ताज़ा खबरें
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को कहा कि वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) विवाद, आरक्षण के लिए चल रहे जाट आंदोलन और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर मंगलवार से शुरू होने जा रहे संसद के बजट सत्र में विस्तार से परिचर्चा कराना चाहती है। संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने इस महत्वपूर्ण बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर परिचर्चा कराने के पक्ष में है। बैठक के बाद नायडू ने कहा कि हम चाहते हैं कि जेएनयू पर विस्तार से परिचर्चा हो, लोगों को यह जानना चाहिए कि वास्तव में वहां क्या हुआ, कारण क्या था और नतीजा क्या हुआ। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक सहित बजट सत्र में कुल 32 विषयों पर विचार होना है। भारत विरोधी नारे लगाने के आरोपी छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई से जेएनयू उबल रहा है। जाट समुदाय शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण की मांग कर रहा है।

नई दिल्ली: जेएनयू में कथित राष्ट्रविरोधी नारेबाजी के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। मामले में छात्र संघ का कहना है कि आरोपी छात्र पुलिस के सामने सरेंडर नहीं करेंगे और गिरफ्तारी देंगे। दूसरी तरफ जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि यूनिवर्सिटी के वीसी पुलिस को कैंपस में आने की इजाजत न दें। वे जेएनयू की जांच समिति पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने पुलिस के जेएनयू कैंपस से दूर रहने, यूनिवर्सिटी के खुद मामले में अंतिम फैसला लेने, छात्रों से आपराधिक मामले हटाए जाने और कैंपस में शांति बनाए रखने की अपील की है ताकि छात्र जांच में सहयोग कर सकें। उमर खालिद समेत जेएनयू के पांच छात्र कल (रविवार) परिसर में सामने आए थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है बल्कि उन्हें एक ‘जाली वीडियो’ इस्तेमाल करके ‘फंसाया’ गया। इन छात्रों की पुलिस देशद्रोह के मामले में खोज कर रही है। छात्रों ने कहा था कि ‘‘वे आत्मसमर्पण नहीं करेंगे लेकिन पुलिस आकर उन्हें गिरफ्तार कर सकती हैं।

नई दिल्ली: उमर खालिद समेत जेएनयू के पांच छात्र आज {रविवार) परिसर में दिखाई पड़े। उन छात्रों ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया बल्कि ‘डॉक्टर्ड वीडियो’ का इस्तेमाल कर उन्हें फंसाया गया। पुलिस ने उनके बारे में सूचना मिलने के बाद एक टीम को वहां के लिए रवाना कर दिया लेकिन छात्रों ने कहा, ‘वे आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, बल्कि पुलिस आकर उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।’ ये पांच छात्र हैं उमर खालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य, रामा नागा, आशुतोष कुमार और अनंत प्रकाश जो राजद्रोह के मामले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की 12 फरवरी को गिरफ्तारी के बाद से लापता हो गए थे। आशुतोष के अनुसार, ‘वे जांच में मदद के मद्देनजर वापस आए हैं। छात्रों और दुनियाभर से हमें जो अपार समर्थन मिला है उसने हमें ताकत दी है। मैं, रामा, अनिर्बन और अनंत आस-पास ही थे लेकिन भीड़ के पीट-पीटकर मारने पर उतारू होने के माहौल की वजह से हम सामने नहीं आए।’ हालांकि, उन्होंने कहा कि वे चारों उमर खालिद के संपर्क में नहीं थे और उससे उनकी कार्यक्रम के दिन नौ फरवरी को बातचीत हुई थी।

नई दिल्ली: जेएनयू से संबद्ध रहे जाट समुदाय के शहीद कैप्टन पवन कुमार का मानना था कि देश के लिए प्यार होना ज्यादा महत्वपूर्ण बात है न कि कैंपस में ‘आजादी’ की मांग करना या उनके जाट समुदाय द्वारा हरियाणा में ‘आरक्षण’ की मांग करना। विशेष बल में अधिकारी 23 वर्षीय कुमार ने शनिवार को अपने आखिरी फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘किसी को आरक्षण चाहिए तो किसी को आजादी भाई। हमें कुछ नहीं चाहिए भाई, बस अपनी रजाई।’ जम्मू-कश्मीर के पंपोर में आज आतंकियों के खिलाफ मुठभेड़ के दौरान कुमार शहीद हो गए। कुमार तीन साल पहले ही पैरा कमांडो के तौर पर सेना में भर्ती हुए थे। जेएनयू और एनडीए के बीच एक सहमति कार्यक्रम के तहत उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से स्नातक किया था। उन्होंने इस विश्वविद्यालय से भी डिग्री प्राप्त की थी। आज एक सात मंजिली इमारत में मुठभेड़ के दौरान 10 पैरा स्पेशल फोर्सेज के अधिकारी कुमार ने अपने पूरे दल का नेतृत्व किया था। इस इमारत को कम से कम तीन आतंकियों ने अपने कब्जे में लिया हुआ था। सेना ने उसे एक ‘प्रेरणादायी नेतृत्वकर्ता’ बताया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख