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नई दिल्ली: प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने अपने परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अफजल गुरू के समर्थन में नारेबाजी किए जाने के एक दिन बाद उन सदस्यों को आज (गुरूवार) कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिन्होंने कार्यक्रम के लिए कान्फ्रेंस हॉल बुक किया था। प्रेस क्लब के महासचिव नदीम अहमद काजमी ने कहा कि हम इस घटना की सख्त निंदा करते हैं जिसे कल बदमाशों ने प्रेस क्लब परिसर में अंजाम दिया है। हमने उन सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है जिनके हस्ताक्षर से कान्फ्रेंस हॉल लिया गया था। कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। संपर्क किए जाने पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं क्लब के सदस्य अली जावेद ने इस आयोजन से दूरी बनाते हुए कहा कि वह इस तरह की हरकतों को स्वीकार नहीं करते और किसी भी सूरत में वह आयोजकों में शामिल नहीं थे ।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी के निचली अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने का उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि मजिस्ट्रेट जब भी आवश्यक समझेंगे उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिये तलब कर सकते हैं। कोर्ट ने निचली अदालत में लंबित कार्यवाही निरस्त करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से आज (शुक्रवार) इंकार कर दिया परंतु कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी के बारे में हाई कोर्ट की चुनिन्दा टिप्पणियों को हटा दिया । शीर्ष अदालत ने 20 फरवरी को निचली अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने का भी उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया। साथ ही न्यायालय ने कहा कि मजिस्ट्रेट जब भी आवश्यक समझेंगे उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिये तलब कर सकते हैं। न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ के समक्ष भाजपा नेता सुब्रमणियन स्वामी ने व्यक्तिगत रूप से पेशी से छूट देने का प्रतिवाद किया।

नई दिल्ली: संसदीय समिति के कई सदस्यों ने सांसदों के वेतन और भत्ते को दोगुना करने के केंद्र के प्रस्ताव को तुरंत लागू करने की वकालत की और कहा कि इस मामले में सरकार की तरफ से गठित किसी भी समिति की रिपोर्ट को इसके माध्यम से गुजरना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि संसद सदस्यों के वेतन और भत्ते पर संयुक्त समिति की बैठक में कई सांसदों ने सांसदों के वेतन भत्ते की समीक्षा के लिए गठित स्वतंत्र समिति की रिपोर्ट को इसके समक्ष रखे जाने की वकालत की। इस समिति को संसद से शक्ति हासिल है। उन्होंने कहा कि सरकार को रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले समिति को इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि उनका वेतन और भत्ता कैबिनेट सचिव के बराबर होना चाहिए।

नई दिल्ली: कई पूर्व सांसदों पर अपने कार्यकाल के बाद भी आधिकारिक आवास पर कब्जा रखने के एवज़ में किराए के तौर पर 93 लाख रुपये से अधिक बकाया है। सबसे अधिक बकाया राज्यसभा के पूर्व सदस्य गिरीश कुमार सांघी पर 23 लाख रुपये से अधिक का है। सांघी हाल में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। 31 दिसंबर 2015 तक बकाए की स्थिति को दर्शाने वाला दस्तावेज संपत्ति निदेशालय ने आरटीआई अधिनियम के तहत आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल को मुहैया कराया है। संपर्क किए जाने पर सांघी ने हालांकि कहा कि उन्होंने 2010 में अपने आवास को खाली कर दिया था, जब उनकी सदस्यता समाप्त हो गई थी और 7, तालकटोरा स्थित उनका बंगला किसी और को आवंटित किया गया था।

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