नई दिल्ली: शराब कारोबारी विजय माल्या पर शिकंजा कसने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इंटरपोल से मदद मांगी है। प्रवर्तन निदेशालय ने 9000 करोड़ से अधिक का बैंक कर्ज लेकर देश से भागे विजय माल्या के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल से अपील की है। माल्या के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस और गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई मुख्यालय में भी एक पत्र भेजा गया है। गौरतलब है कि ईडी मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के आपराधिक प्रावधानों के तहत संपत्ति को कुर्क करने के लिये देश भर में माल्या की संपत्ति की पहचान तथा उसके मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। उसने कहा कि ईडी माल्या के विभिन्न कंपनियों के शेयरों को कुर्क करने के अपने कदम के बारे में बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी को सूचित करेगा ताकि ‘थर्ड पार्टी’ अधिकार सृजित हो। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि कुर्क की जाने वाली संपत्ति के मूल्य का जो शुरूआती आकलन किया गया है, उसके तहत वह करीब 9000 करोड़ रुपये है। यह माल्या के उपर बैंकों के बकाये के बराबर है। मामले की जांच कर रहे ईडी के अधिकारियों ने माल्या के बंगले, महंगी गाड़ियां, बैंक खाते तथा अन्य संपत्ति के मूल्य का आकलन पहले ही कर चुके हैं।
गौरतलब है कि बुधवार के घटनाक्रम में धनशोधन के लिए गिरफ्तारी के खतरे का सामना कर रहे विजय माल्या को शीघ्रता से वापस लाने के भारत के प्रयासों को तब झटका लगा जब ब्रिटेन ने स्पष्ट कर दिया कि शराब कारोबारी को निर्वासित नहीं किया जा सकता। ब्रिटेन ने भारत से कहा कि वह माल्या के प्रत्यर्पण की मांग करे। ब्रिटेन की सरकार ने हालांकि स्वीकार किया कि वह माल्या के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को स्वीकार करता है और वह भारत सरकार की मदद करने का इच्छुक है। माल्या के उपर सार्वजनिक बैंकों का 9400 करोड़ रूपये का ऋण बकाया है तथा उन पर धन शोधन के आरोप भी लगे हैं। राज्यसभा का सदस्य होने के कारण माल्या के पास राजनयिक पासपोर्ट था। उन्होंने इस माह के शुरू में उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया था। माल्या दो मार्च को लंदन भाग गये थे और उसके एक दिन बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने कर्ज की वसूली के लिए उच्चतम न्यायालय का द्वार खटखटाया था। इसके कुछ हफ्ते बाद सरकार ने माल्या का पासपोर्ट रद्द कर दिया।