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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): अंतरिम जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा हुए जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने विश्व विद्यालय परिसर में जेल से लौट कर छात्रों के बीच खुलकर अपनी बात रखते हुए केंद्र सरकार और भाजपा एवं उसकी छात्र इकाई एबीवीपी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि 'हमारी किसी के प्रति कोई नफरत नहीं और एबीवीपी के प्रति तो बिल्‍कुल नहीं। उन्होंने कहा कि देश की न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा है। इस बार पढ़ा कम, झेला ज्यादा।उन्होंने कहा कि हम एबीवीपी को विपक्ष की तरह देखते हैं। कन्हैया ने प्रधानमंत्री से भारी वैचारिक मतभेद का ज़िक्र करते हुए कहा कि जेएनयू पर हमला नियोजित था,पीएम 'मन की बात' करते हैं, सुनते नहीं हैं।कथित तौर पर राष्ट्र-विरोधी नारे लगाने के लिए देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे 29 वर्षीय कुमार ने परिसर में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उनके प्रधानमंत्री के साथ कई मतभेद थे लेकिन वह उनके ‘सत्यमेव जयते’ वाले ट्वीट से सहमत हैं जो उन्होंने जेएनयू विवाद पर लोकसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के उग्र लहजे वाले भाषण पर किया था क्योंकि यह संविधान में है।

नई दिल्ली: राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की सजा माफ करने और उन्हें रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि इस मामले में शीर्ष अदालत के निर्णय को मानना हम सब की संवैधानिक और नैतिक जिम्मेदारी है। गुरुवार सुबह कांग्रेस सदस्यों ने तमिलनाडु सरकार के निर्णय पर लोकसभा में गहरा एतराज व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे किसी कदम से देश की अखंडता और एकता पर आघात लगेगा और गृह मंत्री को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए। प्रश्नकाल के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें तमिलनाडु सरकार का पत्र मिला है। पत्र पर गौर कर रहे हैं। इस मामले में शीर्ष अदालत का फैसला आ चुका है। शीर्ष अदालत के फैसले के अनुपालन करना हम सब की संवैधानिक और नैतिक जिम्मेवारी है। हमें उसके अनुसार चलना चाहिए। इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या मामले में तमिलनाडु सरकार ने ऐसे लोगों की सजा को माफ करने की बात कही है जो अदालत से दोषी करार दिये गए हैं। उन्होंने कहा, 'इस मामले में दोषियों को संविधान, सीआरपीसी के तहत दंड दिया गया है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): राहुल गांधी के कल (बुधवार) लोकसभा में किए गए प्रहार के जवाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (गुरूवार) उनके पिता राजीव गांधी, दादी इंदिरा गांधी और दादा जवाहरलाल नेहरू के उद्धरणों और स्टालिन के एक संदर्भ का सहारा लेते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष और अध्यक्ष सोनिया गांधी पर जबर्दस्त पलटवार किया। राहुल के कल के इस आरोप पर कि प्रधानमंत्री से सब मंत्री और भाजपा सांसद डरते हैं और कुछ बोलते नहीं, मोदी ने तत्कालीन सोवियत संघ तानाशाह नेता जोजफ स्टालिन से जुड़े एक प्रसंग को सुनाते हुए कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि स्टालिन के निधन के बाद सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने निकिता ख्रुश्चेव एक बार पार्टी की महासभा में स्टालिन को काफी बुरा भला कह रहे थे, जिस पर सभा में बैठे किसी सदस्य ने उनसे सवाल किया कि तब वह (ख्रुश्चेव) कहां थे? इस पर ख्रुश्चेव ने कहा,कौन है यह ? और उस व्यक्ति के सामने आने पर ख्रुश्चेव ने उससे कहा , आज आप बोल सकते हैं, तब नहीं बोल सकते थे।’’ मोदी ने इस संदर्भ को कांग्रेस नेतृत्व पर पलटवार करने के लिए इस्तेमाल करते हुए कहा, हम सभी लोग सार्वजनिक जीवन में जवाबदेह हैं और कोई भी हमसे सवाल पूछ सकता है। लेकिन कुछ हैं जिनसे कोई सवाल नहीं पूछ सकता और न पूछने की हिम्मत करता है और जो पूछता है उसका हश्र क्या होता है, मैंने देखा है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सियासी हमला किए जाने को लेकर केंद्र सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों ने आज (बुधवार) कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार किया और उनकी ‘परिपक्वता’ पर सवाल खड़े किए। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल की परिपक्वता पर संदेह प्रकट किया और कहा कि जितना वह उन्हें सुनते हैं, उतना ही हैरान होने लगते हैं कि वह कितना जानते हैं और कब जानेंगे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के इस दावे को खारिज कर दिया कि नगा उग्रवादी संगठन एनएससीएन-आईएम के साथ शांति समझौते पर दस्तखत करने से पहले उन्हें सूचित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष का बयान पूरी तरह झूठा और निराधार है और उन्होंने संसद को गुमराह किया है।

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