नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): जेएनयू विवाद के बीच यूनिवर्सिटी प्रशासन की एक अहम चिट्ठी सामने आई है जिसमें कहा गया है कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 9 फरवरी को हुए कार्यक्रम की जानकारी पहले से थी। जेएनयू के रजिस्ट्रार की चिट्ठी से यह खुलासा हुआ है। जेएनयू के रजिस्ट्रार भुपिंदर जुत्शी ने जेएनयू मामले की जांच कर रही कमेटी को चिट्ठी लिखकर 9 फरवरी के कार्यक्रम की जानकारी दी है। यह चिट्ठी 3 मार्च को लिखी गई है जिसके मुताबिक कन्हैया ने रजिस्ट्रार को फोन कर न सिर्फ कार्यक्रम रद्द करने पर ऐतराज जताया था बल्कि सवाल भी पूछे थे। जेएनयू के रजिस्ट्रार भूपिंदर जुत्शी ने दावा किया है कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी के खिलाफ विवादास्पद कार्यक्रम की इजाजत को रद्द किए जाने पर ऐतराज जताया था। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से इस मामले की जांच कर रही विश्वविद्यालय कमिटी के सामने किए गए खुलासे से अब नए सवाल उठने लगे हैं। रजिस्ट्रार के मुताबिक कन्हैया ने उन्हें फोन कर कार्यक्रम की इजाजत रद्द होने की वजह पूछी थी। अब तक कन्हैया ये कह कर इस विवादित कार्यक्रम से खुद को किनारा करते आए थे कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। मीडिया रिपोर्टों में सामने आया है कि 9 फरवरी को अफजल की बरसी वाले कार्यक्रम की इजाजत जब विश्वविद्यालय रद्द कर दी तो कन्हैया ने रजिस्ट्रार को फोन करके इसकी वजह पूछी थी।
यानि उन्हें ना सिर्फ 9 फरवरी के कार्यक्रम की जानकारी थी बल्कि इजाजत रद्द होने की जानकारी भी तत्काल उनके पास पहुंची थी। अब 11 मार्च को जांच कमेटी इस मामले में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इस मामले की जांच कर रही जेएनयू की 5 सदस्यीय जांच कमिटी की रिपोर्ट जमा करने की आखिरी तारीख अब 11 मार्च तक बढ़ा दी गई है। पहले इसकी अंतिम तारीख 25 फरवरी से बढ़ा कर 3 मार्च कर दी गई थी। जेएनयू के रजिस्ट्रार भूपिंदर जुत्शी ने दावा किया है कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी के खिलाफ विवादास्पद कार्यक्रम की इजाजत को रद्द किए जाने पर ऐतराज जताया था। जुत्शी ने कुलपति एम जगदीश कुमार द्वारा गठित उच्च अधिकार प्राप्त जांच समिति के समक्ष बयान दिया है। समझा जाता है कि उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार नौ फरवरी के कार्यक्रम की इजाजत को रद्द करने के अधिकारियों के फैसले के खिलाफ था। इस कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगाए गए थे। जुत्शी ने समिति से कहा कि मैंने अपने कार्यालय में नौ फरवरी को दोपहर तीन बजे जेएनएसयू की एक बैठक बुलाई थी ताकि अशक्त छात्रों के लिए नई बस के मार्ग पर चर्चा हो सके। कन्हैया कुमार और रमा नागा (जेएनयूएसयू महासचिव) सबसे पहले पहुंचे। दोपहर करीब तीन बजे हमने बस मार्ग पर चर्चा की। 10 मिनट के बाद सौरभ शर्मा (एबीवीपी सदस्य और जेएनएसयू संयुक्त सचिव) भी आए। हम सभी ने 10 मिनट तक बस मार्ग पर चर्चा की। जुत्शी ने समिति से कहा कि शर्मा ने बाद में मुझे अफजल गुरु की ‘न्यायिक हत्या’ पर एक ‘सांस्कृतिक कार्यक्रम’ का पर्चा दिखाया और कहा कि कुछ छात्र आज (नौ फरवरी 2016) को शाम पांच बजे साबरमती ढाबा में इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। रजिस्ट्रार ने आगे कहा कि जब विश्वविद्यालय ने इजाजत वापस लेने का फैसला किया तो कन्हैया ने इसे रद्द करने पर ऐतराज जताया था। जेएनयू ने विवादास्पद कार्यक्रम की जांच के लिए 10 फरवरी को एक अनुशासनात्मक समिति गठित की। शुरुआती जांच रिपोर्ट के आधार पर कन्हैया कुमार सहित आठ छात्र अकादमिक रूप से निषिद्ध कर दिए गए। पांच सदस्यीय समिति को रिपोर्ट सौंपने के लिए दो बार विस्तार दिया गया है। इसकी सिफारिशें 11 मार्च को आने की उम्मीद है।