मुंबई: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में शानदार काम किया, लेकिन उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद सुधारों की प्रक्रिया ठहर गई। जेटली ने कल नीतिगत मोर्चे पर शिथिलता के लिए मनमोहन पर हमला बोला था। जेटली ने कहा, यदि ईमानदारी से कहा जाए तो वित्त मंत्री के रूप में सुधार शुरू कर मनमोहन ने शानदार काम किया। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद सुधारों की प्रक्रिया रूक गई। वह यहां कल से शुरू हुए ‘मेक इन इंडिया वीक’ के मौके पर अलग से सीएनएन एशिया बिजनेस फोरम को आज यहां संबोधित कर रहे थे। मनमोहन ने एक साक्षात्कार में नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि सरकार विपक्ष से बात नहीं कर रही और देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए उचित प्रयास नहीं कर रही है। उनके इस बयान पर कल जेटली ने मनमोहन को आड़े हाथ लिया था।
अपने फेसबुक पोस्ट में जेटली ने कहा था कि संप्रग से राजग तक बदलाव को नीतिगत मोर्चे पर विफलता और वैश्विक उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा सकता है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पर कांग्रेस का रख ‘वास्तविक राजनीति’ से प्रभावित है। जेटली ने कहा कि संप्रग कार्यकाल में नीतियां कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड पर बनती थीं, वहीं राजग सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे अंतिम रूप देते हैं। वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति यदा कदा बोलते हैं। लेकिन जब वे बोलते हैं तो राष्ट्र उन्हें बड़े ध्यान से सुनता है। वे देश की बुद्धिमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा, उनसे उम्मीद की जाती है कि वे बिना पक्षपात के रचनात्मक सलाह देंगे। और साथ ही अपने राजनीतिक दल को भी राष्ट्र के व्यापक हित में काम करने का मजबूत संकेत देंगे। मनमोहन ने कहा था कि सरकार में विश्वास का संकट है और प्रधानमंत्री मोदी को प्रत्येक भारतीय को यह भरोसा देना चाहिए कि वह लोगों के बेहतर जीवनस्तर के लिए चिंता करते हैं। जेटली ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत आर्थिक वृद्धि में अपनी पूरी क्षमता का दोहन करे। उन्होंने कहा कि अब दूसरी पीढ़ी के सुधार प्रक्रिया में हैं जो साल से कम समय पहले शुरू हुए हैं। सरकार इस प्रक्रिया को जारी रखना चाहती है।