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नई दिल्ली: पठानकोट आतंकी हमले के मामले में जांच कर रहे पाकिस्तानी दल ने आज (गुरूवार) गवाहों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी की और उन्हें कुछ और दस्तावेज भी सौंपे गये जिसमें सुरक्षा बलों के साथ 80 घंटे तक चले संघर्ष में मारे गये चार आतंकवादियों की डीएनए रिपोर्ट शामिल है। एनआईए सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक मोहम्मद ताहिर राय की अगुवाई वाले संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने आज मामले में गवाहों के बयान दर्ज किये। टीम में आईएसआई के लेफ्टिनेंट कर्नल तनवीर अहमद भी शामिल हैं। उन्होंने कुल मिलाकर 16 गवाहों से पूछताछ की जिनमें पंजाब के पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी सलविंदर सिंह, उनका सर्राफ दोस्त राजेश वर्मा तथा रसोइया मदन गोपाल शामिल हैं। पठानकोट के हमलावरों ने 31 दिसंबर और एक जनवरी की दरमियानी रात को तीनों को अगवा कर लिया था। आतंकवादी प्रतिबंधित पाकिस्तानी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के बताये जाते हैं।

आतंकवादियों ने वर्मा को कथित तौर पर उनका गला रेतकर छोड़ दिया था और सिंह और गोपाल को लेकर चले गये। उन्होंने दोनों को पठानकोट में एयरबेस से कुछ किलोमीटर पहले छोड़ दिया। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सात सुरक्षाकर्मी भी मारे गये थे। चार आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया था। एनआईए के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी जेआईटी ने एनआईए को चार आतंकवादियों के स्वाब देने को कहा था जिनकी पहचान नासिर हुसैन (पंजाब प्रांत), अबू बाकर (गुजरांवाला), उमर फारक और अब्दुल कयूम (दोनों सिंध से) के तौर पर की गयी। हालांकि भारतीय आतंकवाद-निरोधक जांच एजेंसी ने जेआईटी सदस्यों को आतंकवादियों की डीएनए रिपोर्ट सौंपी और उनका मिलान उनके परिवार के सदस्यों से करने को कहा।

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