांति बनाए रखने के लिए जनप्रतिनिधियों एवं ग्राम पंचायतों की मदद ली जा रही है। इस बीच, गुड़गांव के पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने विभिन्न जाट संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उनसे जिले में शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील की।

चंडीगढ़: हरियाणा में पांच जून से फिर होने वाली जाट आंदोलन को देखते हुए राज्य में पहले ही सीआरपीएफ के जवान तैनात कर दिये गए है। सामान्य ड्यूटी के लिये तीन कंपनी तैनात की गई हैं। यहां एक कंपनी में करीब 120 जवान होते हैं। हालात ज्यादा बिगड़ने की स्थिति में रैपिड एक्शन फोर्स की चार कंपनियां हालात संभालेंगी। इसी के साथ बीएसएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं। बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट दो दिन पहले जाट आरक्षण से जुड़े आदेश पर रोक लगा चुका है। इसके बावजूद जाट समुदाय अपने लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन पर उतारू है। ये जवान दंगा फसाद जैसे उपद्रव से निपटने के लिये खास तौर से प्रशिक्षित होते हैं। इन जवानों के पास नॉन लेथल वेपन होते हैं यानी रबर बुलेट, शॉकिंग स्टिक, वॉटर कैनन जैसे हथियार जिससे भीड़ पर काबू पाया जा सके। सीआरपीएफ की एक कंपनी में करीब 250 जवान होते हैं। सीआरपीएफ के ही एक कंपनी मुनक नहर के पास, एक कंपनी सोनीपत में और दो कंपनी रोहतक में तैनात की गई हैं। इसके अलावा राज्य सरकार के पास अलग से सीआरपीएफ के जवान होते हैं जिसे वे अपनी जरुरत के मुताबिक तैनात कर सकते हैं। सीआरपीएफ के एक अधिकारी के बताया कि ये तो फिलहाल ऐहतियात के तौर पर तैनाती की गई है। हालात बिगड़ने पर और भी जवान भेंजे जायेंगे। वही बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स की चार कम्पनियों को भी राज्य में तैनात किया गया हैं। एक कंपनी हिसार, एक कैथल, एक जींद और एक रोहतक में तैनात की गई हैं।

जींद: हरियाणा में शांति व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द पर कथित रूप से खतरे को लेकर जींद में पुलिस ने शुक्रवार को अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक समेत लगभग 125 लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक राकेश आर्य के अनुसार जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने दो दिन पहले स्थानीय जाट धर्मशाला में एक बैठक की थी। बैठक में यशपाल मलिक और उनके साथियों ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, वह जनता को सरकार के खिलाफ विद्रोह के लिए उकसाने वाली थी और इससे प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था को भी खतरा पैदा हो सकता है। इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने यशपाल मलिक, आरएस सहरावत, राज सिवाच, ईश्वर मलिक, कृष्ण किरमारा, कृष्ण श्योकंद, ईश्वर सिंह मोर आदि को नामजद करते हुए लगभग 125 अन्य के खिलाफ देशद्रोह समेत कई अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। प्रदेश में कानून व्यवस्था के लिए खतरा देखते हुए पुलिस ने यशपाल मलिक समेत अनेक लोगों के खिलाफ भादंवि की धारा 124 ए, 153 ए (1) और 153 बी के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

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