नई दिल्ली: आर्थिक सुधार एवं लोक कल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयकों के संसद में लंबित होने के बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उम्मीद जतायी है कि विकास के कार्यो पर सियासत का साया नहीं पड़ेगा और राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए सभी दल इन्हें पारित कराने में पूरा सहयोग करेंगे। नकवी ने कहा, ‘हमारे सामने सियासत करने के लिए बहुत सारे मुद्दे हैं और इसके लिए पूरा देश पड़ा है लेकिन राष्ट्रहित और लोक कल्याण के विषयों पर सियासत का साया नहीं पड़ना चाहिए। हमें पूरी उम्मीद है कि लंबित विधेयक को पारित कराने में विपक्ष सरकार का पूरा सहयोग करेगा।’ 23 फरवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान सरकार का जोर महत्वपूर्ण जीएसटी विधेयक को पारित कराने पर होगा। इसे आधिकारिक रूप से संविधान के 122वें संशोधन विधेयक के रूप में जाना जाता है। इस विधेयक को लोकसभा पारित कर चुकी है। सरकार की योजना इस साल अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने की है।
जीएसटी को लेकर कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बैठक हुई और संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू भी सोनिया गांधी के आवास पर जाकर उनसे मिल चुके हैं। लेकिन गतिरोध बना हुआ है। नकवी ने कहा, ‘विकास को रोककर राजनीति करने से किसी का लाभ नहीं होगा। सभी दलों से अनुरोध है कि जो भी विषय हो, उस पर चर्चा करें और उन्हें परित कराने में सहयोग करें।’ बहरहाल, हैदराबाद विश्वविद्यालय में एक दलित शोधार्थी की आत्महत्या, गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की पुत्री से जुड़े भूमि विवाद समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर संसद के बजट सत्र के काफी हंगामेदार रहने की अटकलें हैं।