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नई दिल्ली: कर चोरों की पनाहगाह माने जाने वाले पनामा में कई भारतीयों द्वारा विभिन्न कंपनियों में धन लगाने के सनसनीखेज खुलासे पर सरकार ने सोमवार को इस पूरे मामले पर एक बहु-पक्षीय एजेंसी समूह का गठन किया है। यह समूह पनामा की एक विधि फर्म के लीक हुए दस्तावेजों की सूचनाओं पर लगातार निगरानी करेगा। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने समूह के गठन की घोषणा करते हुए कहा है कि जिन लोगों ने विदेशों में अपनी अघोषित आय व संपत्तियों का हिसाब देने के लिए सरकार की ओर से गतवर्ष उपलब्ध कराए गए मौके (अनुपालन खिड़की) का लाभ नहीं उठाया। उन्होंने यह खिलवाड़ बहुत महंगा पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पनामा के खुलासे पर आज सुबह उनसे बात की और उनकी सलाह पर एजेंसियों का समूह गठित किया गया है। इसमें कंेद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय की वित्तयी आसूचना इकाई (एफआईयू) के अधिकारी शामिल हैं। याद रहे कि लाखों की संख्या वाले इन दस्तावेजों में कम से कम 500 भारतीयों के नाम भी बताए गए हैं जिनमें फिल्म कलाकार और उद्योगपति शामिल हैं।

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने ग्रामीण भारत की आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान करने तथा अगले कुछ वषरें में किसानों की आय दोगुनी करने के केंद्र के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सिंचाई परियोजनाओं पर काम करने की आज (सोमवार) वकालत की। जेटली ने चौथे ‘‘भारत जल सप्ताह’’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मुकाबले सिंचाई परियोजनाएं वृद्धि के लिहाज से ‘‘तत्काल नतीजे’’ देती हंै। उन्होंने कहा कि अनियमित मौसम सहित अन्य वजहों के कारण आने वाली चुनौतियों से राज्य सरकारें अकेले मुकाबला नहीं कर सकतीं और वादा किया कि केंद्र उन्हें ऐसे प्रयासों में मदद करेगा। जेटली ने कहा कि और पूरी कवायद का मकसद यह है कि जब मानसून कमजोर हो, तब भी बारिश पर आश्रित क्षेत्र वंचित नहीं रहें , उन्हें तब भी अच्छी फसल का लाभ मिले। और यही इसका सार तत्व होने वाला है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की ओर से योगदान दिया जाएगा और इसलिए आज हमारे मूल लक्ष्यों में से एक लक्ष्य अगले कुछ वषरें में ग्रामीण आबादी की आय दोगुनी करना है।

नई दिल्ली: पनामा लीक्स के नाम से अब तक के सबसे बड़े टैक्स लीक का खुलासा हुआ है। इन दस्तावेजों से खुलासा होता है कि कैसे दुनिया के ताकतवर और प्रभावशाली लोग टैक्स हेवन का इस्तेमाल कर अपनी बेशुमार दौलत को छिपाते हैं। दरअसल, यह खुलासा पनामा की लॉ फर्म मोसेक फोंसेका के करीब 1 करोड़ दस लाख दस्तावेजों के लीक होने से हुआ है। इन दस्तावेजों से यह भी पता चलता है कि किस तरह से मोसेक फोंसेका ने अपने ग्राहकों को मनी लॉन्ड्रिंग टैक्स चुराने में मदद की। इंटरनेशनल कन्सॉर्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव ने पनामा पेपर्स के नाम से इन लीक दस्तावेजों को जारी किया। इन दस्तावेजों को दुनियाभर के 100 मीडिया ग्रुप्स के पत्रकारों ने देखा और इसे अब तक की सबसे बड़ी जांच बताया। इस जांच में 70 देशों के 370 रिपोर्टर शामिल थे। हांलाकि इस लिस्ट में नेता, अभिनेता, खिलाड़ी, व्यापार से जुड़ी कई नामचीन हस्तियों के नाम हैं। ये बड़े नाम लगातार सामने आ रहे हैं। अब तक जो बड़े नाम सामने आए हैं उनमें चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनका परिवार, रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, इजिप्ट के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक, सीरिया के राष्ट्रपति बशर- अल-असद, पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और वर्तमान पीएम नवाज शरीफ शामिल है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों बेल्जियम, अमेरिका और सऊदी अरब का पांच दिवसीय दौरा पूरा करने के बाद आज (रविवार) रात स्वदेश लौट आए। वाशिंगटन से प्रधानमंत्री कल रियाद पहुंचे और उन्होंने सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सौद के साथ व्यापक बातचीत की। इस दौरान दोनों ने आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग मजबूत करने पर सहमति जताई। नयी दिल्ली रवाना होने से पहले मोदी ने अरबी और अंग्रेजी में ट्वीट किया ‘आपका शुक्रिया सउदी अरब । मेरी यात्रा के दौरान कई कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए, जिससे हमारे देशों के बीच आर्थिक संबन्ध एवं लोगों के रिश्ते गहरे होंगे।’ प्रधानमंत्री पांच दिवसीय विदेश दौरे पर सबसे पहले ब्रसेल्स गए जहां उन्होंने बहुप्रतीक्षित भारत-ईयू शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और 30 मार्च को बेल्जियम में अपने समकक्ष चार्ल्स माइकल से बातचीत की।

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