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नई दिल्ली: देश भर में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं और विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। देश के प्रमुख ज्योतिर्लिगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर के दरबार में दर्शन और पूजन के लिए रविवार देर रात से ही लोगों का तांता लगा हुआ है। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं - वहीं महाशिवरात्रि के मौके पर देश में 10 आतंकवादियों के घुसे हो सकने की खुफिया सूचना के बाद राजधानी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वहीं गृह मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय बैठक भी बुलाई है। इसमें रॉ और आईबी के चीफ के अलावा आला अधिकारियों के शामिल होने की बात कही जा रही है। कोशिश यह है कि कैसे किसी भी घटना को होने से अंजाम देने के लिए अधिक से अधिक चौकसी बरती जा सके।

मुंबई: जेएनयू विवाद की पृष्ठभूमि में जानेमाने वकील मिहिर देसाई ने आज (रविवार) कहा कि यदि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की भी होती, तो सुप्रीम कोर्ट के पहले के निर्णयों के मुताबिक उन्हें ‘‘देशद्रोह’’ के तहत आरोपित नहीं किया जा सकता । ‘बहुलता और आजादी का जश्न’ पर आयोजित एक सेमिनार में देशद्रोह के मुद्दे पर अपनी राय जाहिर करते हुए देसाई ने कहा, ‘‘कन्हैया का मामला (प्रधानमंत्री) मोदी जी, अमित शाह और स्मृति ईरानी की ओर से ‘गांधी के मामले जैसी भूल’ का दोहराव है ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटिश सरकार ने इस कानून के तहत गांधीजी को भी गिरफ्तार किया था, क्योंकि उसने सोचा कि वह इस तरह अपने विचारों को प्रचारित कर सकती है । लेकिन यह उसकी सबसे बड़ी भूल थी, लोकमान्य तिलक को 1897 में इस कानून के तहत तब गिरफ्तार किया गया था जब उन्होंने बंबई प्रांत में प्लेग (महामारी) से निपटने के सरकार के तौर-तरीकों के खिलाफ लिखा था ।’’ देसाई ने कहा कि आजादी से पहले के दौर में किसी को सरकार के खिलाफ ‘बेरूखी’ फैलाने के लिए देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जाता था । उन्होंने कहा, ‘‘1962 में केदारनाथ मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस कानून को हल्के तरीके से देखने की जरूरत है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): जेएनयू विवाद के बीच यूनिवर्सिटी प्रशासन की एक अहम चिट्ठी सामने आई है जिसमें कहा गया है कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 9 फरवरी को हुए कार्यक्रम की जानकारी पहले से थी। जेएनयू के रजिस्ट्रार की चिट्ठी से यह खुलासा हुआ है। जेएनयू के रजिस्ट्रार भुपिंदर जुत्शी ने जेएनयू मामले की जांच कर रही कमेटी को चिट्ठी लिखकर 9 फरवरी के कार्यक्रम की जानकारी दी है। यह चिट्ठी 3 मार्च को लिखी गई है जिसके मुताबिक कन्हैया ने रजिस्ट्रार को फोन कर न सिर्फ कार्यक्रम रद्द करने पर ऐतराज जताया था बल्कि सवाल भी पूछे थे। जेएनयू के रजिस्ट्रार भूपिंदर जुत्शी ने दावा किया है कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी के खिलाफ विवादास्पद कार्यक्रम की इजाजत को रद्द किए जाने पर ऐतराज जताया था। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से इस मामले की जांच कर रही विश्वविद्यालय कमिटी के सामने किए गए खुलासे से अब नए सवाल उठने लगे हैं। रजिस्ट्रार के मुताबिक कन्हैया ने उन्हें फोन कर कार्यक्रम की इजाजत रद्द होने की वजह पूछी थी। अब तक कन्हैया ये कह कर इस विवादित कार्यक्रम से खुद को किनारा करते आए थे कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। मीडिया रिपोर्टों में सामने आया है कि 9 फरवरी को अफजल की बरसी वाले कार्यक्रम की इजाजत जब विश्वविद्यालय रद्द कर दी तो कन्हैया ने रजिस्ट्रार को फोन करके इसकी वजह पूछी थी।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): पाकिस्तान से गुजरात के रास्ते भारत में दस संदिग्ध लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद आतंकवादियों के भारत में घुसने की सूचना पुलिस को मिलने के बाद दिल्ली में आज हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। सूचना के बाद से एनएसजी की चार टीमों को पश्चिमी राज्य के लिए रवाना कर दिया गया। महा शिवरात्रि उत्सव की पूर्व संध्या पर गुजरात के साथ ही अन्य महानगरों और जम्मू-कश्मीर में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। कच्छ और अन्य स्थानों पर छापेमारी की गई और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, संवेदनशील इलाकों तथा मशहूर सोमनाथ मंदिर सहित सभी प्रमुख मंदिरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई जहां एनएसजी की टीम को तैनात किया गया है। गिर सोमनाथ जिले के अधिकारियों ने आतंकवादी खतरे को देखते हुए कल सोमनाथ मंदिर में होने वाले सांस्कतिक समारोह को स्थगित कर दिया है। कोलकाता में एनएससी बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें 24 घंटे के अंदर हवाई अडडे को उड़ा दिए जाने की धमकी ईमेल के माध्यम से मिली है जिसके बाद वहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

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