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वाशिंगटन चौथे परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन (एनएसएस) में शामिल होने के लिए गुरुवार को अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन डीसी में डिनर पर बराक ओबामा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर लगाम के बिना परमाणु आतंकवाद का निवारण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ब्रसेल्स में हुआ हमला हमारे सामने इस बात का प्रमाण है कि कैसे आतंकवाद परमाणु सुरक्षा के लिए वास्तविक और तात्कालिक खतरा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी को आतंकवाद के कुछ बातों ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज का आतंकवाद अत्यधिक हिंसा का प्रदर्शन करता है। हम किसी गुफा में छिपे शख्स की तलाश नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम उस शख्स की तलाश कर रहे हैं जो एक शहर में कंप्यूटर या स्मार्टफोन का इस्तेमाल करता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की जडे़ं वैश्विक स्तर पर फैली हैं लेकिन हम लोग इस खतरे से निपटने के लिए केवल कुछ देशों तक सीमित होकर ही कार्रवाई कर रहे हैं। ओबामा ने परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन से पूर्व डिनर का आयोजन किया था। इस 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी एक अप्रैल को परमाणु सुरक्षा के संदर्भ में कुछ अहम घोषणाएं करेंगे और प्रस्ताव रखेंगे।

नई दिल्ली: पठानकोट आतंकी हमले के मामले में जांच कर रहे पाकिस्तानी दल ने आज (गुरूवार) गवाहों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी की और उन्हें कुछ और दस्तावेज भी सौंपे गये जिसमें सुरक्षा बलों के साथ 80 घंटे तक चले संघर्ष में मारे गये चार आतंकवादियों की डीएनए रिपोर्ट शामिल है। एनआईए सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक मोहम्मद ताहिर राय की अगुवाई वाले संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने आज मामले में गवाहों के बयान दर्ज किये। टीम में आईएसआई के लेफ्टिनेंट कर्नल तनवीर अहमद भी शामिल हैं। उन्होंने कुल मिलाकर 16 गवाहों से पूछताछ की जिनमें पंजाब के पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी सलविंदर सिंह, उनका सर्राफ दोस्त राजेश वर्मा तथा रसोइया मदन गोपाल शामिल हैं। पठानकोट के हमलावरों ने 31 दिसंबर और एक जनवरी की दरमियानी रात को तीनों को अगवा कर लिया था। आतंकवादी प्रतिबंधित पाकिस्तानी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के बताये जाते हैं।

वॉशिंगटन: भारत में ‘लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेब आब्जर्वेटरी’ (लीगो) स्थापित करने के लिए भारत और अमेरिका ने एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये जो भूगर्भीय तरंग खगोल विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर अग्रिम अनुसंधान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह एमओयू केंद्रीय कैबिनेट द्वारा लंबे समय से प्रतीक्षित तीसरे लीगो इंटरफेरोमीटर निर्माण को मंजूरी दिये जाने के करीब एक महीने बाद हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लीगो वैज्ञानिकों की यहां मौजूदगी में परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव शेखर बसु और अमेरिका के नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) निदेशक फ्रांस काडरेवा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये। लंबे समय से प्रतीक्षित तीसरे लीगो इंटरफेरोमीटर के निर्माण से गुरूत्वाकषर्ण तरंगों के स्रोतों का सटीक पता लगाने और संकेतों के विश्लेषण करने के वैज्ञानिकों की क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार होगा। उम्मीद है कि ये 2023 तक काम करने लगेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय परमाणु सुरक्षा सम्मेलन (एनएसएस) में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका में हैं। मोदी ने लीगो से जुड़े वैज्ञानिकों से मुलाकात की जिन्होंने हाल में गुरूत्वाकषर्ण तरंग सिद्धांत सिद्ध किया। मोदी ने इसके साथ उन भारतीय छात्र वैज्ञानिकों से भी बातचीत की जो लीगो परियोजना का हिस्सा हैं।

वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों से बातचीत के साथ गुरुवार को अमेरिकी राजधानी की यात्रा की शुरुआत की। पीएम मोदी भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोगों से मिलने के लिए वाशिंगटन डीसी के उस होटल से बाहर आए, जिसमें वे ठहरे हुए हैं। भारत के इस लोकप्रिय नेता की एक झलक पाने के लिए अमेरिकी-भारतीय समुदाय के लोग सुबह से ही होटल के बाहर एकत्र थे। वे लोग 'भारत माता की जय' और 'मोदी-मोदी' के नारे लगा रहे थे। इस बार अमेरिकी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री का भारतीय मूल के लोगों से मिलने का अलग से कोई कार्यक्रम नहीं है जैसा कि पिछली बार था। पीएम मोदी भारतीय मूल के लोगों से मिलने के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच वहां एकत्र लोगों के पास पहुंचे और उनसे हाथ मिलाया। प्रधानमंत्री परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने यहां आए हैं, जिसमें करीब 50 देशों के शीर्ष नेता परमाणु हथियारों और सामग्री के खतरे के आकलन और इस बारे में विचार साझा करेंगे।

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