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वाशिंगटन चौथे परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन (एनएसएस) में शामिल होने के लिए गुरुवार को अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन डीसी में डिनर पर बराक ओबामा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर लगाम के बिना परमाणु आतंकवाद का निवारण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ब्रसेल्स में हुआ हमला हमारे सामने इस बात का प्रमाण है कि कैसे आतंकवाद परमाणु सुरक्षा के लिए वास्तविक और तात्कालिक खतरा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी को आतंकवाद के कुछ बातों ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज का आतंकवाद अत्यधिक हिंसा का प्रदर्शन करता है। हम किसी गुफा में छिपे शख्स की तलाश नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम उस शख्स की तलाश कर रहे हैं जो एक शहर में कंप्यूटर या स्मार्टफोन का इस्तेमाल करता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की जडे़ं वैश्विक स्तर पर फैली हैं लेकिन हम लोग इस खतरे से निपटने के लिए केवल कुछ देशों तक सीमित होकर ही कार्रवाई कर रहे हैं। ओबामा ने परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन से पूर्व डिनर का आयोजन किया था। इस 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी एक अप्रैल को परमाणु सुरक्षा के संदर्भ में कुछ अहम घोषणाएं करेंगे और प्रस्ताव रखेंगे।

भारत इस सम्मेलन में परमाणु सुरक्षा पर राष्ट्रीय प्रगति रिपोर्ट सौंपेगा। एनएसएस ओबामा द्वारा शुरू किया गया एक द्विवार्षिक कार्यक्रम है। इस शिखर सम्मेलन में इस साल 53 देशों के नेता और राजदूत सहित चार अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं, जिनका उद्देश्य परमाणु सुरक्षा में सुधार लाना व वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना है।

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