नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने गुरुवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया। उच्च सदन में विपक्षी नेताओं के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में यह विशेषाधिकार प्रस्ताव लाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस विशेषाधिकार प्रस्ताव को इंडिया गुट के 60 विपक्षी सांसदों का समर्थन मिला है और इन विपक्षी सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।
सागरिका घोष ने किरेन रिजिजू पर लगाया विपक्ष के अपमान का आरोप
टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने कहा कि 'कल सदन में विपक्ष को संबोधित करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि आप सभी इस सदन में रहने के योग्य नहीं हैं। संसदीय कार्य मंत्री को संसद को सुचारू रूप से चलाने पर फोकस करना चाहिए, लेकिन वे इसके बजाय बार-बार विपक्ष का अपमान कर रहे हैं।' घोष ने कहा कि 'किरेन रिजिजू ने विपक्षी सदस्यों का अपमान किया है।'
टीएमसी सांसद घोष ने कहा कि 'संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह विपक्षी सांसदों के खिलाफ व्यक्तिगत शब्दों का इस्तेमाल किया है। यह पूरी तरह से अनुचित है और वे अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।'
सभापति धनखड़ के खिलाफ भी विपक्ष ने दिया अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस
इससे पहले राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ भी विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है। विपक्षी दलों ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए अनुच्छेद 67बी के तहत नोटिस दिया। ये नोटिस राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को सौंपा गया है।
विपक्ष ने आसन की गरिमा का अनादर किया: रिजिजू
वहीं इस मामले पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'विपक्ष ने आसन की गरिमा का अनादर किया है, चाहे वह राज्यसभा हो या लोकसभा। कांग्रेस पार्टी और उनके गठबंधन ने लगातार आसन के निर्देशों का पालन न करके गलत व्यवहार किया है। उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। वह संसद के अंदर और बाहर हमेशा किसानों और लोगों के कल्याण की बात करते हैं। वह हमारा मार्गदर्शन करते हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। जो नोटिस दिया गया है- मैं उन 60 सांसदों के इस फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जिन्होंने नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं।
उन्होंने कहा, एनडीए के पास बहुमत है और हम सभी को चेयरमैन पर भरोसा है। जिस तरह से वह सदन का मार्गदर्शन करते हैं, उससे हम खुश हैं।