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नई दिल्ली: आंदोलनरत जाटों की ओर से जारी हिंसा को देखते हुए हरियाणा में अर्ध सैनिक बल के अतिरिक्त 1,700 जवान भेजे गए हैं। इसी के साथ हिंसाग्रस्त राज्य में कुल 5,000 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस कर्मियों की तैनात हो गई है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ हमने अर्धसैनिक कर्मियों की 17 और कंपनियां भेजी हैं जो पिछले तीन दिनों में भेजी गई 33 कंपनियों के अलावा हैं।’’ अर्धसैनिक बल की एक कंपनी में 100 जवान होते हैं। हरियाणा सरकार के आग्रह के बाद अतिरिक्त बल भेजे गये हैं जो आरक्षण को लेकर जाट आंदोलन से भड़की हिंसा की स्थिति से जूझ रही है। शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर से फोन पर बातचीत में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें स्थिति से निपटने के लिए सभी तरह की सहायता देने का आश्वासन दिया था।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर चल रहा आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह हिंसक आंदोलन प्रदेश के लगभग सभी इलाकों में फैल गया है। जाट नेताओं ने ओबीसी कोटे के तहत जाटों को आरक्षण देने के लिए अध्यादेश लाए जाने तक आंदोलन खत्म करने से इनकार किया है। जाट आंदोलन के दौरान अभी तक 10 लोगों की मौत हुई है और करीब 150 लोग जख्मी हुए हैं। यह जानकारी आज (रविवार) हरियाणा के डीजीपी यशपाल सिंघल ने चंडीगढ़ में दी। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता दिल्ली के लिए जल आपूर्ति को बहाल करवाना और सड़क एवं रेल मार्ग को शुरू करवाना है। उन्होंने कहा,हमारे पास उपलब्ध अब तक की सूचना के मुताबिक पूरे राज्य में दस लोगों की मौत हुई है और करीब 150 जख्मी हुए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक झज्जर में गोलीबारी में कल जख्मी हुए चार लोगों की देर रात मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या 10 हो गई है। मारे गए दस लोग झज्जर, रोहतक और कैथल जिले के हैं। डीजीपी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता हरियाणा से दिल्ली को पानी की आपूर्ति बहाल करना है जो जाट आंदोलन के कारण प्रभावित हुआ है।

नई दिल्ली: कैलिफोर्निया और येल यूनिवर्सिटी समेत अनेक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के छात्र और शिक्षक देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किये गये जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के समर्थन में आ गये हैं और उसके देशद्रोही भाषण को अंग्रेजी में पेश कर रहे हैं एवं अपने वीडियो को ऑनलाइन अपलोड कर रहे हैं। लंदन विश्वविद्यालय के एलेनोर न्यूबिगिन ने एक वीडियो में कहा, मैं कभी जेएनयू का छात्र नहीं रहा हूं लेकिन मैंने विश्वविद्यालय के छात्रों से बात की है। मैं कन्हैया के देशद्रोही भाषण के एक अंश पेश कर रहा हूं। कन्हैया के भाषण का उल्लेख करते हुए न्यूबिगिन ने वीडियो में कहा है, कुछ लोग कह रहे हैं कि जेएनयू करदाताओं के रूपयों से चलता है। हां, ऐसा है। लेकिन मैं एक सवाल उठाना चाहता हूं, विश्वविद्यालय किस लिए हैं? विश्वविद्यालय समाज के सामूहिक विवेक के गहन विश्लेषण के लिए हैं।

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को निर्देश दिया कि नेशनल हेराल्ड मामले में वित्त, शहरी विकास और कंपनी मामलों के मंत्रालयों, आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों से मंगाए गये दस्तावेजों को अगले आदेश तक सीलबंद लिफाफे में बंद रखा जाए। यह निर्देश तब दिया गया जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी और मामले के अन्य आरोपियों ने अदालत से कहा कि सुब्रह्मण्यन स्वामी को पहले उन दस्तावेजों की प्रासंगिकता के बारे में उन्हें संतुष्ट करना चाहिए जो मांगे गए हैं क्योंकि बीजेपी नेता ने कहा है कि वह अदालत को इसके बारे में बताएंगे। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन ने ध्यान दिलाया कि चूंकि मामला दिल्ली हाई कोर्ट के संज्ञान में आ चुका है इसलिये यह उपयुक्त होगा कि अदालत के समक्ष पेश दस्तावेज की फोटो प्रतियां सीलबंद लिफाफे में रखी जाएं।

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