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नई दिल्ली: संसद के 23 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में कांग्रेस अर्थव्यवस्था की स्थिति पर श्वेतपत्र जारी करने की सरकार से पुरजोर मांग करेगी । कांग्रेस का दावा है कि उसके इस कदम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘शेखी भरे ’’ दावों की पोल खुल जाएगी। विपक्षी दल राज्यपाल के पद के कथित दुरूपयोग , दलितों पर अत्याचार और विश्वविद्यालय परिसरों तथा अन्य उत्कृष्ठ संस्थानों में ‘‘तनाव तथा नियोजित संघषर्’’ के मुद्दों को भी उठाएंगे। राज्यसभा में पार्टी के उप नेता आनंद शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि कांग्रेस प्रधानमंत्री के ‘‘शेखीभरे दावों ’’ के मद्देनजर अर्थव्यवस्था पर श्वेतपत्र की मांग करेगी। शर्मा ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में मंदी है । विनिर्माण और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट है , पिछले 13 महीनों से निर्यात में भारी गिरावट है , निर्यात विनिर्माण क्षेत्र में हजारों नौकरियां चली गयी हैं , घरेलू निवेश में भारी गिरावट है और सकल घरेलू उत्पाद अनुपात रिण में वृद्धि हो रही है ।

पार्टी के एक अन्य नेता मनीष तिवारी ने भी इसी प्रकार के विचार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘ पिछले 20 महीने में राजग. भाजपा सरकार की हठधर्मिता से भी आगे जो चीज रही है वह है प्रशासन के प्रति सरकार की अज्ञानता।’’ पिछले ही सप्ताह मुख्य विपक्षी पार्टी ने प्रधानमंत्री पर देश की अर्थव्यवस्था को ‘संकट में डालने’ का आरोप लगाया था जब सेंसेक्स 807 अंकों की गिरावट के साथ 23 हजार अंकों से नीचे चला गया था जो 21 महीने में इसका न्यूनतम स्तर था।

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